Sunday, October 23, 2022

रात में सपना क्यों आता है?

दोस्तो तो एक बार फिर से स्वगात है। आपको Technical prithvi में क्या आपको मालूम है। कि सपनों का सही मतलब क्या होता है। और क्यों आते हैं। आप में से बहुत से लोगों को रात में सपने आते होंगे लेकिन सुबह होते ही सब कुछ भूल जाते होंगे क्या आपको मालूम है। ऐसा क्यों होता है। नहीं मालूम तो कोई बात नहीं बने रहिए हमारे साथ आज सब कुछ मालूम चल जाएगा।

रात में सपना क्यों आता है?
दोस्तों हम सभी को सपने आते हैं। जिनमें से कुछ अच्छे होते हैं। और कुछ बुरे लेकिन सपनों को देखने के बाद हम अपने आप से ही इस सवाल का जवाब ढूंढने लग जाते हैं। कि आखिर इस तरह का सपना मुझे आया तो आया क्यों दोस्तों चलिए आज हम आपको सपनों की मायावी दुनिया में ले चलते हैं। और इस बात को समझने की कोशिश करते हैं। कि आखिर क्यों सपने आते हैं। और इनका सही मतलब क्या होता है।


 और सबसे अहम बात आज की इस post में हम आपको लूसीड ड्रीमिंग से भी रूबरू करवाएंगे।बारे में जानकर आप पक्का हक्के बक्के रह जाएंगे तो दोस्तो ये पोस्ट बहुत इंटरेस्टिंग होने वाली है। इसलिए मेरे यानी अपने दोस्त prayag kumar के साथ post के अंत तक बने रहना 


क्योंकि सपनों की अनोखी दुनिया आपको हैरान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ेगी तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए post को शुरू करते है।लेकिन हां post शुरू करने से पहले एक छोटी सी रिक्वेस्ट है। post के नीचे रेड कलर का सब्सक्राइब बटन दिख रहा होगा उस पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर ले ताकि आपको post मिले सबसे पहले।


आधुनिक विज्ञान की विचारक मानते हैं। कि सपने इंसान की तभी हुई परीक्षाओं के बारे में बताते हैं।जो कि इंसान को उसी चीज के सपने आते हैं। जिस चीज के बारे में उसने अपनी जागृत अवस्था में सोचा होता है। यानी कि आपके द्वारा देखा गया सपना आप पर ही निर्भर करता है। कि किस तरह आपका दिमाग काम करता है। आपका दिमाग किस तरह से सोचता है। आपको सपने भी कुछ भी तरह के आते हैं।


 यानी कि अगर हम साफ तौर पर कहेंगे तो सपने हमारी इच्छाएं हैं। जो जागृत अवस्था में किसी भी कारण से पूरी नहीं हो पाती हालांकि सपने क्या है। इस प्रश्न का कोई ठोस उत्तर अभी तक खोजा नहीं गया है।


सपना से दिमाग पर क्या असर पड़ता है।

 हम अगर विज्ञान की माने तो उसका कहना है। कि नींद हमारे मस्तिष्क में होने वाले उन परिवर्तनों से संबंधित होती है। जो सीखने और याददाश्त बढ़ाने के साथ-साथ हमारी शरीर की मांसपेशियों को भी आराम पहुंचाने में मदद करती है। 


वैज्ञानिकों के अनुसार नींद की अवस्था में हमारे दिमाग तो इंफॉर्मेशन पहुंचाने वाले न्यूरॉन्स जागृत अवस्था से भी ज्यादा काम करते हैं। दोस्तों अब जो चीज हम आपको बताने वाले हैं। वह आप लोगों ने कभी ना कभी अपनी जिंदगी में महसूस जरूर की होगी।


दिन में सपने क्यों आते है।

कैसा लोगों को नींद में महसूस होता है। कोई उनका गला दबा रहा है। या फिर उनके बगल में आकर बैठा है। जिस से बचने की कोशिश तो वह बहुत कर रहे हैं। लेकिन ना ही वह हिल पा रहे हैं। ना ही अपनी बात किसी को कह पा रहे हैं। ऐसे में पूरा शरीर सुन्न पड़ जाता है।


 अब यह चीज अगर आप पुराने जमाने में किसी के साथ साझा करते हैं। तो वह  भूत प्रेत से जोड़कर देखने लगता लेकिन शाहिद ने इस बारे में काफी रिसर्च की है। और इस तरह की अवस्था को पैरालिसिस कहते हैं।


जहां जब हम नींद की अवस्था में पहुंच जाते हैं। तो हमारी आंख इतनी सी से हिलने लगती है। जिसे हम रैपिड आई मूवमेंट करते हैं। तो यह वही प्रक्रिया होती है। जिस दौरान इंसान सपना देखता है। इसी समय हमारा दिमाग एक प्रकार का केमिकल रिलीज करता है। जिस कारण हमारी बॉडी पैरालाइज हो जाती है।


 जैन की बॉडी बिल्कुल भी हिलडुल नहीं पाती है। अब आप बोलेंगे कि हमारे साथ में इस तरह की चीज होती है।दोस्तो तो खुद ही सोचिए अगर आपके साथ ऐसा ना हो तो आप सपने में देख रही थी उसे तुरंत रिजेक्ट करना शुरू कर देंगे।


चिल्ला कर इधर-उधर भागने लगे जो आपको और भी ज्यादा डिस्टर्ब कर देगा किसी वजह से आपका दिमाग यह बात बहुत अच्छे से जानता है। कि आप जो भी चीज देख रहे हैं। वह आप सपने में देख रहे हैं। ऐसे में सपने में देखी गई चीज का असर आपकी बॉडी पर ना पड़े इसलिए आप तो पैरालाइज में हो जाते हैं। वैसे इस केमिकल के एक्टिव रहते हुए हमारी नींद खुल जाती है। लेकिन फिर भी हम हिल नहीं पाते हैं।


 नहीं बोल पाते हैं। और दोस्तों जब कभी भी हम सुबह उठते हैं। तो हमें कई सारे सपने आते हैं। जिनमें से कुछ हमारे दिमाग में एक अलग तरह का प्रभाव डालते हैं। जो मैं याद रह जाते हैं। पर ऐसा कभी भी नहीं हो पाता है। कि हम सोते समय खुद से ही तय कर सके कि हमें कितना सपना देखना है।


क्या सपने सच होते है।

 यह बात जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं। जो कुछ टेक्निकल प्रैक्टिस करते हैं।टेक्निक को हम लूसीड ड्रीमिंग कहते हैं। जो टेक्निक से इंसान अपने मन मुताबिक सपना देख सकता है। इसी वजह से लोग लूसीड ड्रीमिंग के जरिए हवा में उड़ने से लेकर अपने मृत परिजनों से बात करने तक की हर वह चीज करना चाहते हैं।


 जो असल जिंदगी में नहीं कर पाते इसी वजह से बहुत से लोगों का यह कहना है। कि उनके जीवन का पहला लूसीड ड्रीम एक बेज्जती शानदार अनुभव था लेकिन वो कहते हैं ना कि हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं। और यहां भी कुछ ऐसा ही है। क्योंकि आप जब लूसीड ड्रीम देख रहे होते हैं। तो आपको सपने में भी यही पता होता है। कि आप सपना ही देख रहे हैं।


असलियत नहीं है। इसलिए तब आपको खुश होना चाहिए तो आप इतने खुश नहीं हो पाते हैं। और ना ही आप डरावने सपने को देखकर ठीक तरह से डर पाते है। ठीक उसी तरह से डर पाते एक शोध में इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम का इस्तेमाल किया गया था।


 ताकि लूसीड ड्रीम देखने वाले लोगों की ब्रेनवेव्स रिकॉर्ड की जा सके कैसे पता लगे कि लूसीड ड्रीम कॉन्शियस और नींद के बीच की हाइब्रिड अवस्था है। जो हमें तब महसूस होती है। जब हमारी चेतना रैपिड आई मूवमेंट के दौरान ही जागृत रहती है। दौरान ही जागृत रहती है।


सपने का क्या मतलब होते है।

 आप इसे आदि जागृत अवस्था और आदि मुख्य वक्ता के रूप में जान सकते हैं अब्दुस तो ज्यादातर सपनों का तो कोई मतलब नहीं होता लेकिन कुछ सपने ऐसे होते हैं जो हमारे आने वाले कल की तरफ इशारा करते हैं। पर इस तरह के सपने में इंसान को भविष्य की एक झलक देखने को मिल जाती है। ऐसा कई बार देखने को मिला है। कि कई लोगों द्वारा देखे गए सपने पूरी तरह से सच हो गए इसी वजह से एक कहावत काफी ज्यादा प्रचलित हो गई कि सुबह के सपने सच होते हैं। लिखने के बाद बहुत दूर है ।क्योंकि

 सुबह देखा गया हर सपना सच हो।ये बिल्कुल सच होने जरूरी नही है।


सपने के सच होने के कारणों का कोई भी मनोवैज्ञानिक या फिर साइंटिफिक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया तो हम आपको बताना चाहेंगे कि सच होने वाले सपने ज्यादातर आध्यात्मिकता से जुड़े लोगों को आते हैं लेकिन आज तक कोई ऐसा शख्स नहीं हुआ है जिसके सपने सच हो गए सालो की कई लोगों ने बहुत बड़े-बड़े सपने देखे और वह सच भी हो गए लेकिन उनके सभी सपने सच नहीं हुए इसलिए सपनों के पीछे का विज्ञान बहुत ही ज्यादा पेचीदा है पर सरल भाषा में हमारी जिंदगी का एक पहलू भी है जो बिना हमारे शरीर के हमारे दिमाग को बाकी की दुनिया से जोड़ता है।


हम सामने कुछ ऐसी चीजें लाकर खड़ी कर देता है जिससे अगर देखा जाए तो वह बहुत कुछ छुपा हुआ है लेकिन अगर नजरअंदाज किया जाए तो महेश सपना बनकर रह जाते हैं तो दोस्तों में पूरा यकीन है कि सपनों की पीछे की दुनिया के बारे में जानकर आप अच्छे से समझ गए होंगे बाकी अगर आप अभी भी कोई डाउट है तो हमें कमेंट करके पूछेगा इंटरेस्टिंग पोस्ट लगातार देखने के लिए हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब करे।


तो दोस्तो हम चलते है।फिर मिलेंगे नई पोस्ट के साथ तब तक के लिए जय हिंद जय भारत

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