Sunday, October 23, 2022

भारत देश का निर्माण कब हुआ? When was the country of India formed?


धरती का विकास और उसमें हो रहे बदलाव करोड़ो सालो से निरंतर चले आ रहे है। इंसान ओर जीव जन्तुओ से पहले धरती का स्वरूप कुछ और ही था । आज जिस पृथ्वी की शक्ल हम मानचित्र में देखते है। असल मे वो अपने शुरुआती समय मे बिल्कुल अलग थी।

भारत देश का निर्माण कब हुआ?


ये तो हम सभी जानते हैं कि शुरुआत में पृथ्वी जलते हुए आग के गोले के समान थी। जो वक्त के साथ - साथ धीरे - धीरे ठंडी हो गयी । फिर चंद्रमा के निर्माण के साथ धरती पर बारिश और मौसम की शुरुआत हुई । महासागरों का जन्म हुआ और रेंगनेवाले जीव पैदा हुआ। ये तो हुआ धरती पर जीवन का शुरुआती ओर एक छोटा सा परिचय 


लेकिन क्या आप जानते है। कि इस पृथ्वी पर अलग - अलग देश कैसे बने। भारत का जन्म कैसे हुआ क्या मानचित्र में नजर आने वाली विभिन देशों का बनावट हमेशा से ऐसे ही थी ।


अगर आप भी इस तरह का सवालो का जबाब ढूंढ रहे है। तो आपको इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ने के जरूरत है। क्योंकि आज हम बात करेंगे । धरती पर भारत देश की निर्माण की वही देश जिसे हम सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा कहते है। 


देश भक्ति से भावना के साथ ये जानना भी बेहत जरूरी है। कि हमारे भारत का निर्माण कैसे हुआ । और इसकी बनावट के पीछे क्या वजह है। तो देर किस बात की आये शुरू करते है। ये मजेदार पोस्ट 


भारत देश का निर्माण कब हुआ?

जब कई हिस्सों में वट गयी धरती आज हम मानचित्र या starligt से इस पृथ्वी को देखते है। असल मे करोड़ो साल पहले इसका रूप रंग बिल्कुल अलग था। आज से 225 milion साल पहले धरती पर मोहम्मद हर भाग आपस मे जुड़ा हुआ था।

               धरती का नाम क्या है?

यानी किसी देश की कोई सीमा या खंड नही था। सब कुछ भूमि का एक बड़ा हिस्सा था। धरती के इस विशाल महाखण्ड को पैंजिया नाम से जाना जाता था। जिसे टूट कर अलग हुए देश आज विभिन्न नमो से जाने जाते है।


समुद्र के पानी मे तैरते हुए जमीन के हिस्से एक जगह से दूसरे जगह जाने लगे और मिलो दूर जाकर रुक गए। धरती के इस महाखण्ड के टूटने के शुरुआती दक्षिणी गोलार्थ में महजूद Antarctic से हुई थी। 


धरती पर सबसे पहले कोंन से देश बना

जिसके बाद Antarctica भारत , ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका , ओर अफ्रीका, जिसे देशो का खंड टूट कर अलग होने लगे। पृथ्वी के गर्व में plate के खिसकने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।


यही कारण है। कि जब महाखण्ड से टूट कर कई खंड बने तो वो धरती में बदलाव का कारण बने। करोड़ो साल पहले जब महाखण्ड टूटा तो उसके दो भाग हो गए। जिसके दक्षणी हिस्से को गोंडवानालैंड ओर उतरी हिस्से को लौरासिया के नामों से जाना जाता था।


धरती के इन दोनों हिस्सो के बीच समुद्र के जिस खाई का निर्माण हुआ उसे Permo- Triassic नाम दिया गया। ये परिक्रिया अपने आप मे इतनी अंदबुद्धि से पूरा होने में करोड़ो साल का वक्त लग गया। बात के सालो में लोरेसिया से अलग North Amrica से अलग हुए भूमि खंड Europe, Asia, जैसे देशों का निर्माण हुआ।


जब कि गुंडवानालेंड से अलग हुए हिस्से अफ्रीका, ऑस्ट्रिया के नाम से जाने गए। इस तरह धरती के एक महाखण्ड टूट कर कई देशों की निर्माण की वजह बन गया। 


भारत देश का निर्माण कब हुआ? 

भारत का निर्माण वर्तमान में भगोलित रूप से भारत asia का हिस्सा है। लेकिन करोड़ो साल पहले भारत का ये टुकड़ा गुंडवानालेंड का हिस्सा था। जब भारत का भूमि का टुकड़ा गुंडवानालेंड से अलग हुआ तो अंदुरिणी plate की वजह से वो धीरे - धीरे asia की तरफ बढ़ने लगा।


कई सालों तक चले इस सफर के बाद आखिर कार भूमि का वो हिस्सा वर्तमाम के ladak से टकराया ओर उससे जुड़ गया। इस तरह गुंडवानालेंड से अलग हुए भूमिका एक हिस्सा asiya का महत्वपूर्ण देश भारत बन गया। 


जब भूमि के 2 टुकड़ों का टकराव होता है। तो बाहरी plate नीची की तरफ चली जाती है। जब कि हल्की plate ऊपर की तरफ उठ जाती है। ladaak की भूमि से भारत के टकराव की वजह से ही विशाल पहाड़ हिमालय ओर mount averst का निर्माण हुआ जो आज pratin का मुख केंद्र बन चुकी है।


अगर आपको लगता है। कि ये प्रक्रिया कुछ सालों में पूरे होगयी होगी । तो आप बिलकुल गलत है। क्योंकि धरती को अपना ये रूप और आकार लेने में लाखों करोड़ों साल का लंबा वक्त लगता है। भारत की बाहरी plate लगातार हिमालय की तरफ दबने लगी है। 


जिसकी वजह से इन पर्वतो की ऊँचाई साल दर साल बढ़ती जा रही है। हल्की निरंतर हो रही इन बदलाव को आप ओर हम आसानी से पहचान नही सकते है। लेकिन bhu वैज्ञानिक इस बात को अच्छी तरह से समझते है। कि धरती में क्या - क्या बदलाव हो रहे है।


मोसम बिभाग का निर्माण किसने किया

Alfed brijner की इथोरि धरती के महाखण्ड पैंजिया ओर उससे जुड़ी थ्योरी को दुनिया के सामने रखने का आश्रय Alfed brijner को दिया जाता है।  जो एक जर्मन वोले recharch jio फिचिक्ष ओर मौसम वैज्ञानिक थे।


उन्होंने अपने जीवन काल मे मौसम और धरती में हुई बदलाव को लेकर recharch की थी Alfed brijner का जन्म 1Nonmber 1880 में जर्मनी के बदलिनन में हुआ था। उन्होंने अपने शुद्ध कार्यो के दौरान बताया था। 


की धरती किसी जमाने मे एक विशाल महाखण्ड के रूप में थी। जो समय के साथ पिघलता गया उनका कहना था कि अगर आज भी धरती के सभी टुकड़ो को जोड़ दिया जाए। तो पैंजिया महाखण्ड दोबारा तैयार हो जाएगा Alfed brijner ने भूमि के अलग - अलग खण्डों की जांच की ओर पाया कि सभी किसी ना किसी रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए है।


उन्होंने ही अपनी थ्योरी में बताया था कि भूमि खंडों के अलग होने के दौरान धरती पर रेंगने वाले जीव अस्तित में थे। Alfed brijner के खोज ने धरती को समझने और उसके निर्माण को लेकर वैज्ञानिक ओ समय इंसान की काफी मदद की है।


हालांकि जिस तरह बढ़ते वक्त के साथ धरती पर कई तरह के बदलाव कब आये है। उसी तरह विभिन देशो का भाव लीक निर्माण हुए ये बात सुनने में विचित्र जरूर लगती है। कि किसी समय मे पूरी धरती में भूमि का सिर्फ एक हिस्सा था । 


लेकिन प्रकृति ने हर चीज सम्भव है। फिर चाहे इंसान का जन्म हो या फिर भूमि के टुकड़ो का अलग होना तो देखा आपने किस तरह धरती प्राचीन काल से ही अपनी धुरी पर बदलाव करती आई है। और ये बदलाव अभी भी जारी है। आपको ओर हमे इस बात का पता कभी नही चलेगा। ओर धरती के भीतर बदलाव होते रहेंगे । 


हालांकि इन बदलावों को होने में करोड़ो साल का समय लगता है। लेकिन ये परिक्रिया अपने आप मे बेहद अद्भुत ओर विचित्र होती है।  अगर आप आज से करोड़ो साल पहले धरती पर मोहजुड़ होते है। तो भारत के हिस्से को किस देश के साथ जोड़ना पसन्द करते आपने जवाब comment box में जरूर बताये 


निश्चित

तो दोस्तो आज के लिए इतना ही  हम चलते है। फिर मिलेंगे नई पोस्ट के साथ तब तक हमारे पोस्ट के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो का दिल से धन्यवाद,,,




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