इस्लाम धर्म में मांस खाना जायज माना गया है। पर इसमें भी कुछ शर्ते हैं कि वह क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खा सकते हैं। दर्शाल मुसलमानों का खाना, पीना उठना बैठना, सोना , चलना सब का तरीका दीन ए इस्लाम ने बताया है और अधिकतर मुसलमान अपनी जिंदगी तीन इस्लाम पर गुजारना है। अपना परम कर्तव्य समझता हैं ।
क्यों मुसलमान सूअर का मांस नहीं खाते?
और इसी में अपने लिए भलाई की तलब करता है। मुसलमानों को अल्लाह ने उत्तम दर्जे का विज्ञान दिया है। जिन बातों को आज विज्ञान हमें सीखा रहा है मुसलमान उन्हें बहुत पहले से ही जानते हैं । क्योकि आज के वैज्ञानिक दौर में हम कह सकते हैं कि कौन सी चीज हमारे लिए अच्छी है और कौन सी चीज हमारे लिए नुकसानदायक है।
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मुसलमानों की सबसे पवित्र किताब कुरान पाक की सूरह 2 आयत 173 सुरह 5 आयत 3 सूरह 6 आयत 145 सुरह 16 आयत 115 में इस विषय पर स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि वह ऐसे कोई भी जानवर का मांस नहीं खा सकते हैं जो हलाल ना हो और जो जीवा ना किया गया हों ।
कुरान में सुअर खाने के बारे में क्या लिखा है ?
आपको बता दें कि कुरान पाक में इस बात का जिक्र किया गया है । की मरे हुए जानवरों का मांस खाना हराम माना गया है। अगर जानवर किसी तरह से मर गया है। एक्सीडेंट हुआ है या फिर बीमारी से मरा है। ऐसे किसी भी तरह का जानवर जो अल्लाह का नाम लेकर जीवा ना किया गया हो, उसको खाने की मनाही होती है।
सूअर के मांस खाने से कौन सी बीमारी होती है?
दरअसल सूअर का मांस खाने से आपके शरीर में 72 तरह की बीमारियां हो सकती है। इस बात की पुष्टि करके विज्ञान ने भी इसको खाने से मना किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस बात को कुरान पाक ने लगभग 14०० साल पहले ही बता दिया था। सूअर का मांस बहुत से रोगों का कारण होता है।
इशाओ के अलावा जो अन्य गैर मुस्लिम या नास्तिक लोग है । वे सुअर के मास हराम होने के संबंध में बुद्धि तर्क और विज्ञान के हवाले से संतुष्ट हो सकते हैं। सूअर के मांस से कम से कम 70 विभिन्न रूप जान लेते हैं। किसी व्यक्ति के शरीर में विभिन्न प्रकार के कीड़े हो सकते हैं।
सुअर खाने से शरीर में कोन सा कीड़ा होता है ?
जैसे गोलाकार, कीड़े की नकीले कीड़े , या फिर सीतक रूमी आदि सबसे ज्यादा घातक कीड़ा t pop है। यानी फीता रूमी कीड़ा यह कीड़ा बहुत लंबा होता है और यात्रियों में रहता है। इसके अंडे खून में दाखिल होकर शरीर के लगभग सभी अंगों में पहुंच जाते हैं। अगर यह कीड़ा दिमाग में चला जाता है तो इंसान की स्मरण शक्ति समापत हो जाती है अगर दिल में दाखिल हो जाता है तो ह्रदय गति रुक जाने का कारण बनता है।
अगर यह कीड़ा आंखों में पहुंच जाता है। तो इंसान की देखने की क्षमता समाप्त कर देता है । अगर वह जिगर में चला जाता है तो उसे भारी क्षति पहुंचाता है। इस प्रकार यह कीड़ा शरीर के अंगों को क्षति पहुंचाने की क्षमता रखता है। सूअर के मांस के बारे में एक भ्रम यह है कि अगर उसे अच्छी तरह पका लिया जाए तो उसके भीतर पनप रहे उपरोक्त कीड़ों के अंडे नष्ट हो जाते हैं।
अमेरिका में किए गए एक शोध में यह बात सामने आई है कि 24 व्यक्तियों में से जो लोग सुअर के शिकार थे, उनमें से 22 लोगों ने सूअर के मांस को अच्छी तरह पकाया था। इससे मालूम हुआ कि सामान्य तापमान में सूअर का मांस पकाने से यह घातक अड्डे नष्ट नहीं हो पाते।
सुअर खाने से मोटापा बढ़ता है ?
सूअर के मांस में मोटापा पैदा करने वाले तत्व पाए जाते हैं। दर्श्ल सूअर के मांस में पुथो को मज़बूत करने वाले तत्व बहुत कम पाए जाते हैं। इसके विपरीत उसमें मोटापा पैदा करने वाले तत्व अधिक मौजूद होते हैं। मोटापा पैदा करने वाले यह तत्व खून की नाडियो में दाखिल हो जाते हैं और हाई ब्लड प्रेशर यानी उक्त रक्तचाप और हार्ट अटैक आनी दिल के दौरे का कारण बनते हैं।
आमतोर पर देखा जाएं तो सुअर खाने के कोई भी फायदे नही है । बल्कि इससे नुक्सान ज्यादा होता है । क्योंकि सुअर मल खाने के कारण उसके अंदर कई प्रकार के कीड़े जन्म लेते हैं । जो इंसानों के अन्दर चले जाते हैं ।
हमारा आपसे एक ही विनती है । सुअर खाने के कोई भी फायदे नही है । इसमें बहुत ही ज्यादा बिमारी है । इसीलिए सुअर का मांस ना खाएं । हमारा मकसद है आपको सही जानकारी देना । बल्कि आप खा सकते हैं । अपने दोस्तो के पास जरूर शेयर करें ।
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