Friday, January 5, 2024

मुसलमान अपनी बहन से शादी क्यों करते हैं

 

इस्लाम में क्यों करते हैं बहन से निकाह जान ये यह सच क्या है मुसलमान भी हैं अपने इस सच्चे अनजान इस्लाम धर्म का वो सच जिसे जानकर आप के भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। पुरे दुनिया में अपनी जड़ें मजबूत करने वाले मुसलमानों के बारे में तो हम सभी जानते हैं जिनके रहने बोलने और रहने हर चीज का तरीका वाक्यों से अलग है। 

मुसलमान अपनी बहन से शादी क्यों करते हैं

बस सवाल ये आता है आखिर मुसलमान कौन है इनका असली सच क्या है। क्यों इस्लाम धर्म में लोगों को जलाया नहीं जाता, बल्कि दफनाया जाता है। आखिर क्यों इस्लाम धर्म के लोग मांस खाना पसंद करते हैं। हमारे आज के इस पोस्ट में आपको इस्लाम धर्म से जुड़े हर उस सवाल का जवाब मिलेगा जिसे आप सभी के लिए जानना बहुत जरूरी है। 


मुसलमान अपनी बहन से शादी क्यों करते हैं

चाहे आप हिंदू हो या मुसलमान इस पोस्ट के अंत तक बने रहें और अपने मन में किसी प्रकार की नकारात्मकता लाने से पहले पोस्ट को अंत तक जरूर देखेगा। दोस्तों सबसे पहले सवाल आता है कि इस्लाम धर्म क्या है और उसका अस्तित्व कहां से आया। अब हमें नहीं लगता कि खुद इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग यह जानते होंगे कि उनके धर्म की सबसे पहले शुरुआत कहां से हुई थी ।


इस्लाम धर्म की शुरूवात कब हुआ था ? 

लेकिन अगर हम इतिहास के पन्नों को खोल कर देखें तो ऐसे बहुत से सबूत मिलते हैं जो इस्लाम धर्म के बारे में काफी कुछ बताते हैं । तभी तो जानकारों का कहना है कि इस्लाम धर्म का सीधा संबंध रामायण से है । रामायण के युद्ध के दौरान भगवान राम और उनकी सेना ने सभी राक्षसों का वध कर दिया था। 


सुरपनखा से इस्लाम धर्म हुआ था ? 

लेकिन सिर्फ सूर्पनखा का वध नहीं किया गया था। उसकी नाक और कान काट कर छोड़ दिया गया था, जिसके बाद सुपनखा अपना चेहरा कपड़े से छुपा कर रखती थी। अपने भाई रावण की मृत्यु के बाद सूप नखा अपने पति के साथ सुखला चार्य के पास गई । और जंगल में उनके आश्रम में रहने लगी। रामायण के युद्ध के बाद राक्षसों का वंश खत्म ना हो जाए। 


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इसलिए राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य ने शिवजी की आराधना करें। और शिव जी प्रकट हो गए । भगवान शिव ने अपना स्वरूप शिवलिंग शुक्राचार्य को देकर कहा, जिस दिन कोई हिंदू इस शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ा देगा, उस दिन राक्षसों का नाश हो जाएगा। तब तक के लिए जा राक्छो का वंश है । वह इसी से चलता रहेगा। 


मक्का मदीना में हिंदू जाने से मुस्लामन खत्म हो जायेगा ? 

भगवान के दिए हुए शिवलिंग को शुक्राचार्य बिल्कुल सुरक्षित जगह पर रखना चाहते थे ताकि कोई भी हिंदू उस तक पहुंच ना जाए। इसलिए शुक्राचार्य ने शिवलिंग को हिंदुओं से दूर रेगिस्तान स्थान में स्थापित कर दिया। इसलिए लोगों द्वारा कहा जाता है कि मक्का मदीना में शिवलिंग मौजूद है जिस पर अगर कोई हिंदू गंगा जल चढ़ा देगा तो पृथ्वी पर मौजूद सभी मुसलमानों का सर्वनाश हो जाएगा। 


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लेकिन इन बातों को बेतुका और बकवास बताते हैं। उनका कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है परंतु अगर हम पौराणिक कथाओं की मानें तो यह वही शिवलिंग है जिसे शुक्राचार्य ने हिंदुओं से बचाए रखने के लिए रेगीस्तान में छुपाया था । और इसी कारण कोई भी हिंदू मक्का मदीना के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता क्योंकि अगर किसी हिंदू ने अंदर मौजूद शिवलिंग पर गंगाजल डाल दिया तो सुरपनाखा  के वंशजों की अंतिम घड़ी आ जाएगी। 


अब कई लोगों को यह बात बकवास लग रही होगी और हम अगर कड़ियों को जोड़कर देखें तो उस समय सूर्फनाखा अपना चेहरा ढक कर रखती थी। वह परंपरा आज भी उसके वंशज निभा रहे हैं । आज भी इस्लाम धर्म को मानने वाली महिलाएं अपना चेहरा ढक कर रखती हैं। तभी तो इस दुनिया में एक बहुत बड़ी संख्या में लोग मुसलमान को सुपर नखा का वंशज कहते हैं। 


मुस्लमान शुक्रवार के दिन ज्यादा महत्व क्यों देते हैं ? 

अगर गौर किया जाए तो राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उन्हें वरदान दिया था। इसी कारण मुसलमान खासतौर पर शुक्रवार के दिन को कुछ ज्यादा ही महत्व देते हैं। अगर यह सारी बातें सुनने में आप सोच रहे हैं कि इस्लाम धर्म पैदा कैसे हुआ तो जनाब सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें कि इस्लाम कोई धर्म नहीं बल्कि एक मजा भी दिनचर्या है। यहां पर मजहब का मतलब होता है। अपने कबीले के करो को बढ़ाते चले जाना है। यानी कि अपने कबीले में रहने वाले लोगों की संख्या को बढ़ाते रहना और यह चीज इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग बहुब भी कर रहे हैं। 


इस्लाम क्या धर्म है ? 

तभी तो चाहे बच्चा पैदा करके या फीर जबरन धर्म परिवर्तन कराकर लगातार मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब सवाल आता है कि इस्लाम धर्म के लोगों को जलाने के बजाय दफना क्यों दिया जाता है। यह बात तो आप सभी जानते होंगे कि इस्लाम धर्म की स्थापना करने वाले मोहम्मद अरब के रहने वाले थे और अरब के देशो में सिर्फ और सिर्फ रेगिस्तान पाए जाते हैं । 


अरब में जंगल तो छोड़िए, पेड़ पौधे और हरियाली दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती। इक्का-दुक्का ही पेड़-पौधे रेगिस्तानी इलाकों में नजर आते हैं। यही कारण है कि वहां पर जब लोग मरते हैं । तो उन्हे जलाने के  बजाय जमीन में दफना दिया जाता है क्योंकि जलाने के लिए लकड़ियां नहीं होती और यह चीज सालो से मुसलमान करते आ रहे हैं । 


और अब उन्होंने इस चीज को अपनी परंपरा समझ ली है । इतना ही नहीं रेगिस्तानी इलाकों में हरियाली तो होती नहीं है। इसी वजह से वहां पर हरा रंग देखकर इंसान चला जाता है जो कि सूचक का काम करता है। इसलिए हरे रंग को इस्लाम धर्म में इतनी ज्यादा मान्यता दी गईं हैं ।  और अगर सवाल करें कि मुसलमान सर पर टोपी क्यों पहनते हैं ।


मुस्लमान टोपी क्यों पहनते हैं ? 

तो दोस्तो अरब के देशों में पढ़ने वाली भयानक गर्मी के बारे में तो आपको पता ही होगा जिसकी वजह से वहां के लोगों को तेज धूप में रेगिस्तान में सफर करना पड़ता है। यही कारण है कि वहां के लोग अपने सिर को ढकने के लिए टोपी पहनते हैं ताकि धूप की गर्मी से बीमार ना पड़े और यह प्रथा आज भी चली आ रही है। 


तभी तो अरब के देशों में लोग अपने सर पर कपड़ा बांध कर रखते हैं जिससे धूप की गर्मी उन्हे नुकसान न पहुंचाए। यह तो आप सभी जानते होंगे कि मुसलमानों में खतना किया जाता है, लेकिन इसके पीछे भी लोजिक है ।  


इस्लाम में खतना क्यों करता है ? 

अरब देशों में पानी की बहुत ज्यादा कमी देखने को मिलती है । इसे में लिंग आनी  मूत्र मार्ग को साफ करने में पानी खराब ना हो और हाइजीन भी बना रहे हैं। इसलिए लोग खतना करवाते हैं । जिससे प्राइवेट पार्ट के आगे वाले हिस्से को काट दिया जाता है और यह अभी तक चलती आ रही है और जो सबसे ज्यादा अहम सवाल आता है वह है यह कि मुसलमान आपस में भाई बहन से शादी क्यों कर लेते हैं ।


मुस्लमान भाई बहन में शादी क्यों करते हैं? 

तो दोस्तों यह लोग एक कबीले के खानाबदोश होते थे इसीलिए आपस में भाई बहन का ही निकाह हो जाता था। इसलिए उन्हें शादी करने के लिए कही दूर रिश्ता ढूंढने की जरूरत नहीं थी। पर वह लोग शादी करने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखते थे कि जिसके साथ वह शादी कर रहे हैं, उसका भाई या बहन ना हो। 


अगर कोई चाचा आया  मामा बगैरा का लड़का लड़की है तो उसके साथ यह लोग आराम से शादी कर अपना घर बसा सकते हैं। बस शर्त यह है कि जिस शख्स इस्लाम धर्म में शादी होती है । उसके घर में आपकी मां की कोख से ना हुआ और दोस्तों खानपान की बात करी जाए तो आप भी यह अच्छे से जानते हैं कि अरब के देशों में रेगिस्तान के अलावा कुछ भी नहीं देखने को मिलता है। 


वहां पर खेती बारी करना या फीर फलों को उगा कर खाना असंभव सा है। इसी वजह से वहां के लोग जानवरों को मारकर अपना भोजन बनाते हैं और वहीं परम्परा आज तक चलती आ रही है। अब हालात बदल चुके हैं। लोग गेहूं आटा चावल भी खरीद सकते हैं । लेकीन सालों से अपनी परंपरा को निभाते हुए वह लोग ज्यादातर पुराने समय की तरह ही जानवरों को मारकर खाना पसंद करते हैं। 


इस्लाम में कुर्बानी क्यों किया जाता है? 

लेकिन वह खाने के लिए जिस जानवर को मारते थे, उसे कुर्बानी का नाम दे देते थे, जिसके मुताबिक अगर जानवर की कुर्बानी करी गई है तो उस जानवर को अल्लाह के नाम पर मारा गया है ताकि जानवर की हत्या का पाप उनके सर पर ना आए। धीरे-धीरे यह प्रथा बढ़ती चली गई और अब तो एक त्यौहार के रूप में भी मुसलमान मानते हैं । मुसलमानों के कबीले की संख्या को अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके। 


इसलिए कबीले में एक आदमी को चार शादियां करने की इजाजत अगर इन सारी बातों पर गौर किया जाए तो इससे यह चीज साफ हो जाती है कि इस्लाम कोई धर्म नहीं। बल्की एक कबीला है । जिससे सिर्फ जनसंख्या बढ़ाने के लिए बनाया गया है और इसके जो नियम है वहीं के सिद्धांत नहीं बल्कि इनके दिनचर्या है। जिस तरह वातावरण इन्हें मिला उसी हिसाब से लोगों ने जीना शुरु कर दिया । 


इसलाम की संख्या सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा? 

आज भी वातावरण और आसपास का माहौल बदलने के बावजूद यह लोग उसी तरह से अपनी जिंदगी बिता रहे। दोस्तों हमने आपको इस्लाम से जुड़ी जितनी भी बातें बताई वह सारी सच्चाई है। तभी तो आज इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पर जाकर भी कोई रोक नहीं लगा सकता। जिस हिसाब से मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले कुछ ही सालों में दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमान की आबादी देखने को मिलेगी। 


अब हमारे बहुत से मुसलमान भाई बहनों को यह सारी बातें सुनकर बुरी लग रही। हम उनके धर्म को इस तरह से कह रहे हैं। पर दोस्तों हमारा इरादा किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि हम तो आपके सामने कुछ ऐसे facts रख रहे हैं जो पूरी तरह से लॉजिकल है और अगर आप उस पर गौर करेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि हम जो कह रहे हैं, वह वाकई में सच हो सकता है। इन सब की सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग खुद ये नही जानते हैं । 




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