Wednesday, March 13, 2024

प्यार क्या होता है | Love Tips in hindi


हमें प्यार क्यों होता है तो दोस्तो सर्दियों के मौसम आ गया है और हर कोई अपने चाहने वाले को अब कुछ ज्यादा ही याद करेगा। दोस्तों आप लोगों ने ये डायलॉग तो बहुत बार सुना होगा कि हर इंसान को अपनी जिंदगी में एक ना एक बार प्यार तो होता ही है।

प्यार क्या होता है | Love Tips in hindi

 आपने कभी ना कभी प्यार किया ही होगा । कुछ लोगों को तो एक से ज्यादा बार भी प्यार हो चुका होगा। लेकिन क्या कभी किसी ने ये सोचने की कोशिश की है कि आखिर प्यार कर पूरी दुनिया टिकी हुई है। वह होता क्यों है ।  क्या है किस तरह हमें प्यार होता है। 

कैसे कोई अनजाना इंसान हमारे लिए सब कुछ बन जाता है। दोस्तो चिंता मत कीजिए क्योकि आज के पोस्ट में मैं आपकी सवालों का जबाब देने वाले है।  ओर में आपको प्यार की साइकोलॉजी समझाने वाला हूं जिसे जानकर आप के होश उड़ जाएंगे । 


प्यार क्या होता है | Love Tips in hindi

तो दोस्तों वैसे तो प्यार एक ऐसी चीज है जो कभी भी किसी से भी हो सकती है। हम सभी परिवार वालो , रिश्तेदारों और दोस्तों यारों से प्यार करते हैं। लेकिन यहां हम प्रेमी प्रेमिका के बीच में होने वाले प्यार की बात कर रहे हैं जो जटिल सवाल बनकर रह गया है। 


कि क्यों कोई पराए इंसान इतना करीब हो जाता है। तो दोस्तों सबसे पहले हम आपको बता देंगे जब इंसान किसी के प्यार में होता है तो उसके दिमाग का एक खास हिस्सा सक्रिय हो जाता है। उस इंसान को ठीक वैसा ही महसूस होता है जैसा कि नशे का सेवन करने के बाद महसूस होता है। 


यही वजह है कि इंसान प्यार में जादुई से महसूस करता है और इसके लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है जो व्यक्ति प्यार में होता है। उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा होता है और यह बात उसे हम इंसान से बहुत अलग बनाती है। असल में प्यार किसी नशे की तरह लत और जुनून से बढ़कर से सिर पर चढ़ जाता है । 


और फिर सिर चढ़कर बोलता है और यह तो आप लोगों ने बहुत बार सुना ही होगा कि प्यार अंधा होता है। आपको बता दें कि वैज्ञानिकों के हिसाब से यह बात 100 फीसदी सच है कि जो इंसान प्यार में पढ़ा होता है उसे अच्छे बुरे की कोई समझ नहीं होती। लेकिन आखिर इंसान के दिमाग में इस तरह के बदलाव क्यों आते है। 


वैज्ञानिकों के अनुसार प्यार क्यो होता है ? 

तो दोस्तों विश्व यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉक्टर रोबोट वीर का कहना है कि इन सब के पीछे इंसान के दिमाग में मौजूद फेनियर हाई लेमन नाम के था। न्यूरोकेमिकल का हाथ है। एवरशाइन प्यार में पड़े इंसान को उसके पाटनर की गलतियों को नजरअंदाज करता है। 


उसे ऐसा महसूस करवाता है कि वह बहुत ही ज्यादा खुश है। सिर्फ इतना ही नहीं यही वो न्यूरोकेमिकल है जो किसी भी इंसान के प्रेमी या प्रेमिका को उसके जिंदगी में सबसे ज्यादा उचा अस्थल दिलवाता  है। असल में दोस्तों ये रसायन हम सभी के दिमाग में होता है। 


लेकिन प्यार में पड़े इंसान में ये कुछ ज्यादा ही उत्पन्न होने लगता है और दोस्तों कहानी में ट्रस्ट तब आता है। जब इस न्यूरॉकेमिकल   मिस्टर हमेशा एक ऐसा नहीं रहता बल्कि कुछ समय बाद ही गिरने लगता है और चार-पांच साल बाद तो उसका प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो जाता है। 


प्यार करना धीरे - धीरे कम क्यो हो जाता है ? 

इसलिए कहा जाता है। कुछ समय बाद प्यार खत्म हो जाता है। तो दोस्तो ये हुए प्यार में पड़ने के बाद लेकिन ये सवाल यह भी आता है जो कि आपके दिमाग मे आ रहा होगा कि आखिर हम किसी एक इंसान के प्यार में पढ़ते कैसे हैं । 


एक इंसान से हम प्यार क्यो करते है सबसे क्यो नही ? 

तो दोस्तों इस विषय में कई सारे मनोवैज्ञानिक ने रिसर्च की ओर मनोवैज्ञानिक के अनुसार प्यार होने के लिए समिन्धनवो के अलावा भी कई और चीजें मायने रखती है और इंसान की आंखें उनमें से एक है। 


आंखे मिलाने से प्यार होता है ? 

यह बात उन्होंने एक एक्सपेरिमेंट करके भी बताई है। जहाँ पर कई सारे अनजान लड़की लड़कियों को 90 मिनट तक एक दूसरे से बातें करने के लिए कहा और फिर उसके बाद 4 मिनट तक सिर्फ उन्हें एक दूसरे की आंखों में देखने के लिए कहा ।


तो एक्सपेरिमेंट इन्होंने कई सारे लोगों के साथ किया और उस एक्सपेरिमेंट में शामिल हुए ज्यादातर लोगों का यह कहना था कि आंखों में देखने की वजह से उस सामने वाले व्यक्ति की तरफ आकर्षित हुए थे। आप यकीन नही मानेगे । 


क्या नाक - नाक मिलाने से भी प्यार होता है ? 

लेकिन बाद में छोटे से एक्सपेरिमेंट में शामिल होने वाले चार कपल नहीं तो आपस में शादी भी कर ली और तीन लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। सिर्फ इतना ही दोस्तों मोहब्बत में नाक भी एक अहम रोल अदा करती है क्योंकि हर इंसान के शरीर से अलग प्रकार की गंध निकलती है। 


जो कि  नाक के द्वारा दिमाग तक पहुंचती है और दिमाग उसी रिकॉर्ड करता है और फिर उस अजनबी  इंसान के जेनेटिक्स की जांच करता है। अभी सब होता किस तरह ये तो हमें नहीं पता चल पाता है। क्योंकि दिमाग अपना काम लगातार करता रहता है और आप इस बात पर सायद  विश्वास ना करें । 


कि हमारा दिमाग गंद को सुनकर ही जो जेनेटिक संरचना करता है। उससे दिमाग ये   पता लगाता है कि सामने वाला व्यक्ति जिसकी तरफ हम आकर्षित हो रहे हैं वह हमारा जीवन साथी बनने योग्य है या नहीं। 


शरीर मे क्या देखते है जो इंसान किसी के प्यार में आकर्षित हो जाता है ? 

वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी इंसान में आकर्षण की प्रक्रिया 80 सेकंड से 4 मिनट में शुरू हो जाती है। आकर्षण की इस प्रक्रिया में 55% योगदान हमारी बॉडी लैंग्वेज ओं पर्सनैलिटी का होता है और 10% हमारी बातचीत के अंदाज पर होता है और 7% आकर्षण के इस बात पर निर्भर करता है कि आप बोलने में कितने कुसल है। 


प्यार कितने हिस्से में विभाजित किया गया है ? 

No.1 वैज्ञानिकों के मुताबिक प्यार को कुल 3 हिस्सों में विभाजित किया गया है जिनमें से एक है तन की चाह दूसरी है। मन की चाह और तीसरी है। जनम जनम का साथ अगर हम पहले से ही बात करें। यानी की तन की  चाह जिसे प्रेक्षण कहते तो दोस्तो ये ज्यादा कुछ नहीं सिर्फ वासना  होती है जो सेक्स हार्मोन से निकलती है जो अपने पार्टनर के साथ समय बिताने के लिए और शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित करता है। 


No.2 अगर बात करें दूसरे हिस्से की तो वह है मन की चाह जिसे अफेक्शन कहा जाता है। दोस्तों यह जो चरण होता है। इसके लिए दोपर  नाम का केमिकल जिमेदार है क्योंकि जब भी रसायन सक्रिय होता है तो प्यार जैसा फील होता है। जिसमे कुछ सुझता ही नहीं है। 


रातों का नींद दिल का चैन सब छीन जाता है और इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने प्रेमी या प्रेमिका के बारे में सोचता रहता है। अधिकतर इस स्टेज पर जब वह आते हैं तो उनका दिमाग फिर जाता है। 


No.3 अब हम इसके तीसरे हिस्से की बात करते है जो जन्म जन्म का साथ यानी कि डीप लव की अवस्था हमारे जीवन में आकर्षण के बाद आती है। जब रिश्ता लंबे समय तक चलता रहता है क्योंकि इंसान का आकर्षण की अवस्था में लंबे समय तक नहीं रह सकता। लेकिन जो डीप लव होता है।


यह लोगों के अंदर समझदारी पैदा करता है और लंबे समय तक एक साथ रहने में मदद करता है। दोस्तों वैज्ञानिकों के हिसाब से प्यार किया है। यह तो हमने आपको बता ही दिया । लेकिन एक बात आप भी जान लीजिए कि प्यार की कोई भी परिभाषा नहीं होती है। 


यह इंसान की सबसे बड़ी जरूरत होती है जो उसे जिंदा रहने का एहसास दिलाती है। अब भले ही इसमें कई सारे केमिकल लोचा होते रहते हैं ।  लेकिन वह केमिकल लोचा भी हमारे शरीर के लिए अच्छा ही है। बाकी आपका इस पर क्या कहना है । कमेंट करके जरूर बताएं और इसी तरह की पोस्ट को पढ़ते रहने के लिए हमारे Blogg को Subscribe जरूर करें। 




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