Monday, November 21, 2022

पूजा करते समय मन में गंदा विचार आए तो क्या करें

 

कहते हैं व्यक्ति के दो मन होते हैं एक शुद्ध मन और दूसरा अशुद्ध मन अशुद्ध मन होने पर व्यक्ति के मन में कामनाएं उत्पन्न होने लग जाती हैं। वही कामना और एक मन को शुद्ध मन माना जाता है। हमें भगवान की याद आती है तो वह परमात्मा जरा सा याद करते हैं। हमारी सहायता करने के लिए चले आते हैं। 

पूजा करते समय मन में गंदा विचार आए तो क्या करें


हमारी सारी परेशानियां कष्ट रोग बिना किसी भेदभाव के हर लेते हैं लेकिन अक्सर बहुत लोग इस बात को कहते हैं कि उनका पूजा में ध्यान नहीं लगता। या फिर जब भी वे  पूजा करने की कोशिश करते हैं तो उनका ध्यान अन्य दूसरी बातों की तरफ भटकने लगता है और फिर उन्हें शर्मिंदगी का अहसास होता है। 


हालांकि यह समस्या हर व्यक्ति के साथ नहीं होती है लेकिन जिन जिन के साथ ये समस्या होती होगी उनकी स्थिति बहुत ही दयनीय हो जाती है। आज हम आपको एक ऐसी समस्या से निकलने के बारे में बताने जा रही है क्योंकि पूजा-पाठ हम भारतवासियों का एक महत्वपूर्ण अंग है। पूजा पाठ से मन को शांति मिलती है। मन पवित्र होता है । 


अच्छे कार्यों की तरफ प्रेरित होता है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं। उन लोगों की जो भगवान की पूजा करना तो चाहते हैं लेकिन जैसे ही वे ध्यान लगाना शुरु करते हैं या कोई पाठ करना शुरू करते हैं तो पता नहीं कहां से उनके मन में गलत विचार आने लगते हैं । और वे इन विचारों को अपने मन में आने से रोक भी नहीं पाते। 


पूजा करते समय मन में गंदा विचार आए तो क्या करें

अपने मन पर काबू नहीं कर पाते। वे कितनी भी कोशिश करें इन विचारों से बचने की उनके मन में कोई बुरे विचार ना आए और वह सच्चे मन से ईश्वर की पूजा कर सके, परंतु वे नहीं कर पाते और कभी कभी तो यह विचार इतने गंदे होते हैं की इसमें काम वासना की झलक होती है और तुरंत जब व्यक्ति को यह ध्यान आता है कि वह पूजा में है। 


परमात्मा की तस्वीर के सामने तो उसे अपने आप से ही घिन होने लगती है। वह सोचता है कि मैं कितना बुरा इंसान हूं कि कुछ पल के लिए भी अपनी इंद्रियों को अपने बस में नहीं रख सकता। 2 मिनट के लिए भी सच्चे मन से ईश्वर में ध्यान नहीं लगा सकता और वह इस कारण पूजा-पाठ बंद कर देता है और भगवान से दूर चला जाता है। हालाकी चिकित्सा में इसे वो सिटी की समस्या भी कहते हैं। 


यह एक प्रकार का मानसिक विचार है जो दवाइयों के द्वारा ठीक हो जाता है। लेकिन दर्शकों सिर्फ इस कारण कि व्यक्ति अपना ध्यान पूजा में सही ढंग से नहीं लगा पाता और वह पूजा करनी बंद कर देता है। ऐसा तो नहीं होना चाहिए क्योंकि ईश्वर तो सब देखता है। ईश्वर से किसी के भी मन की सोच नहीं छुपी हुई है। 


पूजा करते समय मन में गंदा विचार आए तो क्या पूजा करना चाहिए 

वह तो सब जानता है कि कौन उन्हें सच्चे मन से पूछता है। यदि किसी व्यक्ति के मन में हिचकच्छ होता है । तो भी  ईश्वर समझ जाते हैं क्योंकि यदि व्यक्ति ईश्वर से अपनी गलत सोच के लिए माफी मांग कर उन्हें कुछ पलों के लिए सच्चे मन से याद करता है तो ईश्वर भी उस व्यक्ति से हुई गलती को माफ कर देते हैं ।


क्योंकि ईश्वर ने कभी नहीं कहा कि व्यक्ति सिर्फ इसलिए पूजा करना छोड़ दें। या कोशिश भी ना करें क्योंकि उसका मन पूजा पाठ में नहीं लगता। सच बात तो यह है कि ईश्वर तो हाव देखते हैं और यह तो इंसान की अपनी सोच होती है। आपका जो मन है वह आपसे आपके दिल से अलग सोचता है और आपका दिमाग आपको वह सोचने पर मजबूर कर देता है ।


तो इसलिए आप अपने आप को दोषी ना समझे। आप अपने पूजा पर विश्वास रखें। किसी भी स्थिति में आपको पूजा-पाठ बंद नहीं करनी चाहिए। पूजा में कठिनाइयां व्यवधान या बुरे विचार आने का कारण भी यही है। पूजा करते समय मन में जो बुरे विचार आते हैं, गंदे विचार आते हैं। उनको दूर करने का उपाय यही है कि आप अपने पूजा निरंतर और नियमित करते रहे। 


धीरे-धीरे आपके को संस्कार कर जाएंगे और शुभ संस्कार स्थापित हो जाएंगे क्योंकि ऐसा करने से आप अपने मन पर विजय प्राप्त कर लेंगे और अपनी सोच पर आपका पूरा कंट्रोल होगा और उसके बाद इस तरह के बुरे विचार आप की पूजा में विघ्न नहीं बनेगी 


तो दोस्तो उम्मीद करता हू कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । अगर आप के मन में कोई सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,



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