Thursday, December 1, 2022

हेलीकॉप्टर कैसे उड़ता है

 हेलीकॉप्टर कैसे उड़ता है

दोस्तो एक बार फिर से स्वागत है। आपका technical prithvi में दोस्तो के आपको मालूम है। हेलीकॉप्टर कैसे उड़ता है। शायद नहीं मालूम होगा लेकिन आपको आज एस पोस्ट में मालूम चल जाएगा जैसे कि आपकी स्क्रीन पर दिख रहा होगा कितनी आसानी से हेलीकॉप्टर उड़ रहा है।

Helicoptar kaise udta hai



सबसे पहले हेलीकॉप्टर किसने उड़ाया था

 तापमान में कैसे उड़ रहा है यह किसी को नहीं पता होगा 17 दिसंबर सन 1930 पहली बार एक विमान हवा में उड़ा था। जिसे उड़ाया था। राइट ब्रदर्स ने और तब से लेकर अब तक उनके इस अविष्कार ने दुनिया भर में क्रांति ला दी है। इसकी वजह से हम सभी लोग मीलों का सफर घंटों में तय कर सकते हैं। और बस कुछ ही देर में एक देश से दूसरे देश पहुंच जाते हैं। वरना ट्रेन से सफर कितना लंबा होता है।


 इसका अंदाजा तो आपको होगा ही ऐसे में दोस्तों हर किसी के मन में इस चीज को जानने की जिज्ञासा होती होगी या फिर प्लेन उड़ते कैसे हैं। इनके अंदर किस तरह का मैकेनिज्म काम करता है

 तो दोस्तों हमने आज सोचा क्यों ना आपकी इस जिज्ञासा को थोड़ा कम कर दिया जाए technical prithvi में आप कुछ बताऊंगा कि आखिर हेलीकॉप्टर कैसे उड़ता है।


 तो दोस्तो बने रहिए हमारी पोस्ट के अंदर जिसे देखने के बाद आप वाकई हैरान हो जाएंगे तो दोस्तो नीचे सब्सक्राइब बटन दिख रहा होगा उस पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर ले  तो सबसे पहले एयरप्लेन के बारे में आप लोगों ने बहुत चीजें सुनी होंगी लेकिन जब बात हेलीकॉप्टर की आती है तो हम सिर्फ इतना ही जानते हैं कि ऐसा अभिमान है जिसके ऊपर पंखा लगा होता है।


 और वह बहुत तेज आवाज करते हुए उड़ता है इस चीज की जिज्ञासा हर किसी के मन में होती होगी की आखिरी काम कैसे करता है। जिसके लिए सबसे पहले हम आपको यह याद दिला दें कि जब हम झूठे होते हैं। तो अक्सर अपने हाथ में पतंग की डोर लिए पतंग उड़ाते हैं। क्योंकि अगर आपने कभी पतंग उड़ाई होगी तो आपको यह बखूबी पता होगा कि जब हवा तेज होती है। तो पतंग उड़ाने में काफी आसानी होती है।


 इस वजह से हम एक ही जगह खड़े होकर आराम से पतंग उड़ा सकता है। लेकिन जब हवा धीमी होती है। तो ऐसे में पतंग जल्दी नहीं उठ पाती उसके लिए हमें काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। दोस्तों आपके बचपन की यही दिन केवल हंसी मजाक के नहीं थे बल्कि अगर हम इस तरह की चीजों पर ध्यान दें तो हम यह समझ पाएंगे कि आज के समय में प्लेन और हेलीकॉप्टर आकर क्या है। कैसे जाते हैं बात है कि जिन चीजों का आविष्कार किया है। उन्होंने भी तो पतंग उड़ाने से ही शुरुआत की होगी ना क्यों दोस्तों सही कहा ना मैंने जो पतंग का एंगल थोड़ा सा उठा हुआ होता और सबसे अहम बात यह है।


 कि से उड़ने के लिए हवाओं के साथ इंटरेक्ट करना जरूरी है। ठीक इसी तरह प्लेन के पंख भी थोड़े से उठे होता है। और हवा सेंटर एक्ट करने के लिए यह रनवे में पहले दौड़ते हैं। जैसे हम पतंग उड़ाने के लिए थोड़ी देर दौड़ते थे। ताकि उसका हवा के साथ तालमेल बैठा दें ठीक उसी तरह एरोप्लेन में भी होता है। और वैसे ही उठा हुआ पंखा हेलीकॉप्टर में भी होता है। हालांकि एयरप्लेन की तरह रंग में में नहीं दौड़ता लेकिन हां अपने एक्सप्रेस में ही घूम कर हवा के साथ तालमेल बिठा लेता है।


 और दोस्तों जब हेलीकॉप्टर के पंख अपनी जगह पर घूमना शुरू करते हैं। तो प्रेशर डिफरेंस बनना शुरू हो जाता है। हम आपको बता दें कि बंद के नीचे अधिक और पंख के ऊपर ज्यादा प्रेशर बनता है। जिसकी वजह से ऊपर की हवा नीचे की ओर आने लगती है। और इसी कारण हेलीकॉप्टर को उठने में मदद मिलती है। जिसके बाद हेलीकॉप्टर उड़ना शुरू हो जाता है। बारिश का सबसे बड़ा एग्जांपल ऑफ पॉपुलर यानी पंख है। जिसे हम अपने हाथों से रगड़ कर घूम आते हैं।


 और वह काफी दूर तक घूमते हो चला जाता है। ठीक उसी तरह हमारे बचपन में खेली गई चीजें हमें यह बता देती है। कि बड़ी बड़ी चीजें भी इसी मैकेनिज्म में काम करती है। जैसे कि हेलीकॉप्टर करता है और इसके एक और एग्जांपल के तौर पर आप ड्रोन भी ले सकते हैं। जिससे आपको समझ में आएगा कि पंख के सहारे हेलीकॉप्टर आसमान में कैसे लिफ्ट करते हैं 229 से 40 के दशक में जब एक और दिल कोर्स की हेलीकॉप्टर के डिजाइन तैयार कर रहे थे। तब उनका सामना न्यूटन के थर्ड लॉ ऑफ मोशन पर हुआ इक्वल एंड ऑपोजिट रिएक्शन हेलीकॉप्टर करता था।


 तो उसके बराबर विपरीत फोर्स हेलीकॉप्टर इस कारण हेलीकॉप्टर गोल गोल घूमने लगता था। और इसी चीज को पिक करने के लिए उन्होंने तीन रूटर का इस्तेमाल किया तब जाकर ये प्रॉब्लम हुई हुई तब जैसे कि आप मान लीजिए एक हेलीकॉप्टर का रूट और जो एंटी क्लॉक वाइज घूमता है। और न्यूटन के थर्ड लॉ ऑफ मोशन के अनुसार हेलीकॉप्टर को क्लॉक वाइज रूटेड करने की कोशिश लेकिन तील रोटर घूमकर अपने हेलीकॉप्टर को ब्लॉक साइज रोटेट करने से रोक देगा और इसी वजह से हेलीकॉप्टर स्टेबल ही रहेगा पर यहां सवाल उठता है।


 कि नींद होटल तो बहुत तेजी से घूमता और यह साइड में काफी बड़ा होता है। तो जाहिर सी बात है। कि अधिक पापों से छूट भी जनरेट करेगा तो फिर कैसे इतना छोटा सा डील रूट और इतने अधिक साहस को बैलेंस करवाना है। तो दोस्तों इस चीज का जवाब हेलीकॉप्टर के पीछे बने लंबे से डील में जिसे काफी मजबूत बनाया जाता है। और यह अंदर से पूरी तरह से खोखला होता है।


 साइज बड़ा होने के कारण है। छोटा सा रूट अभी हेलीकॉप्टर को बैलेंस करवाता है। जैसे कि बड़े भारी वजन को उठाने में ज्यादा ताकत होती है। लेकिन जब हम किसी रोड की मदद से उसे उठाते हैं। तो ताकत कम लगती है। इसी तरह हेलीकॉप्टर का टीवी भी काम करता है। अब आपने यह भी देखा होगा कि जब हेलीकॉप्टर आगे की ओर जाता है।


 तो उसका सर आगे की ओर झुक जाता है लेकिन जब पीछे की ओर जाता है। तो उसका आगे वाला हिस्सा ऊपर उठ जाता है। तो दोस्तों हम आपको बता दें कि रूटर में दो प्लेट लगी होते हैं। जब एरोप्लेन को आगे की तरफ जाना होता है। तो पायलट 19 लाइट्स को आगे की ओर झुका देता है। जिसकी वजह से रूद्र के आंगन में भी बदलाव होता है। यानी कि जब रूटर पेट से रूटेड करते हुए आगे की तरफ जाता है। तो इसका एंगल झुक जाता है। गिफ्ट मिलना बंद हो जाता है। जिसके कारण हेलीकॉप्टर का आगे वाला हिस्सा यानी कि हेड नीचे की ओर झुक जाता है। और सेम यही चीज तभी होती है। जब प्लेन ऊपर की तरफ उठती है। रूटर ऊपर की तरफ उठने लगता है। तो इसीलिए क्योंकि प्लेट को उस तरफ किया जाता है।


 जिस वजह से हेलीकॉप्टर भी ऊपर की तरफ उठने लगता है। तो दोस्तों में पूरी उम्मीद है। आपको अब यह समझ आ गया हुआ कि हेलीकॉप्टर का मैकेनिज्म कैसे काम करता है। अगर आपको हमारी आज की पोस्ट पसंद आई हो तो इसके बारे में हमें कमेंट में जरूर लिख देना साथ ही ऐसे इंटरेस्टिंग पोस्ट देखने के लिए हमारे साइट को  शेयर सब्सक्राइब करना ना भूले के साथ जय हिंद जय भारत


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