Thursday, March 23, 2023

हमें और अपने जीवन साथी को अपने या अपने व्यक्तित्व के बारे में बताएं।

 

दोस्तो आज के इस पोस्ट में हम बात करने जा रहे हैं। स्त्रियों के अलग-अलग स्वभाव और उनके प्रकार के बारे में समुद्र शास्त्र के अनुसार स्त्रीयाओ के प्रकार और ज्योतिष शास्त्र और पुराणों में स्त्रियों के कई प्रकार के बारे में लिखा गया है कि स्त्री कितने प्रकार की होती है। उनके क्या लक्षण होते हैं और उनका स्वभाव कैसा होता है। ज्योति शास्त्र के अनुसार स्त्रियों को मुख्यतः निम्न पांच वर्गों में बांटा गया है। आइए जानते हैं ।

हमें और अपने जीवन साथी को अपने या अपने व्यक्तित्व के बारे में बताएं।

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स्वभाव की स्त्रियां थोड़ी लम्बी होती है। इनमें से कुछ मोटी और कुछ दुर्बल होती है। उनकी नाक मोटी आंखें अस्तित्व और आवाज कम भी होती है कि ये हमेशा पसंद दिखाई देते हैं और बिना कारण क्रोशिया करती हैं कि पति से रूठ ही रहती हैं। 


संकिनी स्त्री को पति की बात मानना गुलामी की तरह लगता है। इनका मन सदा भोग विलास में डूबा रहता है। इन में दया भाव भी नहि होता इसीलिए ये परिवार में रहते हुए भी उनसे अलग ही रहती हैं। ऐसी स्त्रियां संसार में अधिक होती हैं और ऐसी लड़कियां चुगली करने वाली यानी इधर की बात उधर करने वालों में से होती है। यह अधिक बोलती है इसीलिए लोग इनके सामने कम ही बोलते हैं। इनकी आयु लंबी होती है। पिता का कुल और पति का कुल दोनों कुल इनके सामने नष्ट हो जाते हैं और अंत समय में यह बहुत दुखी होती है। यह उस समय मरने के बराबर इच्छा रखते हैं, लेकिन मृत्यु नहीं होती है । 


चित्रणी

चित्रनी पवित्रता तथा स्वजनों प्रश्न करने वाली होती है। यह हर कार्य बड़ी शीघ्रता से करती हैं। इनमें भूख की इच्छा कम होती है और सिंगार आदि में इनका मन अधिक लगता है। इससे अधिक मेहनत वाला काम नहीं होता। परंतु यह बुद्धिमान और विदुषी होती है। गाना बजाना और चित्रकला इन्हें विशेष प्रिय होता है। यह तीर्थ व्रत और साधु संतों की सेवा करने वाली होती हैं। 


चित्रणी स्त्रियां दिखने में बहुत ही सुंदर होती हैं। इनका मस्तक गोलाकार अंग कोमल आंखें चंचल होती हैं। इनका स्वर्ग कोयल की समान होता है और बाल काले होते हैं। इस जाति की लड़कियां बहुत ही कम होती है। यदि इनका जन्म गरीब परिवार में हो तो यह भविष्य में पटरानी के समान सुख भोंकते हैं। चित्रणी स्त्रियां अधिक संतान होने पर भी लगभग इनकी तीन संताने जीवित रह सकती है। उनमें से एक का राजयोग होता है। इस जाति की लड़कियों की आयु लगभग 48 वर्ष की होती है। 


हस्तीनी

लड़कियों का स्वभाव बदलता रहता है। इनमें भोग विलास की इच्छा अधिक होती है यह हसमोख स्वभाव की होती है और भोजन अधिक करती हैं। उनका शरीर थोड़ा मोटा होता है और यह प्राय आलसी प्रकृति की होती है। इनके गाल नाक, कान और मस्तक का रंग गोरा होता है और इन्हें क्रोध अधिक आता है। कभी-कभी इनका स्वभाव बहुत ही क्रूर हो जाता है और इनके पैरों की उंगलियां टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं। 


इनकी संतानों में लड़कियां अधिक होती है और यह बिना रोग के ही रोगी बनी रहे। इनका पति अक्सर सुंदर और गुड़मार होता है। अपने झगड़ालू स्वभाव के कारण हंसते में स्त्रियां परिवार को क्लेश पहुंचाती हैं। इनके पति इनसे दुखी होते हैं और यह धार्मिक कार्यों के प्रति अधिक आस्था नहीं रखती हैं। इन्हें स्वादिष्ट भोजन पसंद होता है। इनकी परम आयु 73 वर्ष की होती है और विवाह के 48 और बसपा 16 वर्ष में उनके पति का भाग्य उदय होता है। इनके दुष्ट स्वभाव के कारण ही परिवार में इनकी कोई पूछ परख नहीं होती। 


पंचशाली 

शोभा की लड़कियों के मस्तक का चमकीला बिंदु भी बर्लिन दिखाई देता है। इस स्वभाव वाली महिलाएं अपने परिवार के लिए दुख का कारण बनती है। इनमें लज्जा नहीं होती और अपने हाव-भाव से कटाक्ष करने वाली होती है। इनके हाथ में नव रेखाएं होती हैं जो सिर्फ स्वास्थ्य आदि उत्तम रेखाओं से रहित होती है। इनका मन अपने पति की अपेक्षा पर पुरुषों से अधिक लगता है और इसलिए कोई इनका मान सम्मान नहीं करता। 


सभी इन की अपेक्षा करते हैं। पोस्टल स्त्रियों में युवावस्था के लक्षण 12 वर्ष की आयु में ही दिखाई देने लग जाते हैं और इनकी आंखें बड़ी और हाथ पैर छोटे होते हैं। इनका स्वाद तीखा होता है और यदि किसी से सामान्य रूप से बात करती है तो ऐसा लगता है जैसे भी बात कर रही हैं। इनकी भाग्य रेखा और पुण्य रेखा छिन्न-भिन्न रहती है। इनके हाथ में दो शक रेखाएं और नाक पर तिल होता है। 


पद्मिनी 

सबसे उत्तम स्वभाव की स्त्रियों में पद्मिनी सबसे आगे रहते हैं । समुद्र शास्त्र के अनुसार पद्मिनी स्त्रियां सुशील धर्म में विश्वास रखने वाली तथा माता-पिता की सेवा करने वाली वह अति सुंदर होती है। पद्मिनी स्त्रीयो के शरीर से  कमल कि समाज सुगंध आती है और यह लंबे कद व कोमल बालों वाली होती है। इनकी आवाज मीठी होती है और पहली नजर में इस सभी को आकर्षित कर लेती है। 


इनकी आंखें सामान्य से थोड़ी बड़ी होती है और यह अपने पति के प्रति समर्पित रहती हैं। इनकी नाक कान और हाथ की उंगलियां छोटी होती है। उनकी गर्दन संख के समान होती है। इनके मुख पर सदा प्रसन्नता दिखाई देती है। पद्मिनी स्त्रियां प्रत्येक बड़े पुरुष को अपने पिता के समान अपनी उम्र के पुरुषों को अपने भाई के समान और छोटों को अपने पुत्र के समान समझते हैं कि देवता गंधर्व मनुष्य सबका मन मोह लेने में सक्षम होती है। 


पर यह सौभाग्यवती अलक सोमभवती पवित्रो  में श्रेष्ठ योग्य संतान उत्पन्न करने वाली तथा आशिकों का पालन करने वाली होती है। इन्हें लाल वस्त्र अधिक प्रिय होते हैं तथा इस जाति की लड़कियां बहुत ही कम होती है। जिनसे इनका विवाह होता है । वह पुरुष बहुत ही भागशाली होता है । 


दर्शको इस संसार में अलग-अलग स्वभाव की स्त्रियां होती है, लेकिन हम सिर्फ इतना ही कहना चाहेंगे कि हमें हर स्त्री का सम्मान करना चाहिए क्योंकि इस जीवन की नींव ही है । स्त्रियों के बारे में हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। नारी का दिल समुद्र की तरह विशाल होता है। नारी की महानता त्याग और संघर्ष के आगे दुनिया झुकती रहती है । 



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