Saturday, January 21, 2023

पटाखे कैसे बनाते है

 फटाखे कैसे बनाए जाते हैं।दोस्तो पटाखे रोज तो दिवाली का त्यौहार बस आने वाला है और दिवाली में हम कितने एक्साइटेड तरह-तरह की मिठाइयों के लिए होते हैं उससे कई साधक साइट पटाखों को जलाने के लिए होते हैं क्योंकि चाहे बच्चा हो या बड़े पटाखों से निकलने वाली रोशनी हर किसी को काफी पसंद आती है।

पटाखे कैसे बनाते है

हालांकि पर्यावरण के चलते आजकल कई सारे इको फ्रेंडली ब्रेकर्स भी आ गए हैं उनकी मदद से आप बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए खुशियां मना सकते हैं आज हम थोड़े पुराने समय में चलते हैं और देखते हैं कि जीवन पटाखों को आप अपने बचपन में इस्तेमाल किया करते थे वह आखिर बनते कैसे हैं। इसीलिए बिना एक पल की देरी की चलिए शुरू करते हैं। हमारी शानदार पोस्ट लेकिन अगर आप website पर new है तो अपने website  technical prithvi को तुरंत सब्सक्राइब कर लीजिए


 सबसे पहले बात करते हैं फुलझड़ी की दिवाली में कोई किसी और चीज को जलाई है ना जलाएं हर किसी को फुलझड़ी जलाना काफी पसंद आता है इसीलिए चलिए जानते हैं कि आखिर यह बनती कैसे है सबसे पहले एक बड़ी लकड़ी में तांबे के तारों को गुस्सा हो जाता है जिसके लिए इन तारों को लकड़ी के बने सांची में डालते हैं और फिर दूसरी लकड़ी से उसे कर देते हैं।


 जिसके बाद सांचे में यह तार बहुत अच्छे से फिट हो जाते हैं जिसके बाद सांचे में यह तार बहुत अच्छे से फिट हो जाते हैं फिरदोस धूप है इन दोनों को एक हंसते हैं कि पेस्ट में डुबोया जाता है जिसके कारण फुलझड़ी इतने शानदार तरीके से चलती है और ज्यादा मोटा करने के लिए एक और बार उस पेस्ट में डुबोया जाता है।


 किसके ऊपर मैग्नीशियम का पाउडर डाला जाता है वही पाउडर है जो चलने के बाद कुछ इस तरह दिखता है और हर जगह रोशनी पहला देता है बाद में बेस्ट पाउडर से चिपक कर सो जाता है जिसे सूखने के लिए कम से कम 2 से 3 दिन लगते हैं और दो-तीन दिनों बाद जब यह सूखकर पूरी तरह से फुलझड़ी में तब्दील हो जाते हैं।


 तो इन्हें देख कर के मार्केट में भेज दिया जाता है ताकि हमारे और आपके चेहरे पर खुशी ला सके जो दोस्तों आपको इस लिस्ट में अब आगे नंबर पर भी चलते हैं जिसमें हम बात करेंगे


Sutli bam kaise banate hai

 सुतली बम की जहां यह बम्ब में से एक है जो फटने के बाद सबसे दूर तक आवाज करते हैं और ऐसा भी हो सकता है कि आप में से कई सारे लोगों ने से फोड़ा भी होगा लेकिन ऐसे में इन्हें बनाने के लिए सबसे पहले कार्डबोर्ड की बॉक्स में बारूद भरी जाती है और फिर उन्हें सुतली से बांधा जाता है जिसके बाद जब अंदर मौजूद बारूद चलने की कोशिश करती है।


 तो यही सोच करके आओ ज्यादा तेज आवाज निकालती है जिस वजह से सुतली बम से निकलने वाली आवाज हम सभी को काफी देती है अलग सुतली बम्ब सुतली बावरी के बाद कुछ समय के लिए उसे सूखने के लिए रख दिया जाता है और फिर इसमें अपने मन अनुसार कल रिंग कर दी जाती है रिंग सूखने के बाद इन बमों के अंदर सुई की मदद से छेद बनाए जाता है और फिर उसी छेद के जरिए एक पतला सा धागा अंदर घुसा उसे फटने के लिए बिल्कुल तैयार कर दिया जाता है।


लाल पटाखा कैसे बनाया जाता है

 अब बात करते हैं नंबर 3 की जिसमें आता है लाल पटाखा जब आप छोटे होंगे तो हमें पूरा विश्वास है कि आपके पैरेंट्स बैठकों के नाम पर आपको यही लाल पटाका खरीद कर देते हो काफी छोटी और प्यारी सी भी दिखाई देती है और पकने पर धमाका भी इतना भयानक नहीं करते लेकिन जब बात इनके एक साथ लगातार फटने की आती है।तो मामला थोड़ा गड़बड़ हो जाता है और अगर आप इसकी  फैक्ट्री की बात करें तो इन्हें बनाने के लिए लाल कलर के पेपर को कटर मशीन में डाला जाता है।


 फिर यह मशीन इस पेपर को गोल-गोल रोल में कन्वर्ट कर देती है जो कि 1 फुट तक लंबे होते हैं बाद मुझे कटर की मदद से काटकर के लिए छोटे-छोटे पीस कर दिए जाते हैं और फिर इन छोटे-छोटे हिस्सों को एक बड़े से प्लेटफार्म पर एक कर दिया जाता है उसके बाद कुछ प्लेटफार्म को डायरेक्ट मशीन में डाल दिया जाता है ताकि इनकी एंट्स को साफ किया जा सके और ज्यादा बड़े और पावरफुल बम होते हैं उन्हें बनाने के लिए कई सारे न्यूज़ के बर्ड्स को एक साथ रोल किया जाता है।ज्यादा प्रेशर कैसे 


दोस्तों हम आपको बताना चाहेंगे कि भारत में यह सभी चीजें हाथों से की जाती है लेकिन रोज के ऊपर टिशू पेपर चढ़ाया जाता है और इनकी दूसरे बाजू में मिट्टी लगाई जाती है और इसी कारण अंदर मौजूद बारूद बाहर नहीं निकलता उसके बाद भागों को बारूद की लिस्ट में डाल कर सुख है आ जाता है जो कि उसका काम करते हैं उसके बाद ही उसको छोटे शॉप में काटा जाता है इसमें गन पाउडर या बारूद भरी जाती है और उसी के बेसिस पर यह तय किया जाता है कि धमाका छोटा होगा या बड़ा जिसके बाद इन्फ्यूज को लिक्विड देश के रूप में बने हुए गन पाउडर में डूबा कर पटाखों के ऊपर लगाया जाता है।


 इन सभी चीजों के बाद एक व्यक्ति इन पटाखों को मेडल की मोड से बाहर निकलता है जब यह सभी निकल जाते हैं लोग अपने हाथों से इनकी बड़ी-बड़ी लक्ष्य बनाते हैं चीन की मदद से एक ही साथ कई सारे धमाके होते हैं अधिकतर शादी ब्याह और किसी खुशी के मौके पर इस्तेमाल किया जाता है युसूफ पाठकों की तो बहुत बात कर ली


रॉकेट बम कैसे बनाते है

 अब आते हैं रॉकेट पर जो कि हमारी इस लिस्ट में रॉकेट का नाम ना आए यह तो हो ही नहीं सकता तू चली आसमान में अपनी चमक बिखेरने वाले इन रॉकेट को बनने का प्रोसेस देखते हैं दोस्त बनाने के लिए सबसे पहले बड़े-बड़े कार्डबोर्ड की सीट को गोलाकार में काटा जाता है और कार्डबोर्ड जोक्स भी बनाई जाती है।


 जिसके बाद इन सब को एक प्लेटफार्म पर रखकर चिपकाया जाता है और उनको रस्सी से बांधा जाता है बांधने के बाद उनमें लगाई जाती है एक तरफ पूरी तरह से मिट्टी लगाई जाती है ताकि बारूद नीचे आ गिरे हालांकि यह मामला रॉकेट का है एक मशीन के जरिए और मिट्टी को आपस में सील किया जाता है फिर दोस्त हूं इन रूस में खुश रह जाते हैं फिर उनमें फ्यूज डाली जाती है और जब सारे फ्यूज लग जाते हैं तो उन्हें 30 से 40 के सेट में अलग अलग किया जाता है।उसके बाद उनमें ऊपर से गन पाउडर डालने के बाद पहले से कटे कार्डबोर्ड को इसमें डाला जाता है और फिर उनके ऊपर दोबारा बारूद डाली जाती है।


 जिसे हम डबलशॉट कहते हैं क्योंकि एक रॉकेट को पावर देकर उड़ाने के लिए और दूसरा ऊपर जाकर फटने के लिए इन सभी कामों के हो जाने के बाद रॉकेट को पैक करके मार्केट में बिकने के लिए भेज दिया जाता है दोस्तो तो देखा आपने 181 तरह तरह के पटाखे बंद कर तैयार होते हैं ताकि समय में आसमान में हर जगह रोशनी बिखेरने के साथ-साथ आपके चेहरे की हंसी लेकिन अगर आप पर्सनली हम से पूछेंगे तो इस तरह के पटाखों से आप दूर ही रहे क्योंकि यह पर्यावरण के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी काफी ज्यादा हानिकारक है


 और इन से कितना ज्यादा पोलूशन फैलता है यह तो हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है बाकी एक चीज है कि आप पटाखे चला सकते हैं अभी कुछ ऐसा ही हाल होता है लेकिन जब आप कोई चीज लिमिटेड करते हैं तो कभी भी उसका असर खराब नहीं होता इसलिए दिवाली आने पर बेशक पटाखे चलाएं लेकिन सिर्फ उतनी ही पटाखे जलाएं जो पर्यावरण के लिए भी ज्यादा नुकसानदायक ना हो टॉकीज पीलीभीत ज्यादा नुकसानदायक ना हो क्योंकि पटाखे चलाना एक तरह से अपने पैसों पर आग लगाने जैसा ही है दोस्तों सही कहा ना हमने अगर आप हमारी इस बात से सहमत हैं तो अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में बताएं इंटरेस्टिंग पोस्ट को लगातार देखने के लिए वेबसाइट को जरूर से जरूर सब्सक्राइब करें

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