Tuesday, May 12, 2020

एक आर्मी की साच्छी कहानी

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एक आर्मी की साच्छी कहानी


ऐ कहानी है ऐसे सस्त की जिसके बारे मे बहोत कम लोगो का पता होगा

एक बार की बात है रमेश नाम का जवान जिसकी पहली पोस्टिंग सिकिम के हुई थी
वो जिस ट्रैन मैं जा रहा था उस ट्रेन मैं सभी जवान थे
लेकिन उसकी बोगी पूरे खाली थे शिवाय उसके ओर उसके सामने वाली शिट के नीचे दो बेग रखे थे
जिसके बारे मे रमेश को बिल्कुल नही पता था
ढेर रात हो चुकी थी और लोग उसके बोगी तरफ से गुजरती तो वो सामने वाले सीट को प्रणाम करते और आगे निकल जाते
रमेश ने सोचा इसके बारे मे सुबह पूछता हूं और नींद भी उसे काफी आ रही थी तो वो सो गया
बीच रात मैं जब उसकी नींद खुली तो देखा कि ओ सामने वाले सीट पर आर्मी ड्रेस मैं एक सस्त बैठा हूँ
रमेश भी मुस्कुरा रहा था
रमेश भी मुस्कुराया ओर पूछा कि इस सीट पर लोग प्रणाम कियु करते है तो सामने वाले सस्त ने कोई जवाब नही दिया वो पहली के बाती मुस्कुरा रहा था
रमेश को थोड़ा अजीब सा लगा और आपस सो गया और अचानक सी उसकी आँखें फिर से खुली तो देखा कि उस शिट पर कोई है ही नही
रमेश को देखकर थोड़ा अजीब सा लगा और थोड़ा डर से लगा और उसे पूरी रात नींद नही लगी
अगले सुबह उठा तो सबसे पहले यही सवाल किया कि मेरे सामने वाले शिट पर ऐसी ऐसी चीजें हुई तो लोगो ने बताया कि ये सीट वीर बाबा भजन जी का है
बाबा हर सिंह जी का पोस्टिंग चीना के boder पे हुआ था
9060 मैं हुई थी
ओर एक केलिसिस मैं पस्स गयी जब तीन दिन तक उनका शरीर नही मिला तो लोगो ने उसको भगोड़ा साबित कर दिया
फिर एक रात अपनी दोस्त के सपने मैं आया अपने साबत के बारे मे बताया जब सोल्जर ने इनके बारे मे पता लगाया तो उनकी शरीर बिल्कुल उसी जगह मिला
हर भजन सिंह चार महीने एक साल इंडो china के boder पर भारत की राखछ्ह करते आये है
अगर दुश्मन देश मे  कोई भी पलाएंग चलती तो इस बात की खबर इस india को सबसे पहले दे दिया करते थे
यहाँ तक कि आज भी बाबा हर भजन सिंह की बिस्तर लगाया जाती और हर सुबह उनकी बिस्तरों पे उनके जूते पायी जाती  और हर साल जून महीने के लिए उसे गाव जाने के लिए छूती मिलती ओर उनका सारा सामान रेलवे स्टेशन

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