भगवान शिव का जन्म आखिर कैसे हुआ था क्या है इसके पीछे का रहस्य आज के इस पोस्ट में हम आपको पूरा विस्तार से बताएंगे तो आप इस को पूरा पढ़े । नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का स्वागत है। अगर आप भी भगवान शिव के भक्त हैं तो कमेंट में हर हर महादेव जरूर लिखें। चलिए शुरू करते हैं।
भगवान शिव का जन्म कैसे हुआ
हम सबके प्रिय भगवान शिव का जन्म नहीं हुआ है। वे स्वयंभू है लेकिन पुराणों में उनकी उत्पत्ति का विवरण मिलता है। विष्णु पुराण के अनुसार ब्रह्म भगवान विष्णु की नाभि कमल से पैदा हुए जबकि शिव भगवान विष्णु के माथे के तेज से उत्पन्न हुए बताए गए हैं।
विष्णु पुराण के अनुसार माथे के तेज से उत्पन्न होने के कारण ही शिव हमेशा योग मुद्रा में रहते हैं। श्रीमद् भागवत के अनुसार एक बार जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा अहंकार से अभिभूत हो स्वयं को श्रेष्ठ बताते लड़ रहे थे। तब एक जलते हुए खंबे से भगवान शिव प्रकट हुए ।
विष्णु पुराण में वर्णित शिव के जन्म की कहानी शायद भगवान शिव का एकमात्र बाल रूप वर्णन है। इसके अनुसार ब्राह्मण जी को एक बच्चे की जरूरत थी। उन्होंने इसके लिए तपस्या की तब अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रह्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया ।
उसका कोई नाम नहीं है इसलिए वह रो रहा है तब ब्रह्माजी ने शिव का नाम रूद्र रखा जिसका अर्थ होता है। रोने वाला शिव तब भी चुप नहीं हुए । इसलिए ब्राह्मण ने उन्हें दूसरा नाम दिया पर शिव का नाम पसंद नहीं आया और वे फिर भी चुप नहीं हुए। इस तरह शिव को चुप कराने के लिए ब्राह्मण 8 नाम दीए हैं ।
शिव पुराण के अनुसार यह नाम पृथ्वी पर लिखे गए थे । शिव के इस प्रकार ब्रह्मा पुत्र के रूप में जन्म लेने के पीछे भी विष्णु पुराण की एक पौराणिक कथा है। इसके अनुसार जब धरती आकाश पाताल समेत पूरा ब्रह्मांड जल मग्न था, तब ब्रह्मा विष्णु और महेश के सिवा कोई भी देव या प्राणी नहीं था।
सो दोस्तों अब आप ये समझ गए होगे कि भगवान भोलेनाथ का जन्म केसे हुवा । उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,
No comments:
Write comment