Monday, October 23, 2023

दुश्मन से बदला लेने के तरीके

  

श्री कृष्ण उपदेश शत्रु को हराने की इससे अच्छी तरकीब नहीं होगी कहीं । कहां जाता है कि हर किसी व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा पल आता है जब वह सही गलत कि पहचान भूल जाता है। या यू कहे तो उसे समझ नहीं आता कि उसे क्या करना चाहिए । 

दुश्मन से बदला लेने के तरीके

ऐसे में कहा जाता है कि इन सभी समस्याओं का समाधान केवल एक ही जगह से मिल सकता है । और वह है श्रीमद्भागवत गीता । जी हां कहां जाता है इंसान को अपने जीवन में कैसे भी असफलता का सामना क्यों न करना पड़े। अगर इसने दिए गए श्री कृष्ण के उद्देश को अपना ले । तो उसका जीवन सुधर सकता है। 


मगर आजकल की भागदौड़ भरी इस जीवन में किसी के पास इतना समय नहीं है। कि इसे पढ़ सकें । और ज्ञान प्राप्त कर पाए । आज हम आपको बताने वाले हैं। श्री कृष्ण द्वारा बताई गई कुछ ऐसी ही बातें जिन्हें समझना प्रत्येक मनुष्य के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है । 


दुश्मन से बदला लेने के तरीके

श्री कृष्ण कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को ब्रह्मा मूहर्त में उठना चाहिए । संध्या होने के बाद जब रात्रि का अंधकार सारे संसार को धीरे - धीरे अपने अंधकार में निगलने लगता है । तो यही अंधकार ब्रह्मा मूहर्त में भोर होने से ठीक पहले तनिक अधिक काला हो जाता है । 


ठीक ऐसा ही होता है मानव जीवन जब हमारे जीवन की समस्याएं अंत पर होती हैं तो यही समस्याएं एक भीषण समस्या का रूप लेकर हमारे सामने चुनौती बनकर खड़ी हो जाती है । ऐसे प्ररिस्थिति में अधिकतर लोग हार मान जाते हैं। परंतु अगर आप भाई न खाएं। हार न मानें दृढ़ता के साथ खड़े रहे अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ते रहे । 


तो प्रकाश के रुप में सूर्य उदय हमारा स्वागत करता है। बरगद का वृक्ष जितना विशाल होता है, उतना ही दृढ़ होता है। पतझड़ में फूल सूख जाता है परंतु दुर्बल नहीं होता नहीं टूट कर गिरता है । मगर इनके विपरीत अगर दलदल में उबजे वृक्षों की बात करें तो वह दिखने में तो बहुत बड़े होते हैं । पतझड़ के आने जाने से उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता । वो सदा हरे भरे रहते हैं। 


दुश्मन से बदला लेने का सबसे खतरनाक अमल

परंतु इतने कमजोर भी होते हैं कि जल धारण की जलधारा के वेग से ही गिर जाते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है । इसका कारण क्या है जिसकी जड़ें पृष्ठभूमि में हो वह हर प्रकार की रीतियों को सह लेता है। इसके विपरीत जिसकी जड़े दलदल में वह अपने आपको उन जड़ों के अनुरूप दुर्लभ बना लेता है । 


कुछ ऐसा ही होता है मनुष्य जीवन जो अधर्म आश्त्या , कुकर्म करता है । वो समय की एक मार भी सह नहीं पाता और जो मनुष्य सत्य से उपजा है । वो अपने जीवन की हर समस्या को पार कर जाता है । जिसका अर्थ यह है कि ये आप पर निर्भर करता है कि आप क्या बनना चाहते हैं । 


दुश्मन को कैसे कमजोर करें

हमारे जीवन में मित्र और शत्रु का बडा महत्व होता है । अगर गम्भीरता से सोचा जाएं । तो कोई ऐसा छन् नही जब हम अपने मित्रों और शत्र्यो के बारे मै ना सोचते हो । हमारा हर कार्य या तो हमारे मित्रो के हित के लिए होता है । या अहित के लिए । 


हम हर अस्थान या अपने मित्रों के साथ होते हैं । या शत्रियो के साथ कोई नही जानता कि उसका शत्रु खुश रहें । बल्की प्रतेक वक्तिय चाहता है उसका नाश हो जाएं । जिसके लिए वो उसे हर तरह से हानि पहुंचाने के कोशिश करता है । 


परंतु एक ऐसा भी मंत्र है जिसे अपनाकर आपको क्रोध नही करने पड़ेंगे । ओर आपके सारे शत्रु का नाश भी हो जायेगा । ओर वो मंत्र शत्रु को मित्र बनाना जी हां अगर हम अपने दुश्मन को मित्र बना ले । तो जीवन खुद ही सरल हो जायेगा । 


( Note ) दोस्तों दुश्मन भी कई प्रकार के होते हैं जो कोई लोग बात से समझ जाता है । तो वही पर कई शत्रु ऐसे भी होते हैं । जो लात का भुत बात से नही समझता है । उसे लात देना ही पड़ता है । ओर जब आप उसे इसी प्रकार छोड़ देते हैं । तो वो आपको कमजोर समझता है । 


दुनिया में सभी का दुश्मन है इसलिए आपको ज्यादा इनके बारे में नहीं सोचना चाहिए । ओर आप आगे बढ़ते रहिए । आपके मन में कोई विचार हैं तो कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए आप का धन्यवाद ,,,,,,,,,,

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