Sunday, October 23, 2022

अल्बर्ट एनस्ट्रिंन का दिमाग का राज क्या था

 दोस्तो तो एक बार फिर से स्वागत है। आपका technical prithvi में दोस्तो तो आज के इस पोस्ट में देखिए अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग का पूरा सच जैसे आपको स्क्रीन पर दिख रहा होगा कि अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग गोल नहीं है। जी हां थोड़ा चपटा हुआ है। फिर ऐसा क्यों दोस्तों सभी जानते हैं।



Albert estibin ka dimag ka raj kya tha

कि अल्बर्ट आइंस्टीन कितने बड़े वैज्ञानिक थे ऐसे में हिंदी बराबर एमसी स्क्वायर जैसी महान इक्वेशन देने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन का निधन 18 अप्रैल 1955 में हुआ 2 दिन था जिस दिन आइंस्टीन हम सभी को अलविदा कह कर चले गए पर दोस्तों मरने से पहले इनकी ख्वाहिश थी कि इनके ऊपर किसी भी तरह की कोई रिसर्च ना की जाए 345 थॉमस हार्वे जीने मरने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन की बॉडी की जांच करनी थी।


उन्होंने चुपके से आइस्ट्रिंन का दिमाग और उनकी आंखों को उनके शरीर को निकाल लिया दोनों चीजों को लंच बॉक्स में रखकर वहां से भाग निकले ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि आइंस्टीन के दिमाग में ऐसा क्या था जो इतना बड़ा जीनियस बनाता था

क्या वह चीजें हमारे दिमाग में आ सकती है या फिर इन्हीं कुदरत के करिश्मे की तरह तो दोस्तों इन सभी चीजों को जानने के लिए हमारी आज की इस पोस्ट को अंत तक जरूर देखना क्योंकि आज मैं यानी आपका दोस्त prayag kumar ऐसे पोस्ट में ना सिर्फ आपको आइंस्टीन के दिमाग से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहा हूं।

 बल्कि उसके साथ यह भी बताऊंगा कि कैसे आप अपने आप को इनके जैसा जीनियस बना सकते हैं वैसे ही वीडियो पसंद आए तो लाइक और शेयर करने में जरा भी कंजूसी मत करना चली पोस्ट को शुरू करते हैं। लेकिन पोस्ट शुरू करने से पहले एक छोटी सी रिक्वेस्ट है पोस्ट के नीचे रेड कलर का सब्सक्राइब बटन दिख रहा होगा उस पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर ले ताकि आपको पोस्ट मिले सबसे पहले 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आइंस्टीन कितने महान वैज्ञानिक थे अब जाहिर सी बात है कि इस महान वैज्ञानिक दिमाग हम सब से बहुत अलग चलता होगा तभी उन्होंने हमें कुदरत के नियमों को समझने वाली इतनी हैरान करने वाली बातें बताइए मैं अगर हम इनके दिए गए फार्मूला का अध्ययन करें तो उस पर अकेले कई सारी किताबें लिखी जाती है इसलिए इतने महान वैज्ञानिक के दिमाग में क्या-क्या चीज है किस किस तरह से काम करती थी यह बात जानना हम सभी के लिए काफी जरूरी है और शायद इसी वजह से थॉमस और वे ने आइंस्टीन के दिमाग को चोरी कर लिया इसलिए सर्वे की मानें तो उन्होंने तुरंत आइंस्टीन के दिमाग को बाहर निकालकर उसका वजन किया जो फ्री 1230 ग्राम का था 

पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि थॉमस हार्वे नहीं आइंस्टीन के दिमाग को चोरी करने के तुरंत बाद ही उस पर रिसर्च करनी शुरू कर दी तू लगभग 20 सालों तक आइंस्टीन के दिमाग को संरक्षित रखा और फिर जब आइंस्टीन के बेटे की परमिशन मिल गई आइंस्टीन के दिमाग पर रिसर्च शुरू हुई आप यह सुनकर पूरी तरह से हैरान हो जाएंगे कि आइंस्टीन के दिमाग को करीब 200 हिस्सों में बांटा गया ताकि हरेक हिस्से के अलग-अलग तरीके से रिसर्च हो पाए

और इन सभी को दुनिया के अलग-अलग रिसर्च के पास भेजा गया अजब रिसर्च ने अपनी रिजल्ट देने शुरू किए दोनों ने कुछ ऐसे चौका देने वाले फ्लेक्स बताएं जो आपको पूरी तरह से हैरान कर के रख देंगे चलिए दोस्तों जानते हम फैक्ट्स को और यह भी जानते हैं कि कैसे।

 हम अपने दिमाग को आइंस्टीन के दिमाग जैसा बना सकते हैं।

स्क्रीन के दिमाग की सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि उनके दिमाग में ग्लियल सेल्स की संख्या नॉर्मल इंसान से बहुत ज्यादा थी आपको बता दें ग्लियल सेल्स होलसेल तोते जॉन को प्रोटेक्ट करते हैं उन ऑक्सीजन और न्यू ट्रेंस देने का काम है नहीं सेल्स का होता है ऐसे में तो आइंस्टीन का दिमाग में इसकी संख्या ज्यादा होने की वजह से उनके दिमाग में बनने वाली कनेक्शन न्यूरॉन के बीच में बनने वाले कनेक्शन बहुत ही ज्यादा स्ट्रांग थे मनीष रॉन्ग सिनेप्टिक कनेक्शन के चलते उनका दिमाग कितना पावरफुल था 

और जैसा कि हम जानते हैं कि रियल सेल्स न्यूरॉन को नष्ट करने का काम करते हैं इन्हीं सेल्स की वजह से आइंस्टीन की न्यूरोप्लास्टिसिटी और नेसेसिटी बहुत ज्यादा थी तुम्हारे दिमाग में नए न्यूरॉन्स बनाने के बिलिटी को न्यूरोजेनेसिस कहा जाता है और 200 आइंस्टीन के दिमाग में एक और चौका देने वाली बात यह थी कि उनके दिमाग में सेल्फी सर नाम का ब्रेन पार्ट्स था ही नहीं हम आपको बता दें यह पाठ दिमाग में टीचिंग के लिए रिस्पांस मिलता है।

अब आप इसे कुदरत का करिश्मा समझ सकते हैं कि उनके दिमाग की सभी चीजें पॉजिटिव तरीके से काम कर रही थी अब अगर हम आइंस्टीन के दिमाग से जुड़ी दूसरी रोचक बात बताएं तो हम तेरा दिमाग तो दोस्तों में बैठा हुआ होता है एक तो लेफ्ट हैंड पर दूसरा राइट है मिस वेयर जा दोनों काम होता है लेफ्ट है मिस यू यार यानी कि उल्टे हाथ के हिस्से का काम होता है।

लॉजिकल चीजों पर ध्यान देना वही राइट वाला हिस्सा इमेजिनेशन आर्ट और क्रिएटिविटी के लिए रेस्पॉन्सिव होता है ऐसे में दोस्तों दिमाग के दोनों हिस्सों के बीच में जो भी ब्रिज जैसा स्ट्रक्चर होता है उसे कॉरपस का लोशन कहते हैं कॉरपस कॉलसम के जरिए इंफॉर्मेशन दिमाग के एक हिस्से से दूसरे से मिल जाती है अभी समझ सकते हैं कि जितना मजबूती ब्रिज होगा या स्ट्रांग कॉरपस कॉलसम होगा दिमाग के दोनों हिस्सों में जाने वाली इंफॉर्मेशन इतने अच्छे से काम करेगी धमाकों के बीच कनेक्शन अच्छा होगा तो इंसान भी काफी ज्यादा इंटेलिजेंट होगा क्योंकि इसे लॉजिक के साथ क्रिएटिविटी का हुई हुनर आता होगा 

ठीक वैसे ही जैसे आइंस्टीन को आता था और ऐसा इसलिए था क्योंकि इनके दिमाग के दोनों हिस्सों के बीच में जो कॉरपस कॉलेज जाऊं था वह बहुत ही ज्यादा स्ट्रांग था इंफॉर्मेशन शेयर करता था आप दोस्तों यह सवाल आता है कि हम किस तरह अपने कॉरपस कॉलसम को और ज्यादा मोटा हो स्ट्रांग बना सकते हैं किसी का सीधा और सरल आंसर है मेडिटेशन जी हां आप जितनी देर मेडिटेशन एंड ध्यान लगाओगे आपके दिमाग में मौजूद कॉरपस कॉलसम उतना ही ज्यादा स्ट्रांग होता चला जाएगा

क्योंकि मेडिटेशन के दौरान दोनों दिमाग एक साथ अच्छे से काम करते हैं तो आपने कई बार सुना होगा ना कि मेडिटेशन से कई सारी चीजें आसान हो जाती है हो इसलिए क्योंकि तब आपके दोनों दिमाग बहुत अच्छे से काम करना शुरू कर देते हैं अगर हम आइंस्टीन के दिमाग से जुड़ा एक और फैक्ट्री बताएं  तो दोस्तों आइंस्टीन के दिमाग में मौजूद लेफ्ट पैराइटल लोब एक आम इंसान से लगभग 15% बढ़ा था

अभी किसी को नहीं पता किए जेनेटिकल था या फिर अपने दिमाग का इस्तेमाल करने से इतना ज्यादा बड़ा हो गया था लेकिन हम आपको बता दें दिमाग का हिस्सा मैथमेटिकल और लॉजिकल स्किल्स के लिए रिस्पांसिबल होता है जब शुरू को खेलने से लेकर कोडिंग डिकोडिंग करें ताकि काम करके अपने दिमाग के उस हिस्से को बढ़ा सकते हैं दोस्तों अगर हम फ्री फ्रंटल को टैक्स की बात करें तो यह दिमाग का वह हिस्सा होता है जो 25 साल की उम्र तक डेवलपर होता रहता है।

ओर दिमाग कहीं आम इंसानों को बाकियों से ज्यादा इंटेलिजेंट बनाता है और यह चीज गोल सेटिंग फ्यूचर प्लानिंग थॉट कंट्रोलिंग और अच्छे बुरे के अंतर को हमें समझ आता है यानी कि आपके दिमाग से जितने भी डिसीजन लिए जाते हैं उन्हीं की मदद से लिए जाते हैं और दिमाग के हिस्से को डेवलप होने में करीब 25 साल का वक्त लगता है 25 साल के बाद इंसान के हिस्सा पूरी तरह से डिलीट हो जाता है।

लेकिन आइंस्टीन का प्री फ्रंटल को टैक्स बहुत ही ज्यादा डर लगता क्योंकि जहां बाकियों के दिमाग में ऐसे में 3fold होते हैं वही आइंस्टीन के दिमाग में से चार फोल्ड थे। और अगर आप चाहे तो आप भी अपनी फ्रंटल को टैक्स को मजबूत बना सकते हैं बस उसके लिए आपको दूसरों के लिए आभार प्रकट करने से लेकर एक्सरसाइज करनी होगी तो हमने आपको हर एक चीज बता दी।

जिससे आप अपना दिमाग अल्बर्ट आइंस्टीन जितना तेज तो नहीं लेकिन हां वाक्यों के मुकाबले काफी बेहतर बना सकते हैं और अगर आप ऐसा चाहते हैं तो पोस्ट में बताएं कि हर एक बात को फॉलो कीजिए आपकी जिंदगी अपने आप बनाना  शुरू हो जाएगी दोस्तो आज के लिए बस इतना ही उम्मीद है आपको हमारी आज की पोस्ट पसंद आई होगी अगर हां तो ऐसा ही इंटरेस्टिंग पोस्ट देखने के लिए हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे।

फिर मिलेंगे नई पोस्ट के साथ तब तक के लिए जय हिंद जय भारत

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