Saturday, November 5, 2022

चीन भारत से आगे क्यो है?

 दोस्तो तो एक बार फिर से स्वागत है। आपका Technical prithvi में दोस्तो तो चाइना के लोगों को छोटी आंखों वाला कहकर हम लोगों ने कई बार उनका मजाक बनाया वैसे वहां की डर्टी पॉलिटिक्स और खाने-पीने का मजाक बनाने वाला ही है। वहीं पर अगर इन सब चीजों को साइड में रख दिया जाए तो चाइना के अंदर ऐसी बहुत सी चीज है। जिस वजह से वह आज दुनिया का सबसे बड़ा पावर है।

चीन भारत से आगे क्यो है?
चाइना ओर भारत कब एक समान था।

क्या आप जानते हैं। 1978 में भारत और चाइना की जीडीपी एक समान थी लेकिन कुछ ही सालों के अंतराल में जाना इतनी तेजी से आगे बढ़ता चला गया कि कोई उसे पकड़ ही नहीं पाया और हम आज की इस post में चाइना के उसी राज से पर्दाफाश करने वाले कैसे चाइना ने तरक्की की बुलंदियों को छुआ इसलिए मेरे यानी अपने दोस्त prayag kumar के साथ post के अंत तक बने रहेगा


Post में काफी इंटरेस्टिंग होने वाली है। लेकिन पोस्ट शुरू करने से पहले एक छोटी सी रिक्वेस्ट है। पोस्ट के नीचे रेड कलर का सब्सक्राइब बटन दिख रहा होगा उस पर क्लिक करके सब्सक्राइब करें। ताकि आपको पोस्ट मिले सबसे पहले


चाइना इतना आगे क्यो है।

सबसे पहले हम आपको बता दें कि चाइना हार्ड वर्क में नहीं बल्कि स्मार्ट हुआ कियुकि नहीं वास करता है। वही बहुत ही स्ट्रांग विपिन वाला देश है। जो 50 साल आगे की सोचता है। और हम यहां पर हिंदू-मुस्लिम किया करते हैं। पर चाइना की 52% आबादी धर्म पर विश्वास नहीं करती जी हां दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश की आधी से ज्यादा आबादी नास्तिक है। यही कारण है। कि वहां के लोग अपना समय और पैसा धर्म की जगह कर्म पर लगाते हैं।


चाइना के बच्चे और भारत के बच्चे में क्या अंतर है।

पिछले 40 सालों में हमारे देश की एवरेज ग्रोथ रेट मात्र 6 परसेंट है। और वही चाइना की एवरेज ग्रोथ रेट 10 परसेंट के करीब है। दोस्तो तो दोनों ही देशों में लगभग एक समान आबादी है। और जिस हिसाब से हमारे देश में आबादी बढ़ रही है। हम कुछ ही समय में चाइना को पछाड़ देंगे और फिर भी चाइना लगातार ग्रुप करने में लगा हुआ है। और यही कारण है। कि वहां की हंड्रेड परसेंट एजुकेशन एडवांस लेवल पर पहुंचने वाली है।


हमारे यहां पर अभी तक तो कई ऐसे बच्चे हैं। जिन्हें एजुकेशन का मतलब ही नहीं पता और यह हमारे भारत की सबसे बड़ी गलती है। जो कि हमारे देश में कहीं भी कमी नहीं है। शिवा शिक्षा के ऐसी शिक्षा की वजह से हमारे देश के लोगों की सोच नेवल नहीं हो पाती पूर्व जाति धर्म वगैरह में ही किसका रह जाते हैं। और कभी भी आगे बढ़ने की नहीं सोच पाते


दोस्तों पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया और जब तक इंडिया पड़ेगा नहीं तब तक यह बात दिमाग से निकाल दीजिए कि हमारा भारत चाइना से आगे निकल पाएगा क्योंकि चाइना में लगभग हर इंसान पढ़ा लिखा है। और वहां पर जबरदस्ती किताबी ज्ञान नहीं थोपा जाता बल्कि बच्चों को वाकई में शिक्षित किया जाता है।


जाने आसपास की चीजों से अवेयर करके होने के सफल इंसान बनाने की राह पर चला जाता है। यही कारण है। कि इस देश में शायद ही ऐसी कोई चीज होगी जो चाइना ना बनाता हो। सिवाय तेल के तेल का उत्पादन चाइना में नहीं होता बाकी तो चाइना हर तरह से धावा बोलने की तैयारी में लगा हुआ है। क्योंकि चाइना सबसे पहले ही देखता है। कि दुनिया में सबसे ज्यादा कौन सी चीज मिलेगी और उसे लोग कोंन सा प्राइस में खरीदना पसंद करेंगे।


जिसके हिसाब से चाइना जल्दी से बनाता है। चाइना की सबसे बड़ी स्ट्रेटजी तो ही रहती है। क्यों शुरू से ही अपना घाटा मूल लेकर काफी भारी मात्रा में चीजें बनाता है। और कम दामों में लोगों को भी प्रोडक्ट से ना हो पाने के कारण था लेकिन प्रोडक्ट बनाने के कारण उनकी बनाने के कारण उनकी मैन्युफैक्चरिंग प्राइस कम हो जाती है। जिस वजह से कम दाम में ही लोगों को वह सामान दे सकते हैं।


चाइना के समान हर जगह पर क्यो मिलता है।

 जब चाइना का प्रोडक्ट कम दाम में मिलेगा तो कोई भी इंसान अपने देश का सामान महंगे दाम में खरीदना पसंद नहीं करेगा और इसी वजह से जब चाइना के प्रोडक्ट बिकने लगते हैं। तो जो उसके कंपटीशन में होते हैं। वही समझ जाते हैं। कि हमारा अब कोई बिजनेस नहीं पड़ेगा चाइना सस्ते दामों में चीजें बेच रहे हैं। जहां हम उस प्रोडक्ट को चाइना द्वारा बेचे जाने वाले दाम में भी नहीं बना पा रहे हैं। और इसी वजह से चाइना का हारिज में कंपटीशन कम होता चला जा रहा है।


वैसे उस देश की सबसे बड़ी ताकत वहां के लोग चाइना के लोग काफी ज्यादा हार्ड वर्किंग होते हैं। हमारे यहां तो लोग काम बाद में करते हैं। और काम खराब होने का रोना पहले रोने लगते हैं। काम छोटा बड़ा लेकिन चाइना नहीं कोई भी ऐसा नहीं सोचता है। वहां पर नौजवान अपनी खुद की फीस भरने के लिए पार्ट टाइम जॉब करते हैं।


इस उमर में हमारे देश के लड़के अपने मां-बाप से चोरी चुपके सिगरेट पीते हैं। उसी उम्र में वहां के लोग नाटक शुरु कर देते हैं। यानी कि आप समझ रहे होंगे कि उस देश की सूची अलग है। यही कारण है। कि आज चाइना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अचानक ही तरक्की इसलिए भी हुई है। क्योंकि जहां कोई भी नई चीज आती है उसे सबसे पहले चाइना सीखता है फिर उसे बनाता है। और बीच डालता है। वैसे आप ही सुनकर हैरान हो जाएंगे लेकिन दुनिया में 80% एयर कंडीशन यानी कि जिससे कि आप ठंडी ठंडी हवा लेते हैं। अधिकतर चाइना में बनती है।


क्या स्मार्टफोन चाइना बनाता है।

स्मार्टनेस के बारे में तो आप जानते हैं। अगर नहीं जानते तो हम आपको बता दें दुनिया में 70% स्मार्टफोन चाइना बनाता है। और 60% जूते भी चाइना में बनते हैं चाइना लगातार हर एक चीज में अपना कब्जा कर रहा है। और यह आंकड़ा ऐसे ही खत्म नहीं होता क्योंकि 74% सोलर सेल चाइना बनाता है। 60% सीमेंट चाइना में बनती है। 50% कोयले का प्रोडक्शन चाइना में होता है। और तो और दुनिया भर में चलने वाली पानी वाली जहाज का 45 परसेंट चाइना में ही बनकर तैयार होता है।


केशु के आंकड़े हैं। क्योंकि चाइना वाकई में हर एक करके मार्केट में अपना पैर पसार चुका है। और हमे चाइना को पकड़ना है। तो सबसे पहले हमें समझना होगा कि अपने देश का सामान इतनी बड़ी आबादी वाले देश के लिए इस्तेमाल करना कोई बड़ी बात नहीं है। अगर हम अपने देश का सामान इस्तेमाल करने लगेंगे तो हमारे देश के अधिकतर फायदा तो हम ही लोगों से होना शुरू हो जाएगा


 क्योंकि नीचे आई थी और अगर हम भी हमारे देश के सामान इस्तेमाल करना शुरू कर दें तो देश की आधी से ज्यादा समस्याएं यूं ही छूमंतर हो जाएंगे


बाकी आपका इस विषय में क्या कहना है। हमें कमेंट करके जरूर बताइए और इसी तरह के इंटरेस्टिंग posts लगातार देखते रहने के लिए हमारे वेबसाइट वाले पोस्ट की शेयर और सब्सक्राइब करना बिल्कुल ना भूलें और हम फिर मिलेंगे तब तक के लिए जय हिंद जय भारत

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