Tuesday, January 3, 2023

पढ़ाई में मन नहीं लगता तो क्या करना चाहिए

 

दोस्तों हमारी प्राचीन शास्त्रों में विद्यार्थियों को सफलता पाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण उपाय बताए गए हैं। यदि इन नियमों को ध्यान में रखकर पढ़ाई की जाए। तो विद्यार्थी बड़ी से बड़ी सफलता को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं। एक विद्यार्थी को विद्या प्राप्त करते समय अपने समस्त इंद्रियों को वश में रख कर ही विधा ग्रहण करना चाहिए । 

पढ़ाई में मन नहीं लगता तो क्या करना चाहिए


विद्यार्थियों को ध्यान और प्राणायाम अवश्य करना चाहिए। इससे मन और समस्त इंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है और इससे बुद्धि भी तेज और कुशाग्र बनती है। श्री कृष्ण कहते हैं जो विद्यार्थी सर्दी हो अथवा गर्मी हो, गरीब हो अथवा धनवान हो। हर परिस्थिति में पूरी निष्ठा के साथ विद्या ग्रहण करता है। 


उसे साक्षात देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है और वह संसार में कीर्ति प्राप्त करता है। वास्तुशास्त्र में विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण वास्तु नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं तो वे कभी असफल नहीं होंगे। दोस्तों वास्तु शास्त्र दिशा का निर्धारण करने वाला विज्ञान है। 


पढ़ाई में मन नहीं लगता तो क्या करना चाहिए

विशेष रूप से वास्तु विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। वास्तु छात्रों को उनके अध्ययन में काफी मदद करता है। साथ ही उसे लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनकी मदद करता है। छात्र अच्छे परिणामों के लिए परिश्रम करते हैं लेकिन अक्सर अच्छे परिणाम ना आने की वजह से विद्यार्थी परेशान हो जाते हैं। इसके लिए वास्तु दोष कारण ही भूत हो सकती है और गलत दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है। 


बार-बार ध्यान भटकता रहता है और स्मरण शक्ति भी कमजोर बनने लगती है। यदि सही दिशा में मुख करके पढ़ाई की जाए तो देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है और पढ़ाई में और भी ज्यादा मन लगता है। इसीलिए पढ़ाई करते समय दिशा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। साथ ही किताबे रखने के लिए भी वास्तुशास्त्र में एक निश्चित स्थान के बारे में बताया गया है। 


आज हम आपको वास्तु शास्त्र में विद्यार्थियों के लिए बताए गए महत्वपूर्ण नियम बताने जा रहे हैं जिससे उन्हें जीवन में सफलता पाने में आसानी होगी और बड़ी ही सहजता से वे सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त कर पाएंगे तो चलिए जान लेते हैं। विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण वास्तु नियम 


कोन सा दिशा में बैठ कर पढ़ना चाहिए 

दोस्तों वास्तु शास्त्र के अनुसार अध्ययन कक्ष, घर की पूर्व उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे अवशोषित शक्ति में सुधार होता है और ज्ञान बढ़ता है और आप थके हुए भी महसूस नहीं करेंगे। उत्तर और पूर्व की दिशा ऊर्जावान महसूस करवाती हैं ।


इसलिए विद्यार्थी हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में अध्ययन कक्ष का चयन करने का प्रयास करें। अध्ययन कक्ष का द्वार भी पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। यदि ऐसा संभव ना हो तो पढ़ाई करते समय अपना मुख उत्तर पूर्व दिशा में करना चाहिए क्योंकि यह दिशा विद्या की देवी मां सरस्वती की दिशा है। इस दिशा में मुख करके पढ़ाई करने से मां सरस्वती अत्यंत प्रसन्न होती हैं। 


विद्यार्थियों को अपना स्टडी टेबल हमेशा उत्तर की ओर मुख करके रखना चाहिए और उत्तर की ओर ही मुख करके पढ़ना भी चाहिए इससे उनके मस्तिष्क में नए विचार उत्पन्न होते हैं और उनका ध्यान भी पढ़ाई में अच्छे से लगता है। अपने स्टडी टेबल को दीवार से बिल्कुल भी चिपका कर ना रखे और  स्टडी टेबल के बीच में थोड़ा अंतर रखना चाहिए। 


पढ़ाई करते वक्त विद्यार्थियों को एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए और वह बात यह है कि आप जहा पर भी  पढ़ाई कर रही हैं। आपके सर के ऊपर कहीं भी कोई भी बीम नहीं होना चाहिए। यदि आपके सर के ऊपर कोई बीम है तो उस बीम के कारण आपका कंसंट्रेशन बार-बार पढ़ाई से हट जाएगा। अर्थात आपका ध्यान भटके गा और आप चाह कर भी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाएंगे। इसलिए यदि कहीं बीम है । उस स्थान के नीचे कभी भी पढ़ाई ना करें । 


बहुत से विद्यार्थी ऐसे होते हैं कि जब पढ़ाई करने बैठते हैं। तो सारी किताब को इधर-उधर फैलाकर कर पढ़ने बैठ जाते हैं और पढ़ाई पूरी करने के बाद उन किताबों को वहीं छोड़ देते हैं। विद्यार्थियों को ऐसा भूल से भी नहीं करना चाहिए। किताबों में देवी सरस्वती का वास होता है। पढ़ाई हो जाने के बाद किताबों को उनकी सही जगह पर रखना चाहिए। 


किताबों को भी देवी-देवताओं के समान ही सम्मान देना चाहिए। कभी किताबों को पैर नहीं लगाना चाहिए। गलती से पैर लगने पर क्षमा मांगनी चाहिए। अन्यथा देवी सरस्वती आपसे नाराज हो जाती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार विद्यार्थियों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि जब वह अपनी स्टडी रूम में बैठकर पढ़ाई कर रहे हो तो उनका ध्यान पढ़ाई पर लगा होना चाहिए। 


पढाई करते समय भोजन नहीं खाना चाहिए 

पढ़ाई करते समय भोजन नहीं करना चाहिए और ना ही किताबों पर रखकर चीजें खानी चाहिए। जिस स्थान पर आप पढ़ाई करते हैं, उस स्थान को हमेशा स्वस्थ रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम हमेशा प्रकाश से भरा पूरा होना चाहिए। अंधकार नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है। इसलिए आपके स्टडी रूम में कहीं भी अंधेरा नहीं होना चाहिए। 


दिन में आपके स्टडी रूम में पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक हवा एवं प्राकृतिक सूर्य की रोशनी प्रवेश करनी चाहिए क्योंकि सूर्य की किरणें सकारात्मक ऊर्जा देती है। अगर अलग से स्टडी रूम नहीं है तो सुबह सूर्य के प्रकाश में बैठकर अध्ययन करना चाहिए। इससे सूर्य देव की कृपा बनी रहती है। रात्रि के समय में पढ़ाई करते समय भी इस बात का ध्यान रहे कि कम रोशनी में बैठकर पढ़ाई ना करें। 


इससे आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही पढ़ाई करते समय आपकी परछाई भी किताबों पर नहीं पड़नी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने स्टडी रूम में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। इसके लिए आपको अपनी स्टडी रूम में माता सरस्वती की तस्वीर अवश्य लगानी चाहिए।


उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,



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