Thursday, July 20, 2023

क्रिसमस क्यो मनाया जाता है। Why do we celebrate Christmas ?

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क्रिसमस क्यों मनाया जाता है? क्रिसमस ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला ईसाई धर्म का महत्वपूर्ण तोयहार है। एसी बड़ा दिन के नाम से भी जाना जाता है। यह हर साल 25 दिसंबर को दुनिया के अधिकांश देशों द्वारा जाता है। 

क्रिसमस क्यो मनाया जाता है। Why do we celebrate Christmas ?

क्रिसमस शब्द का जन्म क्राइस्टमास शब्द से हुआ है। ऐसा माना जाता की 336 रोम में सबसे पहले क्रिसमस डे मनाया गया था। इस दिन लोग एक दूसरे को तोफे देते हैं और पार्टी करते हैं। तो आइए जानते है। 


क्रिसमस क्यो मनाया जाता है। Why do we celebrate Christmas ?

क्रिसमस का इतिहास और जानकारी बाइबल के अनुसार माता मरियम के गर्व से ईसाई धर्म के इश्वर ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईशा मशीन के जन्म से पूर्व माता मरियम कुंवारी थी। उनकी सगाई दाऊद की राजवंशी युसूफ नामक व्यक्ति से हुई थी।


एक दिन मरयम के पास स्वर्ग दूत आए और उन्होंने कहा जल्दी आपकी संतान होगी और इस बच्ची का नाम जीसस रखना स्वर्ग दूत ने  बताएं के जीसस बड़ा होकर राजा बनेगा तथा उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी जो संसार को कष्टों से मुक्ति का रास्ता दिखाइए माता मरियम निसंकोच वर्ष कहाँ


मैं तो अभी अविवाहित हूं। ऐसे में संभव कैसे हैं इसलिए उसने कहा कि यह सब एक चमत्कार के माध्यम से होगा। जल्दी माता मरियम और यूसुफ की शादी हुई। शादी के बाद दोनों यहूदियों प्रांत के बदले पहमत नामक जगह रहने लगे। यही पर एक रात अस्वतः में ईसा मसीह का जन्म हुआ। 


उसी दिन आकाश में एक तारा बहुत ज्यादा चमक रहा था और इससे लोगों को इस बात का अनुभव हो गया था। रूम के सासन से बचने के लिए मसीहा ने जन्म लिया है। ईशा मशीन के जन्मोत्सव के लोग आज भी क्रिसमस के रूप में मनाते हैं। ईसा मसीह ने दुनिया को एकता और भाईचारे की सीख दी। 


इशा मशीन क्या भगवान थे ? 

उन्होंने लोगों को भगवान को करीब रहने का मार्ग दिखाया। ईशा मशीन ने छमा करने और शमा मांगने पर जोर दिया। उन्होंने अपने हथियार को भी माफ कर दिया। आगे 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने के लेकर अलग - अलग कथा प्रचिलित है। 


क्रिसमस डे 25 दिसम्बर को क्यो मनाया जाता है ? 

कृश्मश के 12 दिन के उत्साह क्रिसमस  की शुरुआत होती है। डोमिनिक काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म 7 से 2 ईशा पूर्व के बीच हुआ था। 25 दिसंबर ईसा मसीह के जन्म की कोई अवास्तविक  नहीं है।


ओर लगता है। कि इस्तिति और रोमन पर्व या मकरसंक्रांति जैसे अस्तापित करने के आधार पर चुना गया है। ईसाई होने का दावा करने  वाले कुछ लोगों ने बाद में जाकर इस दिन को चुना था कि जिस दिन रोम के गैर ईसाई लोग अजय सूर्य का जन्मदिन मनाते थे।


और इसाई चाहते थे कि यीशु का जन्मदिन भी इसी दिन बना जाए। सर्दी के मौसम में जब सूर्य की गर्मी कम हो जाती है तो गैर की इसाई इस इरादे से पूजा-पाठ करते हैं और रीति रश्म मानते थे। जब सूरज अपनी लंबी यात्रा के बाद लॉट आये  हैं।


और दोबारा उन्हें गर्मी और रोशनी देंगे। उनका मानना था कि दिसंबर 25 को सूरज लौटना शुरू होता है। शुरू में इस बात को लेकर भी मतभेद था कि क्या ईशा का जन्मदिन मनाया जाना चाहिए तब ईशा का बलिदान और पुनरुत्थान परिस्थितियों का प्रमुख त्योहार हुआ करता था। 


विश्व के लगभग 100 देशों में क्रिसमस का त्योहार 25 सितंबर को बड़े उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन राज के अवकाश किया जाता है। इस दिन को क्रिसमस पर्व के रूप में मनाने के लिए काफी समस्याओं से जूझना पड़ा था। 


पिछले 1.5 अयथापित से क्रिसमस कक पर्व बिना किसी बाधा के आयोजित किया जा रहा है। 


तो दोस्तो आज के पोस्ट में बस इतना ही क्या आपके मन मे कोई सवाल है। तो comment box में पूछ सकते है। और ऐसे ही amezing fects को लगातार पढ़ने के लिए हमारे webste को subscribe जरूर करे।


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