Monday, April 24, 2023

भारतीय संस्कृति में किन किन पेड़-पौधों की पूजा की जाती है

 

मित्रों सनातन धर्म में बहुत से ऐसे पेड़ पौधे हैं जिनको पूजनीय माना जाता है। प्रकृति को देवता की तरह माना जाता है। पेड़ पौधों को पूजन करके प्रकृति के प्रति आभार भी व्यक्त किया जाता है। पेड़ पौधे हमारे जीवन का आधार है। लेकिन क्या आपको यह पता है कि किस पेड़ पौधे में कौन से देवता या देवी का निवास होता है और किस दिन किस पेड़ की पूजा करनी चाहिए।

भारतीय संस्कृति में किन किन पेड़-पौधों की पूजा की जाती है

भारतीय संस्कृति में किन किन पेड़-पौधों की पूजा की जाती है

ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस पेड़ में देवी देवता का वास होता है । उस पेड़ की पूजा करते समय खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। चलिए जानते हैं कौन से पेड़ में होता है किस देवी देवता का वास । 


केले के पौधे की पूजा

केले के पेड़ का संबंध ब्रिस्पती देव और भगवान नारायण से माना गया है। ब्रिस्पति वार के दिन केले की जड़ में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए और जल में हल्दी मिलाकर केले की चरणों में अर्पित करना चाहिए जिससे आपका बृहस्पति मजबूत होता है और श्री हरि की कृपा आप पर बनी रहेगी आपके घर में सुख और समृद्धि आएगी। जिनके विवाह में बाधा आ रही है। यदि इसकी पूजा करें तो वह इस परेशानी से निकल सकते हैं। 


आंवला और तुलसी का पूजा

यह तो सभी को पता है कि तुलसी भगवान हरि को अति प्रिय है। जिन घरों में हर दिन सुबह शाम तुलसी में दीपक जलाकर जल चढ़ाया जाता है और तुलसी माता की पूजा अर्चना की जाती है। वहां भगवान विष्णु के साथ धन की देवी माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। ऐसे घरों में समृद्धि की कमी नहीं होती । 


आंवला सेहत के लिए फायदेमंद होता है और वही एकादशी तिथि के दिन आंवला वृक्ष की पूजा साधना करने से आप पर श्री विष्णु जी की कृपा बनी रहती है। आप आंवला नवमी के दिन आंवला के पेड़ का पूजन करने से खाश फल प्राप्त कर सकते हैं। 


बेल और बरगद का पेड़ 

बेल तथा बरगद के पेड़ पर भोलेनाथ जी वास करते हैं। हर दिन महादेव शिवजी की पूजा में बेलपत्र अर्पित करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी। वहीं मान्यता है कि बरगद के वृक्ष की पूजा हर त्रिदेशी को करना अच्छा माना जाता है। 


शमी के पेड़

शमी के पेड़ पर प्रति शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाने से आपके घर में हर तरह की परेशानी टल सकती है। व्यक्ति को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और सारी कालीबा बुरी शक्तियों का नाश होता है। शमी के पेड़ का पत्ता हर दिन देवों के देव महादेव को चढ़ाना चाहिए जिससे भोले बाबा प्रसन्न होंगे। उनकी दृष्टि आप पर बनी रहेगी। 


कदंब का पेड़ 

बता दें कि कदंब के पेड़ पर धन की देवी माता लक्ष्मी का वास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कदम के वृक्ष के नीचे बैठकर यज्ञ करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है और घर परिवार में खुशियों का आगमन होता है। 


दूब घास 

कहते हैं दूब घास भगवान गणेश को सबसे ज्यादा पसंद है। हर बुधवार को हल्दी लगाकर दूब घास गणपति बप्पा को अर्पित करने से आपके काम में आ रही हर तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं और आपको अच्छी चीजों की प्राप्ति होती है। 


अशोक का पेड़ 

सनातन धर्म अशोक के पेड़ का अपना ही अलग महत्व है। इस वृक्ष को पवित्र और शुभ माना जाता है। अशोक के वृक्ष में भगवान भोलेनाथ का वास होता है। अशोक का पेड़ आपके सारे दुख हरता हैं किसी भी शुभ काम में अशोक के पत्तों का प्रयोग होता है। अशोक का पेड़ घर में उत्तर दिशा में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। इससे आपको सुख शांति और धन की कमी नहीं होती है। इसी के साथ हम आपको पीपल के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं। 


पीपल पेड़ के पूजा करने से क्या होता है 

शास्त्रों के अनुसार जो लोग शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करते हैं, उनके जीवन में शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप नहीं होता तथा होने वाली अशुभ दूर हो जाती हैं और तो और उन पर शनिदेव की खास कृपा भी बनी रहती है। 


इसकी विधिवत पूजा करने से पित्र दोष, शनि दोष, राहु दोष और केतु दोष भी दूर हो जाते हैं। इसके लिए आपको हर शनिवार को पीपल के पेड़ पर सबसे पहले जल चढ़ाना होगा। फिर कच्चा दूध चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करें। इसके बाद भगवान सूर्य को नमन करें तथा भोलेनाथ जी और पीपल की पूजा करें। 


इसके बाद उस चढ़ाए हुए चल को अपनी आंखों में लगाएं। इसके साथ ही पित्र देवाय नमः मंत्र को 4 बार बोले। ऐसा करने से आपको इन सभी दोस्तों से आजादी मिल जाएगी और आपके घर सुख धन लाभ होने लगेगा। वैसे बता दे कि शनिदेव का पीपल के पेड़ से जुड़ी एक कथा भी है जो कि काफी प्रसिद्ध है। 


तो दोस्तो उम्मीद करता हूं कि आप ये समझ गए होगे । की हिंदू धर्म में पेड़ो की पूजा क्यों की जाती है । अगर आपके मन में कोई सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।  धन्यवाद ,,,,,,,,,



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