Thursday, December 1, 2022

ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ क्यो काटे गए

 दोस्तो एक बार फिर से स्वागत है। आपका technical prithvi में ताजमहल की बातें आपको नहीं पता होंगी दोस्तों दुनिया के सात अजूबों में से एक हमारे भारत में बना ताजमहल है। जिसकी खूबसूरती देख ने पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं। अब यह बात तो हम सभी जानते हैं। कि ताजमहल को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था

ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ क्यो काटे गए

 और इसकी खूबसूरती इतनी ज्यादा लाजवाब है। कि देखने वाला अपने दांतो तले उंगलियां दबाने पर क्या आप यह जानते हैं। कि ताजमहल की नींव लकड़ी से बनी है। या फिर ताजमहल को शिव मंदिर कहने वाले सबसे पहला शख्स कौन था और यह तो फिर भी कुछ भी नहीं है। क्योंकि हमारी आज की इस post में मैं यानी आपका दोस्त prayag kumar आपको भारत की शान कहे जाने वाले ताजमहल के बारे में कुछ ऐसी इंटरेस्टिंग चीजें बताऊंगा


 जिसे सुनकर आप पूरी तरह से हैरान हो जाएंगे चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं। लेकिन हम पोस्ट शुरू करने से पहले एक छोटी सी रिक्वेस्ट है पोस्ट के नीचे लाल कलर का सब्सक्राइब बटन दिख रहा होगा उस पर क्लिक करके सब्सक्राइब करें ताकि आपको पोस्ट मिले सबसे पहले 


ताजमहल कितने सालो में बनाया 

  No.1  हम सभी जानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था जो कि शाहजहां की चौदहवीं संतान को जन्म देते समय गुजर गई थी लेकिन यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि मुमताज के अलावा सजाना की और 5 बीवियों को भी यही दफनाया गया था सेक्टर 22 शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण 1625 में शुरू करवाया था

 और 1653 तक चला इसी तरह ताजमहल को बनाने में पूरे 22 सालों का समय लगा 


ताज़महल बनाने में कितने मजदूर थे।

इसे बनाने में करीब 22000 मजदूरों ने काम किया जिसमें भारत के अलावा प्रश्न और तुर्की के लोग भी शामिल थे। सत्यमूर्ति अब आप इस चौका देने वाले इंटरेस्टिंग फैक्ट को देखिए क्योंकि हर साल हजारों लाखों लोग ताजमहल को देखने चाहते हैं और जब वह ताजमहल को देख रहे होते हैं तो ऐसा लगता है कि यह ताजमहल का सामने वाला हिस्सा है।


No.2 और हमें पूरा यकीन है कि आप भी ऐसा ही सोचते होंगे पर हम आपको बता दें कि जो हिसाब देख रहे होते हैं वह ताजमहल का पिछला हिस्सा है दरअसल जो शाहिद करवाता है। वह नदी के किनारे की दूसरी तरफ है। और ताजमहल तक पहुंचने के लिए नदी ही मुख्य रास्ता थी जान नदी के किनारे जब उतरा हुआ करता था और बादशाह और उसके मेहमान उसी चबूतरे के द्वारा आया करते थे अजीबो अब समय के साथ नष्ट हो गया


 No.3 ताजमहल की आर्मी वाले कोने में एक ही मीनार है। और चारों मीनार मकबरे को संतुलन देती है। जिनकी लंबाई 41.6 मीटर है। सबसे हैरान करने वाली बात हुई है। कि दिखने में मीनार भले ही सीधी लगी हुई है। का सबसे बड़ा कारण यह है ।कि अगर किसी प्राकृतिक आपदा के कारण यह मीनार गिर जाए तो वह आगे की तरफ गिरे ताकि ताजमहल को कोई नुकसान ना पहुंचे


 No.4 अभी बात तो आपको पता ही होगी कि ताजमहल के निर्माण के लिए शाह जाने दुनिया भर से बेशकीमती रत्न और पत्थरों को मंगवाया था इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि शाहजहां शुरू से ही चाहते थे कि ताजमहल दुनिया की ऐसी भव्य इमारत हो जिसे आज तक देखा ना गया हो और इसीलिए सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाए गए जड़े और किस जल जाने से मंगवाई गई ला पिछला जली अफगानिस्तान से मंगवाए गए इसके अलावा ऐसे 2820 कीमती रत्नों को अलग-अलग देशों से मंगवाया गया था ताकि सफेद संगमरमर में जोड़ा जा सके और इन बेशकीमती रत्नों को विदेश से आगरा लाने के लिए एक हजार हाथी का इस्तेमाल किया गया था कि ताजमहल की खूबसूरती को और ज्यादा निकाला जा सके


 No.5 दोस्तो तो 200 सालों तक जब अंग्रेजों ने हम पर हुकूमत की तो आजादी की पहली लड़ाई यानी अट्ठारह सौ सत्तावन के दौरान अंग्रेजों ने ताज को काफी नुकसान पहुंचाया जा उन्होंने ताजमहल पर लगे सबसे बड़े बीच कीमती रत्नों को ताजमहल की दीवारों से खोदकर निकाल लिया कहा जाता है कि अंग्रेजों ने हम पर राज करते समय काफी लूटपाट की थी।


 No.5  बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि शाहजहां ने ताजमहल बनवाते समय कारीगरों और मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे लेकिन अगर हम बहुत से इतिहासकारों की मानें तो शाहजहां ने मजदूरों और कारीगरों को जिंदगी भर की पगार देकर उनसे कॉन्ट्रैक्ट लिखवाया कि वह ऐसी कोई दूसरी इमारत नहीं बनाएंगे


क्या ताजमहल की लंबाई कुटुमिनार से भी ऊची है।

 No.6 हम आपको बता दें ताजमहल की लंबाई कुतुब मीनार से भी ऊंची है जी हां ताजमहल 73 मीटर लंबा है जबकि कुतुब मीनार की लंबाई 72.5 मीटर है विकी हल्की सी ऊंचाई के कारण ताजमहल का कुतुबमीनार से ज्यादा बड़ा हो जाता है।


 No.7  दक्षिण भारत में मुगलों द्वारा बनाएगी जितने भी इमारत है उनमें सबसे सुंदर कारीगरी ताजमहल में ही देखने को मिलती है जैसे ही लोग ताजमहल के बड़े दरवाजे से अंदर जाते हैं। दरवाजे पर लिखा आपका स्वागत करता है।


No.8 दोस्तो ऐसा माना जाता है कि इस वसूली को कुरान से लिया गया है जिसका मतलब है कि आत्मा ईश्वर के पास आराम कर ईश्वर के पास शांति के साथ रहे और उसकी परम शांति का अनुभव कर।


 No.9 तो आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि सफेद संगमरमर से बनी इस विशालकाय और खूबसूरत इमारत की नींव लकड़ी से बनाई गई थी हमें पता है सुनने में काफी अजीब लग रहा है लेकिन यह सच है इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि इस महल की न्यू में जो लकड़ी लगी है यमुना के पानी की नमी के कारण अपनी मजबूती अभी तक बनाए हुए हैं।


No.10 आमतौर पर कोई लकड़ी पानी के संपर्क में आने पर खराब हो जाती है वहीं इसके विपरीत और ज्यादा मजबूत होने लगती है।


 No.11  दोस्तों अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव होते होंगे तो आपको पता होगा कि हाल ही में ताजमहल शिव मंदिर कहकर बुलाने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ गई थी पर क्या आप जानते हैं इस विवाद को जन्म किसने दिया असल में दोस्तों 1979 नहीं भारतीय लेखक ने ताजमहल द ट्रू स्टोरी नामक एक किताब लिखी ओके लेखक ने ताजमहल द ट्रू स्टोरी नामक किताब लिखी और उन्होंने इस किताब में दावा किया कि ताजमहल मकबरा बनने से पहले शिव मंदिर था कल आप तेजो महालय था इतना ही नहीं बल्कि इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने 2000 में ताजमहल की साइट को खोजने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अर्जी भी दी थी।


 जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया और बाद में आरके लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने यह बात स्पष्ट की की ताजमहल कभी एक शिव मंदिर था इस बात का कोई सबूत नहीं है लेकिन हां ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया था इस बात का सबूत इतिहास के पन्नों में दर्ज है।


 दोस्तो  तो आज के लिए बस इतना ही उम्मीद आपको ताजमहल के बारे में इंटरेस्टिंग फैक्ट जानकर काफी अच्छा लगा होगा बाकी आपका इस पर क्या कहना है हमें कमेंट करके जरूर बताइए और इसी तरह की इंटरेस्टिंग पोस्ट को लगातार देखते रहने के लिए हमारे वेबसाइट पोस्ट को शेयर सब्सक्राइब करना बिल्कुल ना भूलें जय हिंद जय भारत

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