Tuesday, August 22, 2023

8:00 बजे के बाद नहाने से क्या होता है


नमस्कार आपका स्वागत है। दोस्तों स्नान केवल साधारण कार्य नहीं है। इसे शास्त्रों में तब के समान माना गया है। स्नान करना इतना आवश्यक होता है कि इसके बिना मनुष्य के शरीर की शुद्धि नहीं होती है। प्राचीन काल में पवित्र नदियों में स्नान करके शरीर को रोग एवं पापों से मुक्त किया जा सकता था । 

8:00 बजे के बाद नहाने से क्या होता है

किंतु आज के समय में प्रत्येक मनुष्य नदी में स्नान नहीं कर सकता। इसके लिए शास्त्रों में कुछ बहुत रहस्यमई मंत्रों का निर्माण किया गया है। इन मंत्रों का उच्चारण करना बहुत ही आसान होता है, लेकिन इनका प्रभाव बहुत ही चमत्कारिक माना गया है। 


भगवान श्री कृष्ण ने स्नान की जो विधि बताई है और जिन मंत्रों के बारे में बता कर कोई साधारण मानव किस विधि से स्नान करता है और स्नान करते समय इन लघु मंत्रों का जाप करता है तो उसके समस्त पापों का नाश उसी क्षण हो जाता है। उसके जीवन से दुख दरिद्रता का नाश होता है और उसे लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। 


8:00 बजे के बाद नहाने से क्या होता है

श्री कृष्ण कहते हैं। नित्य स्नान करने वाले मनुष्य के पास ही लक्ष्मी का वास होता है जो स्नान नहीं करते हैं। उनके पास दुर्भाग्य और दरिद्रता निवास करते हैं। नित्य स्नान न करने वाले मनुष्य को नाना प्रकार के रोग घेर लेते हैं। लक्ष्मी उसे छोड़ कर चली जाती है और वह मनुष्य अपने पतन के मार्ग की ओर चलने लगता है। 


स्नान किए बगैर किसी भी प्रकार का धार्मिक और पवित्र कार्य नहीं करना चाहिए जो मनुष्य बिना स्नान किए ही धार्मिक कार्य करता है। उसे महा पाप लगता है। सस्त्रो में अस्पथ रूप से कहा गया है । बीना स्नान किए पूजा पाठ यादि कार्य नहीं करना चाहिए । 


भगवान श्री कृष्ण ने इस अत्यंत महत्वपूर्ण विधि के बारे में विस्तार से बताया है। स्नान करने का सही समय करने की दिशा अर्थात स्नान करते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए। स्नान के कितने प्रकार हैं, स्नान करते समय कौन से मंत्र का उच्चारण करना चाहिए । आदि प्रकार की अत्यंत गोपनीय बातों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। 


स्नान करने की यह विधि अत्यंत सरल है। इसमें अधिक कठिनाई नहीं है। साधारण मनुष्य इस विधि से स्नान कर सकता है और उत्तम फलों की प्राप्ति कर सकता है। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं। जो भी मनुष्य इस विधि से स्नान करते वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है। उसके जीवन में लक्ष्मी का आगमन होता है और उसे सुख समृद्धि तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति निश्चित ही होती है ।


जो मनुष्य स्नान के इस अत्यंत गोपनीय मंत्र का उच्चारण करता है। उसके जल में साक्षात देवी गंगा प्रकट होती है और उसके पापों का नाश होता है। आए जान लेते हैं। स्नान करने की विधि के बारे में ।


स्नान करते समय क्या करना चाहिए ? 

स्नान करते समय दिशा को ध्यान में रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य को स्नान करते समय अपना मुख पूर्व तथा उत्तर दिशा की ओर करना चाहिए। स्नान करते समय अपनी पीठ दक्षिण दिशा में करनी चाहिए। उत्तर दिशा में पवित्र नदियों का उद्गम है। गंगा, जमुना, सरस्वती आदि नदियों का उद्गम स्थान उत्तर दिशा में है। 


इसीलिए स्नान करते समय अपना मुख उत्तर दिशा में करना ही सुभ माना गया है। इस दिशा में मुख करके स्नान करने से तन और मन दोनों ही पूर्ण रूप से शुद्ध होते हैं। दोस्तों भगवान श्री कृष्ण कहते हैं स्नान करने के लिए सुबह का समय ही सर्वोत्तम होता है। प्रातः काल स्नान करने के पश्चात मनुष्य शुद्ध होकर जब पूजा-पाठ आदि समस्त शुभ कार्यों के योग्य बनता है। 


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स्नान किए बगैर किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए इस से जीवन में दुर्भाग्य आता है। श्री कृष्ण कहते हैं। 9 चित्रों वाले मनुष्य के शरीर से दिन रात गंदगी निकलती रहती है। इसीलिए इसे नित्य शुद्ध करना आवश्यक होता है। 


श्री कृष्ण कहते हैं। यदि संभव हो तो शुद्ध तीर्थ में स्नान करना चाहिए क्योंकि यह मल पूर्ण शरीर शुद्ध तीर्थ में स्नान करने से शुद्ध होता है। यदि ऐसा संभव न हो तो शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए जो मनुष्य नित्य प्रातः काल में स्नान करता है। 


उसके पास दुष्ट शक्तियां नहीं आती है। उस पर कभी बुरी नजर का और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही उसके पापों का नाश होकर उसे पुणे की प्राप्ति होती है। रोज स्नान करने से मनुष्य को सौंदर्य तेज बल पवित्रता लंबी आयु आरोग्य, नियोक्ता बुरे स्वप्न का नाश्ता और मेधा यह 10 गुण प्राप्त होते हैं । और मनुष्य संसार में कीर्ति पाता है। 


श्री कृष्ण कहते हैं कि संसार के सभी पवित्र कार्य स्नान मुल्क है। अर्थात कोई भी पवित्र कार्य बिना स्नान किए कभी संपन्न नहीं होता है। स्नान न करने वाले मनुष्य के पास लक्ष्मी कभी नहीं आती है। उसका बल भी नष्ट हो जाता है और वह नाना प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है। 

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