Friday, October 21, 2022

भगवान श्री राम की वंशावली अवधारणा - चित्र के माध्यम से स्पष्ट करें ?

 

रामायण में आज तक आपने भगवान राम के बारे में बहुत कुछ सुना होगा और लोग आज भी भगवान राम की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज भी इस धरती पर भगवान राम के वंशज है, हो सकता है, आपको पता ना हो और आपको यकीन ना हो लेकिन यह सच है। आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं,

भगवान श्री राम की वंशावली अवधारणा - चित्र के माध्यम से स्पष्ट करें ?

वह हैरान करने वाला भी है । और सच भी जी हां जैसे कि आप सभी ने बचपन से अयोध्या में जन्म लेने वाले भगवान राम का इतिहास तो सुना ही होगा। लेकिन शायद आप नहीं जानते होंगे कि आज भी आप चाहे तो भगवान राम के वंश से मिल सकते हैं तो अब आप सोच रहे होंगे कि अगर यह धरती पर है तो कहां है और कैसे दिखते हैं । तो आज हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। 


भगवान श्री राम की वंशावली अवधारणा - चित्र के माध्यम से स्पष्ट करें ? 

राम के जीवन और शक्ति को महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित किया गया है। गोस्वामी तुलसीदास ने अपने जीवन को केंद्र में रखते हुए प्रसिद्ध भक्ति मां काव्य श्री रामचरितमानस की भी राम बहुत सम्मानित और आदर्श थे । विशेष रूप से उत्तर भारत में व पुरुषोत्तम शब्द से भी सुशोभित है। 


रामायण के अनुसार अपनी सौतेली मां के वचन के कारण राम जी को 14 वर्ष का वनवास झेलना पड़ा था। रावण के 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम अयोध्या लौट आए और वहां के राजा बने, लेकिन इसके बाद की कहानी शायद ही किसी को पता होगी। बता देते हैं कि भगवान राम का वंश आज भी राजस्थान के जयपुर में एक शाही परिवार के रूप में मौजूद है। 


भगवान श्री राम के वंशज कौन है?

हमें यह भी उल्लेख करना चाहिए कि इस शाही परिवार की राजमाता पद्मिनी देवी ने कहा है कि उनके पति भवानी सिंह भगवान राम के पुत्र कुश के 309 वर्ष से इस बात का खुलासा तब हुआ। जब खुद राज माता पद्मिनी देवी ने अपने इंटरव्यू में कहा कि उनका परिवार भगवान राम के पुत्र कुश के परिवार से है। 


राजमाता पद्मिनी देवी के अनुसार उनके पति भवानी सिंह भगवान राम के पुत्र कुश के 309 वंश थे। हम आपको बताना चाहते हैं कि महाराजा भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की शादी 1912 में हुई थी और उनकी एक बेटी भी है। उन्होंने सवाई माधोपुर के बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह से शादी की है। वहीं राज माता पद्मिनी देवी की शोहरत ऐसी है कि अक्सर उनसे मिलने के लिए बॉलीवुड के कुछ बड़े सितारे भी जाते हैं । 


राज माता पद्मिनी देवी की बेटी दीया कुमारी के बेटे पदम नाथ सिंह भारत की पोलो टीम के बहुत बड़े खिलाड़ी हैं। हालांकि कहीं राजा और महाराजा है जिनके पूर्वज श्रीराम थे। राजस्थान में कुछ मुस्लिम संभव कुशवाहा वर्ष के हैं। मुगल काल में इन सभी का धर्म परिवर्तन होना था, लेकिन यह सभी आज भी खुद को भगवान श्री राम के वंशज मानते हैं ।


तो दर्शकों आज का सवाल आपके लिए यह है कि क्या आप बता सकते हैं कि भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहा जाता है। आप इसका जवाब हमें नीचे कमेंट बॉक्स में दीजिए। हमें आपके जवाब का इंतजार रहेगा। 




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