Saturday, April 13, 2024

कैसे लड़की से शादी करनी चाहिए । शादी के लिए रिश्ता कैसे ढूंढे?

 

हिंदू धर्म में पत्नी को पति की वामांगी कहा गया है यानी कि पति के शरीर का बायां हिस्सा इसके अलावा पत्नी को पति की अर्धांगिनी भी कहा जाता है जिसका अर्थ है पति के शरीर का आधा अंग होती है। दोनों शब्दों का सार एक ही है जिसके अनुसार पत्नी के बिना एक पति अधूरा है। पत्नी अपने पति के जीवन को पूरा करती है। उसे खुशहाली प्रदान करती है। उसके परिवार का ख्याल रखती है और उसे वह सभी सुख प्रदान करती है जिसके वह योग्य है। 

कैसे लड़की से शादी करनी चाहिए । शादी के लिए रिश्ता कैसे ढूंढे?

पति पत्नी का रिश्ता दुनिया भर में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है। चाहे सोसाइटी कैसी भी हो, लोग कितनी मॉडर्न क्यों ना हो जाए, लेकिन पति पत्नी के रिश्ते का रूप वही रहता है। प्यार और आपसी समझ से बना हुआ हिंदू धर्म के प्रसिद्ध ग्रंथ महाभारत में भी पति पत्नी के महत्वपूर्ण रिश्ते के बारे में काफी कुछ कहा गया है। 


भिष्पितामह ने कहा था कि पत्नी को सदा प्रसन्न रखना चाहिए क्योंकि उसी से वंश की वृद्धि होती है। वह घर की लक्ष्मी है और यदि लक्ष्मी प्रसन्न होगी। तभी घर में खुशियां आएंगी। इसके अलावा भी अनेक धार्मिक ग्रंथों में पत्नी के गुण व गुणों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। दर्शकों आज हम आपको विष्णु पुराण जिसे लोक प्रचलित भाषा में गरुड़ पुराण भी कहा गया है उसमें दीए गए पत्नी के कुछ गुणों के बारे में जो वर्णन किया गया है, उसे बताने जा रहे हैं। 


ऑनलाइन रिश्ता कैसे ढूंढें 

दोस्तो ऑनलाइन रिश्ता ढूंढे में आपको बहुत से वेबसाइट काम आएगा । जेसे Shadi.com , Jeevanshathi.com जेसे वेबसाइट अगर आप इस वेबसाइट पर जाना चाहते हैं । और आप ऑनलाइन रिश्ता से शादी करना चाहते हैं । तो आप ये दोनो वेबसाइट पर विजिट जरूर करें । 


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ये दोनो वेबसाइट के बारे में आपको में पूरी जानकारी दिया हूं । जिसका लिंक आपको निचे के मिल जायेगा । आप उस पर क्लिक करके हमारा दूसरा पोस्ट को पढ़ सकते हैं । तो चलिए अब जानते हैं कि कैसे लड़की से शादी करना चाहिए । 


Online Rishta kaise dhundhe 


कैसे लड़की से शादी करनी चाहिए । शादी के लिए रिश्ता कैसे ढूंढे?

गरुड़ पुराण में पत्नी के जिन गुणों के बारे में बताया गया है। उसके अनुसार जिस व्यक्ति के पत्नी में यह गुण हो उसे स्वयं को देवराज इंद्र यानी भाग्यशाली समझना चाहिए। कहते हैं कि पत्नी के सुख के मामले में देवराज इंद्र अति भाग्यशाली थे। इसीलिए गरुड़ पुराण के तथ्य यही कहते हैं। आखिर कौन से हैं वे गुण आइए जानते हैं। 


गरुड़ पुराण में पत्नी के गुणों को समझाती एक पंक्ति मिलती है अर्थात जो पत्नी गृह कार्य में दक्ष है जो प्रिया वादिनी है जिसके पति ही प्राण हैं और जो पति पर। वास्तव में वही पत्नी है। है । ओर जो पति प्राण्य है । वास्तव में वही पत्नी है । 


गृह कार्य में दक्ष 

गृह कार्य में दक्ष से तात्पर्य है कि वह पत्नी जो घर के कामकाज संभालने वाली हो, घर के सदस्यों का आदर सम्मान करती हो। बड़े से लेकर छोटो का भी ख्याल रखती हो जो पत्नी घर के सभी कार्य जैसे भोजन बनाना, साफ सफाई का ध्यान रखना घर को सजाना घर का ध्यान रखना इन सभी कार्य में निपुण हो। एक गुड़ी पत्नी कहलाती है। 


इसके अलावा बच्चों की जिम्मेदारी ठीक से निभाना घर आए। अतिथियों का मान सम्मान करना कम संसाधनों में भी गृहस्थी को अच्छे से चलाने वाली पत्नी गरुड़ पुराण के अनुसार गरुड़ पुराण के अनुशार गुणी कहलाती है। ऐसी पत्नी हमेशा ही अपने पति की प्रिय होती है। 


प्रिया वादिनी 

प्रिया वादिनी से तात्पर्य है। मीठा बोलने वाली पत्नी आज के जमाने में जो स्वतंत्र स्वभाव और तेज तरार बोलने वाली पत्नियां भी है जो नहीं जानती कि किस समय किस से कैसी बात करनी है। 


संयमित भाषा में बात करने वाली 

गरुड़ पुराण में दिए गए निर्देशों के अनुसार अपने पति से सदा संयमित भाषा में बात करने वाली धीरे-धीरे वह प्रेम पूर्वक बोलने वाली पत्नी गुणी पत्नी कहलाती है। पत्नी द्वारा किस प्रकार से बात करने पर पति भी उसकी बात को ध्यान से सुनता है । वह उसकी इच्छाएं पूरी करने की कोशिश करता है। 


सभी से प्यार से बात करने वाली 

केवल पति ही नहीं घर के अन्य सभी सदस्यों या फिर परिवार से जुड़े सभी लोगों से भी संयम से बात करने वाली स्त्री एक गुणी पत्नी कहलाती है। ऐसी स्त्री जिस घर में हो वहां कला और दुर्भाग्य नहीं आता। पति पर आना यानी पति की हर बात मानने वाली स्त्री गरुड़ पुराण के अनुसार एक गुणी पत्नी होती है जो पत्नी अपने पति को ही सब कुछ मानती हो । उसे सच्चा प्रेम करती हो, उसे देवता के समान मानती हो तथा कभी भी अपने पति के बारे में बुरा ना सोचते हो। वह पत्नी गुणी है। 


धर्म का पालन करने वाली 

विवाह के बाद एक स्त्री ना केवल एक पुरुष की पत्नी बनकर नए घर में प्रवेश करती है बल्कि उस नए घर की बहू भी कहलाती है। उस घर के लोगों और संस्कारों से उसका एक गहरा रिश्ता बन जाता है। यह है उसका पहला धर्म शादी के बाद नए लोगों से जुड़े रीति-रिवाज और धर्म को स्वीकार ना है। स्त्री की जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा एक पत्नी को एक विशेष प्रकार के धर्म का भी पालन करना चाहिए। 


विवाह के पश्चात उसका सबसे पहला धर्म होता है कि वह अपने पति व परिवार के हित सोचे वह ऐसा कोई काम ना करें जिससे पति या परिवार का अहित हो पति के प्रिय होती है। ऐसी पत्नी गरुड़ पुराण के अनुसार जो पत्नी प्रतिदिन स्नान कर पति के लिए शक्ति सामर्थ्य कम खाती है। कम बोलती है तथा सभी मंगल चिन्हों से युक्त है जो निरंतर अपने धर्म का पालन करती है तथा अपने पति का प्रिय करती है। उसे ही सच्चे अर्थों में पत्नी मानना चाहिए 

 

और जिस व्यक्ति की पत्नी में यह सभी गुण हो वह पुरुष सबसे ज्यादा भाग्यशाली होता है। भाग्यशाली होता है कि हिंदू धर्म शादी के वक्त 7 फेरे क्यों लेता है । 


दोस्तो उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा। आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,




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