Tuesday, August 29, 2023

पतिव्रता नारी की क्या पहचान है

 

नमस्कार आपका स्वागत है। दोस्तों एक करता पुरुष किसी भी घर का आधारस्तंभ होता है। वह दिन-रात अनेक कष्ट सहकर अपने परिवार की सुख सुविधा के लिए जी जान एक कर देता है। अपने परिवार को हर खुशी देना, परिजनों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखना उनके भविष्य की चिंता करना वह अपना कर्तव्य समझता है। 

पतिव्रता नारी की क्या पहचान है

मां बाप की सेवा करने में वह पत्नी और बच्चों की इच्छा पूर्ति करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है तो सबके लिए इतना विचार करने वाले परिजनों के लिए कष्ट उठाने वाले उस पुरुष का मान सम्मान भी जरूर होना चाहिए। उसका भी ध्यान रखा ही जाना चाहिए। जब एक पुरुष बालक होता है तब तक उसका ध्यान रखने की जिम्मेदारी उनकी माता की होती है। लेकिन जब वह बड़ा होता है और उसका विवाह हो जाता है ।


तो उसका ध्यान रखना उसकी पत्नी का कर्तव्य हो जाता है और एक पत्नी को अपने पति की हर सुख सुविधा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए क्योंकि पूरे परिवार की जिमेदारी का निर्वहन करने वाले अपने पति का ध्यान एक पत्नी से बढ़कर और कोई नहीं रख सकता है। पति के खाने पीने पहनने ओढ़ने का ध्यान रखना और अन्य सभी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ और भी कई कर्तव्य है जो एक स्त्री को निभाना चाहिए। 


पतिव्रता नारी की क्या पहचान है

पत्नी का सबसे बड़ा कर्तव्य है। उसका पतिव्रता होना हमारे शास्त्रों में ऐसी अनेक महान महिलाओं का वर्णन किया गया है जिन्होंने अपने पतिव्रत की शक्ति से अपने कर्तव्य का निर्वाह किया है। अहिल्या सावित्री वृंदा, सीता, मंदोदरी, तारा, द्रोपदी इत्यादि अनेक ऐसी नारियां हुई है ।


जिन्होंने समय-समय पर कठोर से कठोर परीक्षाएं दी है और अपने पत्नी धर्म को सिद्ध किया है। आज हम देखते हैं कि शास्त्रों के अनुसार पतिव्रता स्त्री के क्या लक्षण होते हैं और पतिव्रता स्त्री को किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। 


No.1 जिस प्रकार परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक पुरुष अपना अधिकांश समय घर के बाहर ही गुजरता है तो उसकी अनुपस्थिति में जो स्त्री अपने पति की छाया बनकर उनके परिवार को संभालती है । उनकी जरूरतों को पूरा करती है। अपने संस्कारों से घर को स्वर्ग बनाती है। घर की स्वच्छता और सुंदरता का ध्यान रखती है। वह स्त्री पतिव्रता स्त्री होती है।


No.2 जो स्त्री अपने पति के माता पिता की सेवा और आदर अपने माता-पिता समझ कर करती है। अतिथियों का स्वागत खुशी से करती है। बच्चों का उचित पालन पोषण करती है। परिवार के प्रति समर्पित होती है। वह स्त्री पतिव्रता होती है। 


No.3 जो स्त्री अपने पति को माता की तरह निस्वार्थ और ईश्वर की तरह अतुलित सम्मान देती हैं व स्त्री पतिव्रता होती है। 


No.4 जो स्त्री संकट के समय अपने पति की सुरक्षा में ढाल बन जाती है जो स्त्री अपने पति को एक कुशल मंत्री की तरह सलाह देती है जो स्त्री अपने पति की मित्र बनकर उस का मार्गदर्शन करती है जो स्त्री अपने पति का गुरु बनकर सही गलत का ज्ञान कराती है जो स्त्री अपने पति को गलत आदतों से दूर रखती है और जो स्त्री अपने पति को शासक बन कर गलत रास्ते पर चलने से रोकती है, वह स्त्री पतिव्रता होती है। 


No.5 जो स्त्री व्यवहार कुशल होती है। धन का अपव्यय नहीं करती है। विपत्ति काल के लिए धन का संचय करती है । वह स्त्री पतिव्रता होती है। 


No.6 जो स्त्री धर्म, कर्म और दान करती है। पूजा पाठ करती हैं, साधु संतों का सम्मान करती है। वह स्त्री पतिव्रता होती है । 


No.7 जो स्त्री अपने पति और परिवार की बिना वजह कभी भी बुराई नहीं करती है। अपने आचरण से समाज में अपने पति और परिवार का मान सम्मान बनाए रखती है वह स्त्री पतिव्रता होती है जो स्त्री मृदुभाषी और मृदुभाषी होती है। पति और परिवार की गुप्त बातों को गुप्त ही रखती है। वह स्त्री पतिव्रता होती है ।


No.8 जो स्त्री पर पुरुष का विचार मात्र नहीं करती । वह स्त्री पतिव्रता होती है। जिस स्त्री का अपने मन मस्तिष्क पर नियंत्रण होता है और वह गलत काम करने के पक्ष में नहीं होती । वह स्त्री पतिव्रता होती है। 


No.9 जो स्त्री अपने पति को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रसन्न रखती है। वह तीन पतिव्रता होती है ।


No.10 जो स्त्री व्यापार और व्यवसाय में आवश्यक होने पति का साथ देती है। नुकसान की स्थिति में पति को ऊपर उठने का बल देती है। वह स्त्री पतिव्रता होती है। यहां तक कि कंगाली की परिस्थिति में भी अपने पति का साथ नहीं छोड़ती है। उसे फिर से उठने का मनोबल देती है। वह स्त्री पतिव्रता स्त्री होती है ।


तो देखा आपने एक स्त्री कितने तरह से अपने पति और परिवार की खुशहाली का कारण बनती है। अपने पति का तन मन और धन से साथ देना भी उस स्त्री के प्रति व्यक्ति की निशानी है और ऐसी ही स्त्री पतिव्रता कहलाती है। पतिव्रता स्त्री तीनों लोकों में सम्मान पाती है ऐसी स्त्रियों पर ईश्वर का आर्शीवाद बना रहता है । 


तो उम्मीद करता हूं कि आप ये भली भांति समझ गए होगे कि पति व्रता स्त्री का गुण क्या है । आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

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