Sunday, October 23, 2022

आसमानी बिजली कैसे गिरती है

 बिजली किसे गिरती है

दोस्तो तो एक बार फिर से स्वागत है। आपका technical prithvi में दोस्तों क्या आपको मालूम है। क्यों गिरती है बिजली शायद नहीं मालूम होगा जैसा कि आपकी स्क्रीन पर दिख रहा है।

Bijli kyu girti hai



 कैसे बिजली गिरती है। दोस्तों जो कभी भी आसमान में बिजली कड़कती है। तो हमारे दिल दहल जाते हैं। ऐसे में आपके मन में बिजली कड़कने के बारे में कई सवाल आते होंगे यह कैसे गिरती है कहां ज्यादा से डालती है कैसे बचा जाए क्योंकि हर इंसान का अपने जीवन में बिजली की गड़गड़ाहट से कभी ना कभी तो सामना होता ही है और अगर आपके साथ ऐसा नहीं हुआ तो इसका बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि आगे भी आप बचे रहेंगे इसलिए
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बिजली से कैसे बचें

 बिजली से बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए और क्या नहीं है आज की इस पोस्ट में मैंने आपको दोस्त prayag verma आपको बताने वाला हूं जाफर थंडर स्टॉर्म यानी कि बिजली कड़कने के बारे में बातें जानेंगे जो आपको हैरान कर के रख देगी पोस्ट के नीचे रेड कलर का सब्सक्राइब बटन दिख रहा होगा उस पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर ले और 

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पहले जैसा कि आपको बिजली के बारे में बात बताओगी कि जब बिजली कड़कती है तो लाइटिस्पीड तेज होने की वजह से वह में पहचानी जाती है। लेकिन उसकी आवाज हमारे कान में बाद में आती है। क्योंकि लाइट की स्पीड साउंड की स्पीड से ज्यादा होती है। और इसी वजह से ऐसा होता है। ऐसे में दूसरा आपके दिमाग में इस सवाल आता होगा कि बिजली क्यों कड़कती है।

बिजली क्यों गिरती है

 क्या हम आपको बता दें कि गर्मी में पानी भाप बन के ऊपर चला जाता है। और हर 165 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचते ही उसके टेंपरेचर 1 डिग्री सेल्सियस की कमी आ जाती है यानी कि जितना ऊपर जाता रहता है उतना उसके टेंपरेचर गिरता जाता है ऊपर जाती है बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों का रूप ले लेता है जिसमें आप लोग कई बार देखते होंगे कि आसमान से बर्फ गिरती है और यहीं पर हवा के कारण आपस में टकराने लगते हैं जिस वजह से परीक्षण किया निरीक्षण होता है और उसी की वजह से स्टार्ट करंट उत्पन्न होता है।


 एसी करंट का पॉजिटिव चार्ज ऊपर चला जाता और नेगेटिव चार्ज नीचे आता है। और यही नेगेटिव चार्ज जमीन पर आने के बाद पॉजिटिव चार्ज को ढूंढता है जहां हम को पॉजिटिव चार्ज मिले तो हम वहीं पर स्ट्राइक कर जाए ऐसे में जमीन पर हवा के चलने की वजह से फ्रिक्शन होता है। जिस कारण जमीन पर मौजूद खास वगैरह सभी घर्षण उत्पन्न होता है। और इसे पॉजिटिव चार्ज को ढूंढते हुए आसमान से बिजली कड़कती है। तो डायरेक्ट जमीन पर गिरती है। लेकिन शेर वगैरह ही नहीं बल्कि कई सारी चीजों पर गिरता है। और इसी वजह से ही ज्यादा से ज्यादा उन्हीं चीजों के पास जाती है। जहां से उसे जल्दी चार्ज मिले कि नहीं साफ शब्दों में कहें तो नेगेटिव चार्ज वाली बिजली पॉजिटिव चार्ज को ढूंढते हुए जब गिरती है। तो उसे लाइटनिंग स्ट्राइक्स या बिजली गिरना कहते हैं।


बिजली कितने वोल्ट की होती है

 यीशु बिजली गिरती हो 10 करोड़ वोल्ट की होती है जिसमें 10000 एंपियर का करंट दौड़ता है दोस्तों हमारे घर में जो करंट आता है वह मात्र 220 वोल्ट का है ऐसे में आप सोच लो कि 10 करोड ओल्ड कितना ज्यादा होगा और इसमें से जो बीच निकलती है वह 27000 से 30000 डिग्री सेल्सियस की होती है। ऐसे में अकेले सूर्य का तापमान सरफेस पर 6000 डिग्री सेल्सियस का होता है। जिससे आप समझ सकते हैं कि कितना भयानक तापमान है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि इस की टाइमिंग जो बहुत कम होती है।


 जाए मात्र 0.005 सेकेंड के लिए स्ट्राइक करती है सुदेश का टेंपरेचर लगभग 30000 डिग्री सेल्सियस का होता है लेकिन हवा में जो बारिश की बूंदे होती है वह ठंडी होती है ऐसे में जब कोई चीज गर्म चीज है ठंड से मिलती है तो आवाज करती है ठीक वैसे ही जवाब गरम तेल में सब्जी का तड़का लगाते हैं तो दूर से आवाज आती है या फिर किसी गरम रोड को पानी में डालते हैं। तो उससे भी आवाज आती है। और दोस्तों इसके बचाव के तरीके सामने रखे गए जहां पर बेंजामिन फ्रैंकलिन नाम के वैज्ञानिक ने लाइटनिंग रोड लोगों के सामने रखी जोकर ऊपर की बनी होती है। और इससे हम अपने घर के ऊपर लगा सकते हैं। जिससे तार को कनेक्ट करके डायरेक्ट जमीन पर बिछा देते हैं क्योंकि जब बिजली कड़कती है तो जमीन चाहे कितनी भी तेज बिजली क्यों ना करके उससे बड़े आराम से ले लेती है।


 बिना किसी नुकसान की और इसी वजह से टेलीफोन टावर वगैरह में भी होता है टावर को कुछ भी नुकसान ना हो लेकिन रोड को अकेले लगाने से कोई मतलब नहीं होता क्योंकि इनके वायर को कनेक्ट करके जमीन तक पहुंचाना भी जरूरी काम है ऐसे में दोस्तो सोचो क्या होगा जब कोई हवाई जहाज हवा में जा रहा है। और उसके ऊपर बिजली गिर जाए आप बोलेंगे जहाज गिर जाएगा लेकिन दोस्तो ऐसा कुछ नहीं है। क्योंकि जहाज तो ऐसी मेडल से बनाया जाता है। जिसके ऊपर बिजली गिरे तो करंट पूरे सरफेस एरिया में फैल जाए और पहले के बाद जमीन पर चला जाए हवाई जहाज का इस पर कोई असर होता है।


 और हां एक बात और समझने वाली है कि एरोप्लेन अंदर से खोखला होता है और अगर आपने हाई स्कूल इंटर में साइंस से पढ़ाई की है तो आपको पता होगा कि फैराडे नहीं कि किसने बनाया था इसके ऊपर खड़े होकर वह पिंजड़े पर बिजली रहते हैं और उस पिंजरे के अंदर खड़े हो जाते हैं अब आप सोचेंगे उन पर बिजली क्यों नहीं गिर सकती तो हम आपको बता दे बिजली सर्कंफरेंशियल फ्लोर करती है। इसकी वजह से वह बिल्कुल शॉट यानी छोटा रास्ता खोजती है। अब आपके दिमाग में सवाल आ सकता है। कि अगर इस पिंजरे को छुआ जाएगा तो बिजली का करंट हमें लगेगा तो इसका जवाब ना आए क्योंकि यह बहुत ही बढ़िया कंडक्टर से बना होता है।


बिजली कोंन - कोंन से जगह पर गिरती है

 जो डायरेक्ट बिजली को जमीन तक पहुंचा देता है। आज अभी से जुड़ेंगे तो आपके लिए कुछ बचे गाएंगे और इसलिए कहा जाता है कि जब बिजली गिरी तो कार के अंदर बैठ जाइए यह सबसे सुरक्षित जगह है। क्योंकि बिजली सर्कंफरेंशियल फ्लू करके डायरेक्ट नीचे चली जाती है। जिससे आप तक पहुंच ही नहीं पाती ऐसे मैं दोस्तों जब कभी भी बिजली गिरती है। तो जल्दी से जल्दी किसी कंडक्टर को ढूंढती है। जिसकी वजह से अगर आप मोबाइल फोन पर बात कर रहे हो तो आपका मोबाइल फोन टावर से कनेक्ट होगा जिसकी वजह से बिजली डायरेक्ट आपके ऊपर गिर सकती है। जहां अगर आप किसी तालाब या नदी वगैरह पास खड़े होंगे तो भी बिजली तुरंत आपको गिर जाएगी क्योंकि यहां जल्दी बिजली गिरती है। और रही बात पेड़ों की तो पेड़ों पर बिजली बहुत जल्दी गिरती है। इसलिए जब कभी भी बिजली गिरे तो पैरों से दूर रहना इसके अलावा अगर बिजली गिरे तो सर पर छाता मत लगाओ क्योंकि आप चाहते को उसके हैंडल से पकड़े होते हैं।

 वह डायरेक्ट आपसे जुड़ा होता है। जिसकी वजह से बिजली डायरेक्ट आप पर शक करती है। इसके अलावा घर की खिड़कियों में पकड़ कर भी बिजली का नजारा देखने की कोशिश मत करना क्योंकि वहां पर बिजली तुरंत कैच करके अपना कनेक्टर ढूंढने की कोशिश करती है। खाली मैदान पर बिजली बहुत तेजी से गिरती है। इस वजह से तो खाली मैदान में भागना नहीं चाहिए डायरेक्टर पर गिर सकती है। भाई जमीन पर बैठ गई जिससे बिजली आप पर गिरने की संभावना कम हो जाएंगी और तो और किसी टावर या फिर खंबे के पास मत खड़े हो ना वरना बिजली का झटका लगने से आपको कोई नहीं रोक सकता अब आप पूछेंगे ऐसा क्यों टावर के पास तो लगी होती है। जो बिजली भेजती है दोस्तो आप यहां पर बिल्कुल सही है


 लाइटनिंग रोड़ ही करती है लेकिन जब वह ऐसा करती है तो वह जमीन पर एक सर्कंफरेंशियली एरिया तक जाती है। जहां तक बिजली फ्लोर करती है। ऐसे में अगर आप उस एरिया में खड़े हुए तो आप को बिजली का झटका लग सकता है। और ठीक है। ऐसा ही उन चीजों के साथ भी होता है। जिन की चीजों के बारे में हमने आपको बताया आप इन चीजों से दूर रहें क्योंकि हर चीज का अपना अलग सर्कंफरेंशियली एरिया होता है। और लोग इसी चीज में फंसकर हर साल हजारों की संख्या में अपनी जान बिजली कड़कने की वजह से गवा देते हैं।


 उम्मीद आपको समझ में आ गया होगा कि बिजली क्यों कड़कती है कैसे बचा जाए बाकी आपका इस पर कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताइए आप और हमारे दर्शक उसे जरूर सुनना चाहेंगे और ऐसे इंटरेस्टिंग पोस्ट को लगातार देखने के लिए हमारे वेबसाइट के साथ तब तक जय हिंद जय भारत


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