Saturday, August 12, 2023

बाल किस दिन धोना चाहिए और किस दिन नहीं

  

नमस्कार आपका स्वागत है। दोस्तों स्नान करने को हम साधारण सा कार्य समझते हैं। इसी कारण से लोग किसी भी समय पर स्नान कर लेते हैं अथवा कुछ लोग कभी-कभी स्नान करना भी भूल जाते हैं वे लोग स्नान को अधिक महत्व नहीं देते हैं। 

बाल किस दिन धोना चाहिए और किस दिन नहीं

लेकिन दोस्तों शास्त्रों के अनुसार स्नान करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य होता है। स्नान को हमारे सभी पुराणों और शास्त्रों में सबसे अधिक महत्व दिया गया है। स्नान के बिना शरीर की शुद्धि नहीं होती है और जब तक शरीर शुद्ध नहीं होता है। हमें किसी भी प्रकार के कार्य को आरंभ नहीं करना चाहिए। अन्यथा उन कार्यों में विघ्न निर्माण होने लगते हैं। 


शास्त्रों में स्नान करने के संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। यदि स्नान करने की सही विधि का पालन किया जाए तो इसके कई लाभ हमें प्राप्त होते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने स्नान करने की महत्वपूर्ण विधि का वर्णन किया है। जो भी मनुष्य इस प्रकार से स्नान करता है, वह समस्त पापों से मुक्त होकर सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति करता है। 


स्नान करते समय मंत्र बोलने से साक्षात मां गंगा उस स्नान के जल में प्रकट हो जाती है और उस व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने स्नान करने की विधि स्नान करने का सही समय और स्नान करते समय बोले जाने वाले मंत्रों के बारे में बताया है। साथ ही यदि व्यक्ति बीमार है तो उसे किस प्रकार से स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सबसे पहले क्या करना चाहिए। 


यादि प्रकार के महत्वपूर्ण नियम भगवान श्री कृष्ण ने बताए हैं। इसीलिए प्रत्येक मनुष्य को इस विधि का पालन करते हुए नित्य स्नान करना चाहिए। यदि आप इस विधि का पालन करके स्नान करेंगे तो निश्चित ही आपकी दरिद्रता का नाश हो जाएगा और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी। देखते ही देखते आपको सभी कार्यों में सफलता मिलने लगेगी। 


साथ ही महिलाओं को अपने बाल धोते समय भी शास्त्रों के नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। बाल किस दिन धोना चाहिए और किस दिन नहीं शास्त्रों में कुछ विधियों के बारे में बताया गया है। जिस दिन बाल धोना बहुत ही अशुभ माना जाता है। 


बाल किस दिन धोना चाहिए और किस दिन नहीं

हमारे शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने वाले स्नान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ब्रह्म मुहूर्त यानी कि रात्रि का अंतिम प्रहर और सूर्योदय से ठीक 1:30 या 2 घंटे पहले का समय होता है। यानी कि साधारण तय है। सुबह 4:00 से 5:30 तक का समय ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। 


शास्त्रों में यह समय दिन का सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता है क्योंकि इस समय पर वातावरण में अद्भुत और चमत्कारी ऊर्जा प्राप्त होती हैं । यह समय देवताओं का समय होता है लेकिन सुबह 8:00 बजे के बाद स्नान करना हमारे शास्त्रों में उचित माना नहीं गया है। इस समय वातावरण में व्याप्त दैवीय शक्ति बहुत कम हो जाती है। 


मनुष्य में उत्साह और ऊर्जा की भी कमी दिखाई देती है जिससे वह दिनभर आलस का अनुभव करता है। पूरे दिन शरीर में सुस्ती सी रहती है और किसी भी काम में मन नहीं लगता है। 


महिलाओं को किस दिन बाल नही धोनी चाहिए ? 

सुहागन स्त्रियों को अमावस्या पूर्णिमा एवं एकादशी के दिन अपने बाल बिल्कुल भी नहीं धोने चाहीए । एकादशी के दिन अपने बाल भूल से भी नहीं धोने चाहिए। हमारे हिंदू पंचांग के अनुसार सभी त्योहार तिथि के अनुसार ही मनाए जाते हैं जो कि शुभ होते हैं। इसीलिए त्योहारों के एक दिन पहले बाल धोना उचित होगा । परंतु त्यौहार के दिन बाल नहीं धोना चाहिए ।


ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से अगर हम देखते हैं तो अमावस्या एकादशी और पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्र या तो उच्च की स्थिति में होता है। या नीच स्थिति में होता है। ऐसी परिस्थिति में यदि सुहागन औरतें अपने बाल धोने का प्रयत्न करती हैं तो इसका परिणाम उनको स्वयं ही भुगतना पड़ सकता है। उनके घर परिवार में अशांति उत्पन्न हो सकती हैं। 


सोमवार के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं ? 

सोमवार के दिन सुहागन स्त्रियां अपने बाल धो सकती हैं। अगर सोमवार के दिन सुहागन स्त्रियां व्रत रखती हैं तो बाल नहीं धोने चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि सुहागन स्त्रियों के बच्चों का जन्म सोमवार के दिन ही हुआ होगा तो उस दिन में सुहागिन स्त्रियां अपने बाल नहीं धो सकती है । क्योंकि ऐसा करने से उनके स्वयं के बच्चे का अमंगल हो सकता है। 


इसलिए यदि आपके बच्चे का जन्म सोमवार को हुआ है तो बिल्कुल भी सोमवार के दिन अपने बाल को ना धोएं । इससे आपके बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। उसका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। यदि आपके बच्चे का जन्म सोमवार को नहीं हुआ है तो आप बिल्कुल अपने बाल सोमवार को धो सकते हैं और बेहतर परिणाम के लिए आप पलाश फूल के पत्ते को पानी में मिलाकर उसी जल से अपने बाल धोएं। इससे आपके घर में शांति बनी रहेगी और। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । 


मगंलवार के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं ? 

मगंलवार के दिन सुहागिन स्त्री को बाल नही धोना चाहिए उस दिन बाल धोने से आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही वैवाहिक जीवन में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। इसी कारण मंगलवार को बाल धोना पड़े तो उसके दोष से बचने के लिए यह उपाय कर सकते हैं। आप आंवले का चूर्ण या पेस्ट बनाकर उसे अपने बालों में लगा ले। फिर धोले । 


बुधवार के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं ? 

बुधवार के दिन सुहागन स्त्रियां बाल धो सकती हैं, लेकिन अगर के छोटे भाई हैं तो उन्हें बुधवार को बाल नहीं धोने चाहिए क्योंकि उस दिन बाल धोने का दोष स्त्रियों के छोटे भाई को लगता है। इससे बचने के लिए आप वरुण देव या फिर बुधवार के स्वामी गणेश की आराधना कर सकते हैं। 


गुरुवार के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं ? 

गुरुवार के दिन सुहागिन स्त्रियां ही नहीं किसी पुरुष को भी अपने बाल नहीं धोना चाहिए। उस दिन घर में पोछा भी नहीं लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार को बाल धोने से आपके घर में दरिद्रता आती है। यदि सुहागिन औरतें गुरुवार के दिन अपने बाल धोती हैं तो उनके पति की उम्र कम हो सकती है। इसलिए प्रयास करें कि गुरुवार के दिन अपने बाल बिलकुल भी ना धोएं । 


किसी कारणवश अगर बाल धोना पड़े तो उसके दोष से बचने के लिए आपको थोड़ी सी हल्दी या बेसन को मिलाकर अपने बालों में लगाना चाहिए और फिर आप अपने बाल धो सकती हैं। 


शुक्रवार के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं ? 

शुक्रवार के दिन सुहागिन स्त्रियां अपने बाल धो सकती हैं, लेकिन जिन स्त्रियों को पुत्र की कामना हो या जिनके पुत्र हो वे शुक्रवार के दिन अपने बाल न धोएं । शुक्रवार के दिन अगर अनिवार्य कारणों से बाल धोना पड़े । तो उसके लिए आपको बालों में थोड़ा दही लगाना चाहिए और फिर बाल धोने चाहिए इससे नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा ।


शनिवार के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं ? 

शनिवार के दिन सुहागिन स्त्रियों को बाल नहीं धोना चाहिए क्योंकि सभी ग्रहों में शनि देव को सबसे उच्च स्थान दिया गया है और सभी लोग शनिदेव के क्रोध से डरते हैं। इसलिए शनिदेव के दोष से बचने के लिए आप अपने बालों में दूध लगाएं और फिर ढोए । 


पीरियड में बाल किस दिन धोना चाहिए

सुहागन स्त्रियां जिस मांग में सिंदूर भरती है । उसे गंगा स्थल भी कहते हैं। इसीलिए इसे पवित्रता और सौभाग्य की निशानी मानी गई है। सुहागन स्त्रियों को अपने मांग में सिंदूर लगाकर ही पूजा करनी चाहिए। लेकिन पुरुष को हर दिन अपने बाल धोकर ही पूजा करनी चाहिए। हालांकि इससे अलग धारणा है कि शनिवार मंगलवार और गुरुवार के दिन ग्रह नक्षत्रों की दशाएं तथा अनंत ब्रह्मांड में से आने वाली अनेक सूक्ष्म किरणें, मानवीय मस्तिष्क पर अत्यंत संवेदनशील प्रभाव डालती हैं। 


यह स्पष्ट है कि इंसानी शरीर में अंगुलियों के अग्रभाग तथा उसका सिर अत्यंत संवेदनशील होते हैं। कठोर नाखूनों और बालों से इनकी रक्षा होती है इसीलिए ऐसे प्रतिकूल समय में इनका काटना शास्त्रों में वर्जित निंदनीय और धार्मिक कार्य माना गया है तो दोस्तों इस प्रकार से शास्त्रों में स्नान करने और बाल धोने के संबंध में महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। 



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