ये सबूत अरब को हिला देते हैं। मक्केश्वर महादेव का शिवलिंग प्रमाण के साथ पोस्ट डिलीट होने से पहले जरूर देख लीजिए। कुछ घंटे बाद Google इस पोस्ट को डिलीट कर देगा। क्या भगवान शिव कैद है मक्का मदीना में क्या मक्का मदीना की जगह पहले हिंदुओं का मंदिर था। आज खोलेंगे पूरा राज पोस्ट के अंत तक बने रहिए।
मक्का मदीना से पहले वहां क्या था - मक्का मदीना का इतिहास
तो दोस्तो भगवान विष्णु ने वामन अवतार में जब राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी थी तो उनका एक पैर गया। में दूसरा पैर मक्का में तीसरा पैर सुखतीर्थ में सुखलतीर्थ तो इस्तिहास में कहीं खो गया, लेकिन बिहार में मौजूद गया। हिंदुओं को एक बहुत ही प्रमुख तीर्थ स्थान है तो वहीं दुनियाभर के मुसलमान मक्का में हज की यात्रा करने जाते हैं।
मुस्लिम सुबर क्यों नहीं खाते हैं?
पर सवाली आता है कि मक्का में किसी हिंदू को क्यों नहीं जाने दिया जाता। क्या वहां वाकई में भगवान शिव विराजमान है। क्या मक्का का काबा मक्केश्वर मंदिर है और मुसलमान लोग मक्का में किसकी पूजा करते हैं । हमें मालूम है। यही बहुत सारे सवाल बेजिदा है। लेकिन मेरे आने अपने दोस्त के साथ पोस्ट के बिल्कुल अंत तक बने रहिए । क्योंकि आज हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देने वाले है ।
हिंदू धर्म का विरोध करना इस्लाम है ?
सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि हम किसी भी धर्म या जाति की मान्यताओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते बल्कि हम तो सच को आपके सामने लाना चाहते हैं। भारत में रहने वाले मुसलमानों को महिलाओं ने इस्लाम में कुछ ऐसी चीजें बता दिए जिससे वह हिंदू धर्म के विरोध के साथ-साथ वैदिक संस्कृति के खिलाफ हो गए हैं। ,
जबकि मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देशों के मुसलमान आज भी अपनी वैदिक सनातन संस्कृति से जुड़े हुए हैं, जिसे चीज साबित होती है कि हिंदू धर्म का विरोध करना इस्लाम नहीं है। भविष्य पुराण के अनुसार शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे। देवताओं और दैत्यों के बीच हमेशा अनबन रहती थी क्योंकि देवताओं को अमरत्व प्राप्त था।
मक्का मदीना में सिवलिंग है ?
इसने शुक्राचार्य इसके लिए हमेशा चिंतित रहते थे और उसी को पाने के लिए शुक्राचार्य ने भगवान शिव की गहन तपस्या की जिससे खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें एक शिवलिंग दिया और क्या इसे ऐसी जगह स्थापित करना जहा देवता इसे देख ना सके । जब तक देवता इस शिवलिंग को पूजते रहेंगे तब तक उनका अस्तित्व बना रहेगा,
लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रखना जिस दिन कोई देवता रूप शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ा देगा, उसी दिन देताओ का विनाश हो जाएगा। उसी चीज को सोच कर देतेया के गुरु शुक्राचार्य ने उसे शिवलिंग को रेगिस्तान में स्थापित कर दिया । जहा दैत्य उसकी पूजा करने लगे और आज वही शिव मंदिर काबा के नाम से जाना जाता है ।
मुस्लाम सुक्रवार को ही नवाज क्यों पढ़ते हैं?
और आप यकीन नहीं करेंगे। मुसलमान आज भी अप्रत्यक्ष रूप से शुक्राचार्य को मानते हैं। तभी तो शुक्रवार उनका सबसे खास दिन होता है। शुक्रवार की नमाज बाकी दिनों के मुकाबले सबसे पवित्र मानी जाती है। इसके अलावा ज्योतिष ग्रंथों में सुगंध में सौंदर्य शुक्र का प्रति माने जाते है । मुसलमान लोग इत्र का इस्तेमाल आवश्यक रूप से करते हैं। इतना ही नहीं किसी को धन्यवाद करने के लिए मुसलमान लोग शुक्रिया करते हैं।
मक्का मदीना में हिंदुओं का जाना वर्जित क्यों है?
दोस्तों कुछ दंत कथाओं में यह भी कहा गया है कि काबा में भगवान शिव को बीबी फातिमा ने बंदी बना रखा है। यदि कोई हिंदू मक्का जाकर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ा दे तो शिवजी मुक्त हो जाएंगे। यही वजह की मक्का में मुसलमानों के अलावा किसी दूसरे धर्म के लोगों का जाना मना है।
अब दोस्तों मक्का में शिव जी के बंदी बने रहने वाली बात सच है या फिर कल्पना इस बारे में कह पाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि इसका सच जानने के लिए हमें मक्का और मोहम्मद के बारे में अच्छी तरह से जानना होगा।
वैदिक विश्व राष्ट का इतिहास किताब में क्या लिखा है?
इतिहासकार पीएम ऑफ ने अपनी पुस्तक वैदिक विश्व राष्ट्र का इतिहास में बहुत से विस्तार में बातें लिखी है जिसमें बताते हैं कि मुस्लिम लोग काबा में जिस पत्थर को चूमते है वो शिवलिंग ही है, इसके अलावा प्रथम शताब्दी के शुरुआत में ही रोमन इतिहासकार थोडर्स सैल्स ने ये लिखा है ।
की यहां इस देश में एक मंदिर है जो अरब वासियों का बहुत ही ज्यादा पूजनीय है। वह बताना चाहते हैं कि भगवान शिव का काबा से कोई ना कोई प्राचीन जुड़ाव जरूर है। दोस्तों कहा जाता है। मोहम्मद के घराने का नाम कूरेश था ।
महाभारत का कुल में मोहमद घराना था ?
जिसका संधि विच्छेद करे तो गुरु के ईश्वर महाभारत काल में कौरव गुरु के वंशज थे और महाभारत के युद्ध के बाद जो बच गए थे, वह भारत को छोड़कर दूसरी - दूसरी जगह चले गए। गौरव घराने के राज्य पुत्रों को उस वक्त कुरैश कहा जाता था और इसी घराने में मोहम्मद का जन्म हुआ था।
मोहम्मद के दादा शिव मंदिर में पुजारी थे। इस मंदिर में 365 मूर्तियां हुआ करती थी। यानी हर दिन के लिए अलग-अलग मूर्तियां बनाई गई थी। इतना ही नहि पीएन ऑक अपनी पुस्तक में आगे कहते हैं कि मोहम्मद का मानना था कि ईश्वरी एक है ।
इसलिए उसने सभी मूर्तियां नष्ट कर दी और शिवलिंग को सुरक्षित रखा जिसे संगे अस्वद कहा जाता है। इस्लाम के वजह से पहले इजरायल और यहूदियों द्वारा इसकी पूजा करने के प्रमाण भी मिलते हैं। दोस्तों कहा जाता है। मक्का का शिवलिंग भी हटाने के दौरान खंडित हो गया था।
मक्का में शिवलिंग हटाने से क्या हुवा था ?
इसलिए इससे चांदी के यूनियन उमा आकार में बनाकर दीवार में चुन दिया गया। यहां हैरान करने वाली बात की है कि जिस इस्लाम में निराकार ईश्वर की कल्पना की गई है, वहां पर किसी पत्थर या मूर्ति को पूजना गलत माना जाता है। उसे इस्लाम में हज यात्रा किए बिना यानी कि संगे अस्वद पत्थर को चूमे बिना जन्नत का दरवाजा नहीं खुलता। यहां हम किसी मजहब पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन इन सारी चीजों को लेकर सवाल तो खड़े होते हैं।
रामावतार चरित्र किताब में क्या लिखा है?
इतना ही नहीं दोस्तों वेंकटेश पंडित द्वारा लिखित ग्रंथ रामावतार चरित्र युद्ध कांड प्रकरण में मक्केश्वर शिवलिंग का उल्लेख किया गया। इसमें यह बातें भी होती है कि मक्केश्वर शिवलिंग स्पष्ट रूप से कहीं ना कहीं जरूर मौजूद है, लेकिन कहां है इस बारे में यहां कोई जिक्र नहीं किया गया है । इसमें बताए गए कथा के अनुसार लंका के राजा रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था।
उसने अमर होने के लिए वरदान स्वरुप शिवजी से एक बड़ा सा शिवलिंग प्राप्त किया जिसे लेकर वो लंका जा रहा था। वह शिवलिंग काफी ज्यादा भारी था। इसलिए रास्ते में उसने सोचा थोड़ा आराम कर लिया जाए। इसलिए उसने शिवलिंग को वहीं जमीन पर रख दिया। आराम करने के बाद जब रावण ने शिवलिंग को उठाने की कोशिश की तो शिवलिंग उठा नहीं पाया।
रावण ने शिवलिंग को रखा वो मक्का था ?
क्या जाता है जिस जगह पर रावण ने शिवलिंग को रखा था। वह जगह कोई और नहीं मक्का ही थी जहां रावण ने शिवलिंग रखा था। दोस्तों हम अक्सर देखते हैं कि जहां शिवलिंग मौजूद होता है, वहां कोई ना कोई जलांस जरूर होता है और मक्का में काबा के पास है, पवित्र कुवा है। हज करने गए मुसलमान इस कुएं के जल को पीते हैं और इसे अपने साथ ले जाते है ।
जमजम पानी क्या है?
जिससे मुसलमान लोग आवेद जमजम के नाम से पुकारते हैं और उनके यहां जमजम के पानी की बहुत ज्यादा मान्यताएं हैं। अब दोस्तो इस सारी चीजें किस तरफ इशारा कर रही है, वह तो आप समझ गए होंगे । लेकिन आपका क्या कहना है कमेंट में जरूर बताइए।
तो दोस्तो आज के लिए इतना अब हम चलते है। फीर मिलेंगे न्यू जानकारी के साथ तब तक हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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