Thursday, July 20, 2023

Solar penal kese banta hai


 दोस्तो तो एक बार तो स्वागत है आपका टेक्निकल पृथ्वी में दोस्तों के आपको मालूम है सोलर पैनल कैसे काम करता है बहुत से लोगों के घर में इस सोलर पैनल लगा होगा लेकिन यह कैसे काम करता है किसी को भी नहीं मालूम होगा 

Solar penal se bijli kese banti hai


लेकिन आज की इस पोस्ट में आपको मालूम चल जाएगा क्यों दोस्तों से झुलसा देने वाली गर्मी में भला कूलर एसी के बिना चैन कहां है और जब तक आपका मोबाइल फोन 50% से ज्यादा चार्ज नहीं होता तब तक आपके दिल की धड़कन होती ही रहती होगी अरे मैं पतन है कि आप सभी अपने मोबाइल फोन या लैपटॉप कंप्यूटर में हमारी इस पोस्ट को देख रहे होंगे जिसके साथ मतलब है कि आपके पास पर्याप्त मात्रा में बिजली मौजूद है पर क्या आपको पता है हमारी पूरी पृथ्वी में जितनी बिजली इस्तेमाल की जाती है उसके 10000 गुना ज्यादा पावर हमारी सोलर एनर्जी जनरेट कर दी है।


 अब आप खुद ही सोचिए कि अगर पूरी दुनिया में सोलर पैनल लगवा दी जाए तो पूरी दुनिया का नक्शा ही बदल जाएगा जान ना सिर्फ हमारे पास पर्याप्त मात्रा में बिजली बल्कि उन बिजली की तर भी बहुत ज्यादा कम होगी लेकिन ऐसा क्यों नहीं हो पा रहा और क्यों पूरी दुनिया प्रकृति की इतनी अनमोल चीज को इस पोस्ट में मैंने आपको दोस्त prayag kumar आपको बताने वाला हूं इसीलिए इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर देखिए पहले जैसा कि हमने आपको बताया कि सोलर एनर्जी कितनी ज्यादा कारगर साबित हो सकती है पूरी दुनिया के इलेक्ट्रिसिटी की समस्या को खत्म कर सकती है लेकिन सबसे पहले सवाल ही आता है कि आखिर सोलर पैनल्स काम कैसे करता है जानकी कैसे सोलर पैनल सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करते हैं और दोस्तों इस चीज को जानने के लिए सबसे पहले हम आपको बता दें कि सोलर पैनल सोलर सेल से बनते हैं और सबसे ज्यादा कॉमन सोलर सेल सिलिकॉन कमाना चाहता है।


 जो कि इस तरह का सेमीकंडक्टर है जो हमारी पृथ्वी में पाया जाने वाला दूसरा सबसे प्रचुर मात्रा में मौजूद एलिमेंट है और दो सोलर सेल से कृष्ण सिलिकॉन कंडक्ट रूल्स के बीच में सैंडविच की तरह मौजूद होता है और हर सिलिकॉन आइटम अपने पड़ोसी से जुड़ा होता है झलक रोज तो अपनी जगह पर होता है दोस्ती साइंटिफिक चीज है लेकिन हम आपको बहुत साधारण भाषा में इसे समझाने की कोशिश करता है जहां पर हर सिलिकॉन तू अलग तरह के लिए इस्तेमाल करता है जिसमें एक होता है जिसके अंदर और जो भी इसमें एक होता है एंड टाइप सिलिकॉन जिसके अंदर एक्स्ट्रा इलेक्ट्रॉन मौजूद होते हैं वह दूसरों से लिखो जिसके अंदर इलेक्ट्रॉन के लिए जगह मौजूद होती है।


 और जब यह दोनों ही अलग-अलग तरह के सिलिकॉन लेयर्स मिलते हैं 200000 रन पीएन जंक्शन में घूमते हैं एक तरफ इलेक्ट्रोपोजिटिव चार्ट छोड़ तो दूसरी तरफ नेगेटिव चार्ज डिलीट करता है दोस्तों जरा सोलर लाइट के बारे में सोचेंगे तो आपको ऐसा लगा कि इसमें बहुत ही छोटे छोटे पार्टिकल्स मौजूद होते हैं जिन्हें आ जाता है और सूरज की रोशनी के साथ निकलते हैं दूसरा सोलर लाइट के बारे में सोचेंगे तो आपको यह साल आएगा कि इसमें बहुत ही छोटे छोटे पार्टिकल्स मौजूद होते हैं जिन्हें फोटो आ जाता है और सूरज की रोशनी के साथ निकलते हैं ऐसे में दोस्तों के साथ मिलते हैं इसकी वजह से फूल बन जाता है और फिर नेगेटिव चार्ज इलेक्ट्रॉन अब पूरी तरह से मूवमेंट करने के लिए फ्री हो जाता है इसी वजह से दोस्तों में मौजूद बजाज इलेक्ट्रॉनिक पूरी तरह से मूवमेंट करने के लिए फ्री हो जाता है इसी वजह से दोस्तों में मौजूद में जाते हैं। और यहां से एक्सटर्नल सर्किट में ब्लॉक करते हैं और तब जाकर इलेक्ट्रिक एनर्जी बनती है।


 वैसे यह तो काफी साइंटिस्ट भाषा हो गई लेकिन अगर हम आसान भाषा में आपको समझाया तो सिलिकॉन 1 सेमी कंडक्टर कंडक्टर का भी काम करता है इंसुलेटर का भी काम करता है जिसमें दो तरह के टाइप होते हैं या नहीं और जैसा की आप नाम से समझ गए होंगे कि टाइपिंग पॉजिटिव इंसुलेटर का भी काम करता है जिसमें दो तरह के टाइप होते हैं या नहीं और जैसा की आप नाम से समझ गए होंगे कि चाय पी एल पॉजिटिव एंड नेगेटिव दोनों को साथ में रखा जाता बात होती है मैंने किसी चीज को मिलाकर सूरज से निकलने वाली रोशनी से जो छोटे-छोटे कन्या निकलता है तुम तो होता है पर जाकर इलेक्ट्रिसिटी जनरेट चैनल में काम करने के तरीके क्योंकि हमारी भाषा में आपको सब अभिजीत से जुड़ी एक और बात है वही है कि अगर सोलर पैनल से इलेक्ट्रिसिटी इतने अच्छे तरीके से जनरेट हो सकती है तो फिर पूरी दुनिया में सोलर पैनल लगाए क्यों नहीं जाते मैं काम करने के तरीके बारे में कोई भी आप खुश होगा क्योंकि हमने साइंटिफिक तरीके से लेकर हमारी तीसरी भाषा में आपको सब समझा दिया अब इससे जुड़ी एक और बात है वही है कि अगर सोलर पैनल से इलेक्ट्रिसिटी इतने अच्छे तरीके से जनरेट हो सकती है तो फिर पूरी दुनिया में सोलर पैनल लगाए क्यों नहीं जाते क्योंकि से नेचुरल रिसोर्स का इस्तेमाल भी हो जाएगा और बिजली का जो इतना भारी रेट लोगों को चुकाना पड़ता है।


 वह भी कम हो जाएगा तो दोस्त जवाब के तौर पर हम आपसे सिर्फ इतना कहना चाहेंगे कि इन सब चीजों को करने के लिए बहुत ही भारी मात्रा में हर देश की सहमति होने के साथ-साथ चीजों की सही व्यवस्था भी होनी चाहिए क्योंकि अगर भारी मात्रा में सोलर पैनल बनने लगेंगे तो इसकी भी संभावना है कि उनके एफिशिएंसी यानी कि काम करने का सही तरीका भी खराब हो जाए क्योंकि अभी भी हम पूरी तरह से निश्चित तौर पर नहीं कह सकते कि एक सोलर पैनल कब तक चल सकता है जिसकी वजह से जब कभी भी किसी के घर में सोलर पैनल अचानक से खराब हो जाएगा तो लोगों को काफी समस्या बिजली की देखनी पड़ेगी झांसी और बेहतर क्वालिटी के साथ अगर सोलर पैनल बनाए जाए तो उनके लिए काफी महंगा खरचा हो जाएगा जो पूरी दुनिया को मिलकर उठाना होगा व्हिच इज मुश्किल भले ही लग रही है लेकिन ना मुमकिन नहीं है


और अगर ऐसा हो जाता है तो वाकई में क्रांति आ जाएगी बाकी दोस्तों अगर आपको यह जानना है कि सोलर पैनल बनते कैसे हैं तो उसके लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा हम उस पर भी एक पोस्ट बना देंगे और आपका इस पोस्ट के बारे में क्या कहना है वह भी हमें कमेंट में जरूर बताइएगा साथिया ऐसे इंटरेस्टिंग पोस्ट को लगातार देखने के लिए हमारे website technical prithvi ने उस को लाइक शेयर सब्सक्राइब कर देना फिर मिलते हैं

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