Thursday, March 16, 2023

व्हाइटनर का नशा

दोस्तो तो एक बार फिर से स्वागत है। technical prithvi में क्या आपको मालूम है। अब व्हाइटनर का नशा और जो लोग करते है।उसका ब्रेन पर क्या असर पड़ता है। दोस्तो ड्रग्स जैसी चीज से हम सभी वाकिफ हैं। जिसके बारे में हमने आपको अपनी पिछली पोस्ट में भी बताया है।

व्हाइटनर का नशा

Whaitner का नशा करने से दिमाग मे क्या असर पड़ता है।

 किस तरह ड्रग दिमाग में असर करके इंसान के दिमाग को एक अलग ही तरह के केमिकल इक्वेशन से गुजरता है। जिसकी वजह से इंसान को ऐसा महसूस होने लगता है। कि वह सातवें आसमान पर उड़ रहा है। लेकिन क्या आप ही बात जानते हैं। कि महंगे महंगे चरस गांजा और हीरोइन वगैरह के अलावा ऐसे डार्कक्स होते हैं।


Whaitner

 जो काफी कम कीमत में मिल जाते हैं। और का सेवन करने से दिमाग में एक अलग ही तरह का केमिकल निकलता है। रुचि से कोई और नहीं बल्कि व्हाइटनर है। जी हां वही व्हाइटनर जिसे हम पैन द्वारा की गई गलती को सुधारने के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आजकल के बच्चे इसे नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं। और यह सब कैसे होता है।


 चलिए आज मैं या यानी आपका दोस्त prayag kumar आपको इस पोस्ट में बताने वाला हूं। इसलिए पोस्ट के बिल्कुल अंत तक बने रहना क्योंकि पोस्ट वाकई में आपको हैरान कर के रख देगी।लेकिन पोस्ट शुरू करने से पहले एक छोटी सी रिक्वेस्ट है। पोस्ट के नीचे रेड कलर का सब्सक्राइब बटन दिख रहा होगा उस पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर ले ताकि आपको पोस्ट मिले सबसे पहले


आदमी खुश रहने के लिए क्या करते है?

दोस्तों यह बात तो हम सभी जानते हैं। कि आजकल लोग अपने दिमाग में खुशी के केमिकल रिलीज करने के लिए तरह-तरह के नशे करते हैं कोई शराब का नशा करता है। तो कोई सिगरेट का और कुछ लोग तंबाकू जैसी चीजों का सेवन करके अपने दिल को तसल्ली देते हैं।


और जिनके पास पैसा होता है। वह महंगे महंगे डार्कक्स में पैसे खर्च करने पर एक तबका ऐसा भी है। जो महंगे darks का मजा कम पैसों में लेना जानता है। तब चाहे टीनएजर्स का स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों हो।या सड़क पर भीख मांगने से कूड़ा उठाने वाले बच्चे और इस तरह की darks लेने वाले बच्चों में स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या भी होती जितनी बाहर भीख मांग कर या कूड़ा उठाकर पैसा कमाने वाले बच्चे की है।


School जाने वाले बच्चे सारा काम चोरी चुपके आराम से कर लेते हैं। लेकिन समाज में दर-दर भटकने वाले बच्चों को किसी का प्यार नहीं होता है। उनके लिए तो उन्हें रोज पैसे कमाना और फिर उसे नशे में उड़ा देना और हम यह सारी बातें हवा में नहीं कह रहे हैं। बल्कि क्रीडा के अनुसार सड़क पर खड़े होकर काम करने वाले 70% बच्चे नशा का।सेवन करते हैं। यह सवाल किया है कि यह बच्चे इस तरह के सस्ते नशे क्यों करने लग जाते हैं।


Whaitnar नशा बच्चें क्यो करते है।

और आप यह भी बोलेंगे कि इस तरह के बच्चों को darks कैसे असर करती है। तो हम आपको बता दें कि आज से कुछ समय पहले एक कमलेश नाम की लड़का का इंटरव्यू लिया गया जिसमें अपने इस ड्रग्स लेने के पूरे प्रोसेस को बताया असल में दोस्तों ही लड़का दिल्ली की सड़कों पर रहकर रोज डेली सौ से डेढ़ सौ रुपए कमाता है।


Whaitnar के अंदर क्या होता है?

जिसमें से ₹30 का हो खाना खा जाता है। और बाकी के पैसे वह व्हाइटनर और डाइल्यूटर में खर्च करता है। गरम व्हाइटनर और डाएल्युटर उधर की बात करें तो व्हाइटनर के अंदर केमिकल होता है। जिसे नाफ़सा कहते हैं।ओर घर के अंदर भी केमिकल होता है। जिससे डॉल यूनी कहते हैं। इसलिए जब भी बच्चे व्हाइटनर और वैल्यूटर के मिश्रण को सुविधाएं तो ए केमिकल दिमाग के अंदर फूल के द्वारा पहुंचते हैं।


दिमाग के अंदर न्यूरॉन्स के बीच तेज चल रहे इलेक्ट्रिकल सिग्नल को यह केमिकल धीमा कर देते हैं। क्योंकि केमिकल दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर्स को बढ़ा देते हैं। और इसी वजह से जब इलेक्ट्रिकल सिग्नल स्क्रीन में होते हैं। तो हार्ट बीट बढ़ने लगती है।


Whaitnar का नशा करने पर दिमाग मे क्या असर पड़ता है।

तो उसे शांति का एहसास होता है। ओर चीजें कम महसूस होती है। कि आपको फुल टू जन्नत का मज़ा मिलना शुरू हो जाता है। और हमारे इस तरह बताने से आप इसे इतना आसान समझ लेना क्यों की इस का सेवन करने से बच्चों का दिमाग पूरी तरह से अलग तरीके से काम करने लग जाना है।


इसी वजह से उनकी आवाज बदलने लगती है। पर इतना कुछ होने के बावजूद इन बच्चों को यह समझ में नहीं आता कि जो चीज इतनी अच्छे दिमाग पर इतना असर डाल सकती है। शरीर पर किस तरह का असर डालती होगी


Whaitnar का नशा करने वाले को कोंन से बीमारी होता है।

क्योकि महँगा नशे आपको धीरे - धीरे मारती है। इंसान को किसी भी मेडिकल कंडीशन लंबे समय तक करने की वजह से इंसान कोमा में जाने से लेकर उस दिल का दौरा तो पड़ सकता है। इस वजह से आज आने की उसकी मौत हो गई ऐसी बात है। कि इस तरह के केमिकल सूंघते है।तो उसके फेफड़े में भी असर डालते है।


कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। पर ऐसी चीजें होने के बावजूद भी इस तरह के बच्चे अपने मां बाप को छोड़कर वाटर टैंकर के पीछे पड़े रहते हैं। आपको सड़कों पर ऐसे बहुत से बच्चे देखने को मिल जाएंगे जिनकी आवाज में हमेशा गाली होता है। किसी भी तरह की मशीन तो ज्यादा महसूस नहीं कर पाते हैं। कि ऐसा करने लग जाएंगे जब माँ बाप ने महसूस करते ही जिंदगी निकल जाएगी बच्चे आसान तरीका आसमा कर इस तरह के ड्रग्स का सेवन करते हैं।


बच्चों व्हाइटनर का नशा करने से इनको क्या असर पड़ेगी

जिंदगी में चल रही तमाम परेशानियों को मंत्र करके ट्रस्ट के नशे में चूर है। और इन बच्चों के समझ में नहीं आता कि अभी पीने जो चीज मजा लग रही है। बाद में इनका पूरा जीवन बर्बाद कर सकती है। हालाकि इन्हे समझाने वाला कोई नहीं है। जिनके मां बाप को से कोई मतलब ही नहीं होता जो कुछ की तो मजबूरी होती है। तो कुछ जानबूझकर अपने बच्चों को इस तरह के दलदल में छोड़ देते हैं।


 बच्चों की सूची और इसी वजह से बच्चे इस तरह का रास्ता अपनाने लगते हैं। अगर इन बच्चों को कोई समझ आएगा तू भी नहीं समझ में नहीं आना है। आप चाहे तो भी इस तरह के नशे को लंबे समय तक करने के बाद छोड़ नहीं सकते अगर ऐसा ही करते हैं। तो उनकी तबीयत खराब होना शुरू हो जाती है।


 उल्टी से लेकर सांस फूलने का की समस्याएं ने चीनी पड़ती है। और परेशानी से बचने के लिए यह दोबारा से नशा करना शुरू कर देते हैं। जिंदगी बर्बाद कर देता है। हमें पता है। इस तरह के बच्चों के बारे में सुनने के बाद आपको इनके बारे में बुरा लग रहा होगा लेकिन यकीन मानिए हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते है।


क्योकि इनको समझना पूरी तरह से व्यर्थ है। यह चीज हो सकती है। किस तरह की चीजों में घुसने से पहले ही बच्चों को समझाया जा सके और अगर आपको सिग्नल वगैरह पर इस तरह के बच्चे मिले तो आप उनको खाना खिला दीजिए लेकिन कभी भी पैसे मत देना की तरफ से सबसे अच्छी पहल होगी 


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तो दोस्तो आज के लिए इतना ही हम फिर मिलेंगे नई पोस्ट में तब तक के लिए जय हिंद जय भारत

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