एक लड़का और लड़की की प्रेम कहानी
एक लड़की नकाब मैं हर रोज एक गली से गुजरती
उस गली मैं एक लड़का भी रहता
लड़के ने उस लड़की के आँखो मैं देखा तो मोहबत हो गया
जब अगले दिन आपस उस लड़की उस गली से गुजरी तो लड़के ने शराकत उस अंदाज से कहाँ की ए पर्दा नसीब पर्दा हटा मेरी मोहबत काबुल कर जलवा देखा
लड़की ने अनदेखा कर के चली गयी फिर ऐसी तरह कहाँ ओर लड़की अनदेखा कर के चली गयी
तीसरी रोज फिर लड़की आयी लड़के ने फिर कहाँ की ए पर्दा नसीब पर्दा हटा मेरी मोहबत काबुल कर जलवा देखा
अगर तू जलवा नही दिखाएगी तो खुद खुसी कर लूंगा
लड़की फिर अनदेखा कर के चली गयी
चौथी रोज फिर लड़की आयी और लड़का को नही देखा तो उसने आसपास के लोगो से पूछा लोगो ने कहा कि उस लड़का तुम्हारी चाहत मैं खुदखुशी कर लिया
लड़की उस लड़के के बाजार मैं गई और कहा कि ये मेरे गुणाम आशिक़ आयी हु तेरे बाजार पर मैंने रुक्स से नकाब हटा दिया जी कर मेरा दिलदार कर तो इस बात को सुनकर कब्र से आवाज आती है कि ए खुदा कैसा तेरा इंसाफ है ये
खुदा ऐ तेरा कैसा इंसाफ है
आज मैं कब्र मैं हु ओर वो बे नकाब है
कड़वा तो लगेगा मगर ये सच है
मेरे दोस्त अगर आज के दौर पर आज आपसे कोई आपके कमाई पूछता है तो वो ए सोचता होता है कि आज के दौर मे लोग औकात देखकर तालुक रखते है
गुलाम बनकर जियो गे तो कुत्ता समझकर
लात मारे गि ए दुनिया और नवाब
बनकर जियो गे तो शेर शमझकर सलाम
ठोकेंगे ए दुनिया दम कपड़ो की होती तो
सफेद रंग के कपड़ो मैं लिपटी मुर्दो भी सुल्तान मिर्जा होता है
No comments:
Write comment