Sunday, July 3, 2022

कम बोलने वाले लोग अकेले रहने से कभी नही डरते क्योकि इनकी personality positive attitude होता है!

 


नमस्कार आप सभी का स्वागत है दोस्तों क्या आप भी कम बोलने वाले व्यक्ति हैं। अगर हां तो आपने भी अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना जरूर किया होगा। कम बोलने की आदत के कारण आपको भी बार-बार दूसरों से अपमान का सामना करना पड़ा होगा। अगर आपके भी साथ ऐसा होता है। कम बोलने की आदत के कारण आप भी परेशान है तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर देखें। 

कम बोलने वाले लोग अकेले रहने से कभी नही डरते क्योकि इनकी personality positive attitude होता है!


कम बोलने वाले लोग अकेले रहने से कभी नही डरते क्योकि इनकी personality positive attitude होता है!

आचार्य चाणक्य ने कम बोलने वाले लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण उपदेश दिया है जिसे जानने के बाद आप अपने शत्रुओं का मुकाबला बड़ी आसानी से कर पाएंगे। आप अपने जीवन में एक बड़ा बदलाव जरूर महसूस करेंगे। दोस्तों वैसे देखा जाए तो कम बोलना कोई बीमारी या कोई दुर्गुण नहीं है बल्कि इसे एक अच्छी आदत माना जाता है। 


कम बोलना, बुद्धिमान और समझदार होने की निशानी है इसीलिए अगर आप भी कम बोलने वाले व्यक्ति हैं तो आपको निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि ज्यादा बोलने वाले लोग अपनी संपूर्ण ऊर्जा बोलने में ही खर्च कर डालते हैं और कम बोलने वाले लोग इस ऊर्जा का उपयोग किसी अन्य स्थान पर कर सकते हैं। अधिक बोलने से व्यक्ति वाचाल बनता है ।


और झूठ बोलने लगता है। लेकिन कम बोलने वाले लोग हर वाक्य सोच समझकर बोलते हैं। इन लोगों को झूठ बोलना अच्छा नहीं लगता। ज्यादा बोलने वाले जिस विषय में जानकारी ना हो तब भी उस विषय में निरर्थक बकवास करते रहते हैं, 


लेकिन कम बोलने वाले किसी विषय में जानकारी ना हो तो यूं ही बकवास नहीं करते बल्कि आगे वाले की बात को ध्यान से सुनते हैं। कम बोलने वाले लोगों के मन में दूसरों के लिए वेश्या कपट का भाव नहीं होता है और ना ही यह लोग दूसरों के बारे में उनके पीठ पीछे उनकी बुराई करते हैं। 


लेकिन ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति सदा सर्व दूसरों से घृणा करते हैं। उनके पीठ पीछे उनकी बुराई करते हैं। लेकिन दोस्तों कम बोलने की आदत के कारण कई बार लोगों को मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। जैसे यह अपने हक के लिए लड़ नहीं पाते। अपने मन की इच्छा को दूसरों के सामने प्रकट नहीं कर पाते। 


दूसरों के लिए खुद की इच्छाओं को मार देते हैं। अक्सर यह लोग मनमानी करने वालों के सामने हार मान लेते हैं। दूसरी उनकी सबसे बड़ी कमजोरी यह होती है कि यह किसी को ना नहीं कह पाते। अगर कोई इनका फायदा भी उठा लेता है तो चुप ही रहते हैं या कोई इनके साथ धोखा करता है तो यह उसके मुंह पर उस बात को बोल नहीं पाते। कम बोलने वाले लोगों का अगर मजाक भी बनाया जाता है। तू चुपचाप सहन कर लेते हैं ।


क्योंकि अपनी आदत के कारण यह आगे वाले को कुछ कह नहीं पाते। तीसरी इनकी कमजोरी यह है कि यह गुस्सा नहीं कर पाता है। अगर कोई इनके साथ गलत व्यवहार करता है तो वह उस पर गुस्सा करने के बजाय खुद को ही कोसने लगते हैं। यही कुछ खामियां होती है। कम बोलने वाले लोगों में जिससे उन्हें जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 


कम बोलने वाले लोग कैसे होते हैं

लेकिन आचार्य चाणक्य के अनुसार कम बोलने वाले लोगों को यह तीन बातें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए। सबसे पहली बात चाणक्य कहते हैं कि दूसरों की प्रवाह करना छोड़ दो कम बोलने वाले लोग दूसरों की हद से ज्यादा प्रवाह करते हैं। इन्हें लगता है कि इनके द्वारा कुछ देने पर सामने वाला बुरा मान जाएगा और इनसे सभी संबंध तोड़ देगा। 


जो लोग हद से ज्यादा दूसरों की प्रवाह करते हैं। उन्हें दुख ही मिलता है। दूसरी बात चाणक्य दूसरों से तारीफ की उम्मीद न रखें। कई बार लोग दूसरों के सामने अच्छा बनकर रहने की कोशिश में अपनी जिंदगी की सभी खुशियों को बर्बाद कर डालते हैं चाणक्य के अनुशार दूसरों के सामने अच्छा बनने की मूर्खता न करें। 


तीसरी बात चाणक्य कहते हैं कि ना कहना सीख ले जो ना नहीं कह पाता उसका विनाश अवश्य होता है। चाहे किसी को कितना भी बुरा लगे, आपको ना कहना सीखना होगा। आप एक बार ना कहने की हिम्मत करके देख लीजिए। सामने वाला चुपचाप औकात में आ जाएगा। 


तो दोस्तो क्या आप भी कम बोलने वाले वक्ति है । हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । जानाकारी अच्छा लगा हो । तो अपने दोस्तो के पास शेयर करे । ताकि वो भी इस बात को समझ सके । आज के लिए इतना ही उम्मीद करता हूं जानकारी अच्छा लगा होगा । तो हमारे साथ बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


कम बोलने वाले लोग कैसे होते हैं

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