Saturday, January 21, 2023

कोहिनूर हीरा कहा पे है

 कोहिनूर हीरा कहा पे है

दोस्तो एक बार फिर से आपका स्वागत है technical prithvi में कोहिनूर हीरा जी हां दोस्तों जैसा कि आप के स्क्रीन पर दिखाओ का कोहिनूर हीरा कैसे निकाला जाता है बहुत से लोग कोहिनूर हीरा के बारे में जानना चाहते होंगे

Kohinoor hira kaha hai

 जैसा कि आपको मालूम है किसी बेशकीमती चीज की तुलना कोहिनूर हीरे से ही की जाती है लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि आज तक कभी भी इसकी कीमत नहीं लगाई गई हो तो आखिर कोहिनूर हीरा में ऐसा क्या है कि इसकी कीमत आज तक नहीं लगाया क्या आज की इस पोस्ट में आपको बताते हैं कोहिनूर का मतलब कोहिनूर क्यों है


 खास इस समय कोहिनूर हीरा कहां है कोहिनूर हीरे की कीमत क्या है कोहिनूर हीरे का क्या इतिहास है कोहिनूर हीरे की मान्यता क्या है सब सवाल आपके मन में भी आता होगा लेकिन आज के इस पोस्ट में सारे के सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा आप सभी लोग पोस्ट को लास्ट तक देखते रहिए आपका ज्यादा टाइम ना लेते हुए पोस्ट को शुरू करते हैं आपको बता दें कोहिनूर हीरा एक बार फिर चर्चा में है और इसे देश में वापस लाने की मुहिम जोरों पर है ऐसे में इस बेशकीमती हीरे के बारे में जानने को सभी लोग उत्सुक हैं 

वैसे आपको एक बात बता दें कि आज तक कभी भी इसकी कीमत नहीं लगाई गई है कि सबसे पहले जानते हैं कोई ई का मतलब क्या होता है उसका अर्थ होता है रोशनी का पहाड़ जी हां दोस्तों रोशनी का पहाड़ कोहिनूर का मतलब होता है कि आप जानते हैं कोहिनूर हीरा क्यों है खास कोहिनूर हीरा दुनिया का सबसे मशहूर हीरा है मूल रूप में 793 कैरेट का था अब यार 105 कैरेट का रह गया है जिसका वजन 21 ग्राम है एक समय इसे दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता था अब जानते हैं।


 कोहिनूर हीरा इस समय कहां पर है इस वक्त कोहिनूर हीरा ब्रिटेन के राजपरिवार के पास है 10 दिन टावर ब्रिटेन की राजधानी लंदन कि केंद्र में एम्स नदी के किनारे बना एक भव्य किला है जिसे सन 1080 में विलियम दबाकर ने बनवाया था परिवार इस किले में नहीं रहता है और ऐसा ही जरूरत किस में सुरक्षित है जिसमें कोहिनूर हीरा भी शामिल है तो अब आपको मालूम चल गया होगा कोहिनूर हीरा इस समय कहां पर है चलिए दोस्तों अब हम आपको बताते हैं।

 कोहिनूर हीरे का इतिहास कोहिनूर के बारे में यह मान्यता है कि वह किस नदी के पास कुल्लूर के खदानों में मिला था या खुदा ने आज के आंध्र प्रदेश में स्थित है अट्ठारह सौ पचास में इसके बारे में चर्चा करते हुए ईस्ट इंडिया कंपनी के डायरेक्टर को पता चल गया कि लोग मानते थे कि आएगा उस समय से करीब 5000 वर्ष पहले महाभारत काल में मिला था ऐतिहासिक जानकारी यह है कि इस हीरे के बारे में सबसे पहले चिकन की आत्मकथा खबरनामा मिलता है बाबरनामा में बताया गया है कि किस तरह उसके प्यारे बेटे हिमायू ने उसे अद्भुत हीरा भेंट किया था जब हिमायू ने इसकी कीमत आदमी चाहे तो बाबर ने उससे कहा कि एक बेशकीमती हीरे की कीमत एक जीत होती है जिसके हाथ जीत होगी उसके हाथ में यही रहा होगा बाबर लिखता है।


 कि पानीपत की लड़ाई में सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर आगरा किले की सारी दौलत हिमायू ने अपने कब्जे में ले ली या हिमायू को ग्वालियर के राजा ने एक बहुत बड़ा हीरा दिया हिमायू ने उसे अपने पिता को भेंट कर दिया बीसवीं सदी में बाबर के पेड़ पौधे शाहजहां ने अपने लिए एक विशेष सिंहासन बनवाया सिंहासन को बनाने में सैयद गिलानी नाम के शिल्पकार और उसके कार्य ग्रुप की टीम को तकरीबन 7 साल का समय लगा इस सिंहासन में कई किलो सोने मंगवाए गए थे जिसे अनेकों जोरा से सजाया गया था इस राशन का नाम रखा गया तते अमृता बाद में या मयूर सिंहासन के नाम से जाना जाने लगा बाबर ने कोहिनूर हीरे को भी इसी में भरवा दिया था दुनिया भर की लोग इस नासन को देखने आते थे


 विनीत सर का कोटेश्वर जी आपको बता दें बादशाह औरंगजेब ने हीरे की चमक बढ़ाने के लिए इसे वोट दिया को दिया भुर्जी ऐसे काम के दौरान हीरे के टुकड़े टुकड़े हो गए या 790 कैरेट की जगह 180 कैरेट कर रहा है क्या औरंगजेब ने मोरिया से ₹10000 का जुर्माना के रूप में वसूल किए सिर्फ 1730 में फ्रांस के साथ नादिर ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया नादिरशाह के सिपाही पूरी दिल्ली में कत्लेआम कर रहे थे कत्लेआम को रोकने की इसमें गूगल सुल्तान मोहम्मद शाह ने उसे वह कल तो उस खाने से कोई डेढ़ लाख जेवराती है उनमें से एक यही रवि था कहा जाता है कि नादिरशाह ने ही इसे नाम दिया कोहिनूर यानी दिगंबर बादशाह की हत्या के बाद कोई नूर अहमद शाह दुर्रानी के कब्जे में आ गया अहमद शाह दुर्रानी का बेटा सासु जा जब सिखों की हिरासत में लाहौर जेल में था तो कहा जाता है कि सिख महाराजा रणजीत सिंह ने उसके परिवार को तब तक भूखा प्यासा रखा जब तक की सूजन कोहिनूर हीरा अजीत सिंह के हवाले नहीं कर दिया चीकू को हराने पर कोहिनूर हीरा अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथ लगा भारत का वायसराय इलोजी इसे अपनी आस्तीन में सिलवा कर लंदन ले गया वहां उसने कोहिनूर कंपनी के डायरेक्टर को भेंट में दे दिया कंपनी के डायरेक्टर ने तय किया कि कोहिनूर हीरा अमूल्य है।


 उसका कंपनी के लिए कोई इस्तेमाल नहीं था तो बेहतर रहेगा कि इसे रानी विक्टोरिया को देखकर कुछ सदैव ही हासिल कर लिया जाए कोहिनूर हीरा को रानी विक्टोरिया ने इसे अपनी ताज में गढ़वाली आप जानते हैं। कोहिनूर हीरे की कीमत क्या है कि मैंने पोस्ट की शुरुआत में बताया था कोहिनूर हीरा की कभी कीमत नहीं लगाई गई इसीलिए कोहिनूर हीरा अपने पूरे इतिहास में अब तक एक बार भी नहीं बिका है तू बता दे एक राजा द्वारा दूसरी राजा से जीता गया या फिर इनाम में दिया गया इसीलिए इसकी कीमत कभी नहीं लग पाई दोस्तों आप खुद सोचिए कोहिनूर हीरा इतना महंगा है। कि आज तक इसकी कीमत नहीं लगाई गई जब जानते हैं। कोहिनूर हीरे की मान्यता क्या है 1295 के आसपास या हीरा ग्वालियर के किसी राजा के पास था हालांकि तब इसका नाम कोहिनूर नहीं था पर इस हीरे को पहचान 1306 में मिली इसको पहनने वाले एक शख्स ने लिखा कि जो भी इंसान इस हीरे को पहने का वही संसार पर राज करेगा और इसके साथ उसका दुर्भाग्य शुरू हो जाएगा तब उसकी बात को उसका सहन कहकर खारिज कर दिया गया


 लेकिन दोस्तों अगर हम तब से लेकर अब तक का इतिहास देखें तो कह सकते हैं कि यह बात काफी हद तक सही है तो दोस्तों अब आपको भी कोहिनूर हीरे का इतिहास मालूम चल गया होगा कोहिनूर हीरा को वापस भारत में लाना चाहिए नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें जरूर बताएं पोस्ट को लाइक कर दें ताकि हमारा मोटिवेशन बड़े और आपके लिए ऐसी पोस्ट बनाकर लाते रहे पोस्ट को शेयर भी कर दें ताकि सभी लोगों तक पोस्ट पहुंच जाए मिलते हैं अगले पोस्ट में कुछ नहीं जानकारी के साथ तब तक जय हिंद जय भारत

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