Wednesday, September 27, 2023

ज्यादातर पंजाबी कनाडा क्यों जाते हैं?

 

पंजाब के घर और गांव वीरान हो रहे हैं। यहां का हर दूसरा युवा कैनेडा जाकर ही नौकरी करना चाहता है। वहां जाने का क्रेज इतना ज्यादा है कि अक्सर जल्दबाजी में युवा ठगी का शिकार हो जाते हैं। 

ज्यादातर पंजाबी कनाडा क्यों जाते हैं?

मार्च 2023 में कनाडाई सीमा सुरक्षा एजेंसी ने 700 युवाओं को डिपोर्ट करने का नोटिस दिया था। इन युवाओं के वीजा दस्तावेज फर्जी निकले थे। यह सभी 700 छात्र जालंधर की एक एजुकेशनल माइग्रेशन वीजा कंपनी के जरिए कनाडा पहुंचे थे। इसके लिए छात्रों के परिवार वालों ने मोटी रकम भी चुकाई थी । 


कनाडा कॉलेज में फीस कितनी होती है ? 

एक रिपोर्ट के मुताबिक इन छात्रों से कनाडा के एक कॉलेज ने प्रवेश के नाम पर 16 से 2000000 रुपए तक ले लिए थे। बाद में यह कहकर उन्हें टाल दिया गया कि सभी सीटें भर चुकी है। उन्हें 6 महीने बाद एडमिशन मिलेगा । 


इन छात्रों ने वहा डिप्लोमा कोर्सेज में प्रवेश तो ले लिया पर जब जांच हुई तो सभी के दस्तावेज फर्जी पाए गए। अब सवाल यह उठता है कि पंजाब से सबसे ज्यादा युवा कनाडा ही क्यो जाना चाहते हैं ।


ज्यादातर पंजाबी कनाडा क्यों जाते हैं?

इसकी सबसे बड़ी वजह कैनेडा की उदार नीतियां है। यहां की नागरिकता लेना सबसे ज्यादा आसान है। कनाडा में 20 ऐसे शहर है जहां हर चौथा शक्स पंजाबी है। यहां की नागरिकता नियमों की बात करें तो कनाडा में 5 साल तक अप्रवासी के तौर पर रहने वाला शख्स वहां की नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकता है। 


इस अवधि में उसे कम से कम 3 साल तक लगातार देश में रहना होगा। पंजाब से कनाडा जाने वाले युवाओं में सबसे ज्यादा वे छात्र होते हैं जो 12वीं के बाद ही वहां जाना चाहते हैं। दरअसल विदेशों में पढ़ाई करना बहुत महंगा है। छात्रों के रहने खाने और कॉलेज के फिश में ही पेरेंट्स का तकरीबन 25 से ₹300000 लाख तक हर साल का खर्च होता है। 


कनाडा जाने का फायदा ? 

कनाडा में जाने से फायदा यह है कि वहां पर छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब ऑप्शंस भी दिए जाते हैं। यह पार्ट टाइम जॉब सप्ताह में 10 से 20 घंटे की होती है जिससे छात्र इतना कमा लेते हैं कि वह अपनी जेब खर्चे निकाल सकें ।


इसके अलावा यहां नस्लीय भेदभाव जैसी समस्याएं भी नहीं है। पंजाब में विदेश जाने की चाहत रखने वाले 80% युवा कैनेडा ही जाना चाहते हैं। Oversized association of consultant for over Studies 1 साल पहले जारी रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के 75% अभिभावक भी चाहते हैं कि उनके बच्चे विदेश में जाकर ही पड़े ।


इसका सबसे बड़ा कारण पंजाब में बढ़ रही बेरोजगारी और नशे की लत को माना गया है। यह पेरेंट्स मानते हैं कि यदि बच्चा पंजाब में रुका तो वह नशे का लत का शिकार हो सकता है। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 


पंजाबी लोग कितने परसेंट कनाडा में रहते हैं ? 

लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 2021 के मुकाबले 2022 में विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वालों की संख्या में 68% तक बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक 2021 में 444553 छात्र विदेश पढ़ने के लिए गए थे । 


जबकि 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.50 लाख के करीब हो गया। इस से पहले 2017 में चार लाख 54 हजार दो हजार अट्ठारह में 518000 और 2019 में 586000 छात्र विदेश पढ़ाई के लिए गए थे। 2020 में कोरोनावायरस से बाहर जाने वाले छात्रों के आंकड़ों में गिरावट आई थी, लेकिन उस साल भी तकरीबन दो लाख 60 हजार के करीब छात्र पढ़ाई के लिए विदेश गए थे। 


सबसे ज्यादा भारत के किस राज्य के लोग विदेश में रहते हैं ? 

पढ़ाई के लिए विदेश जाने की बात करें तो देश में पंजाब दूसरे नंबर पर है। इस मामले में सबसे आगे चंडीगढ़ है जिसमें प्रति लाख आबादी पर तकरीबन 10150 लोग विदेश में है। पंजाब में प्रति लाख आबादी पर यहां खड़ा 859 है और दिल्ली में 825 है। 


यदि उस राज्य की बात करें जिसमें सबसे कम युवा विदेश पलायन कर रहे हैं तो उनमें त्रिपुरा का नंबर सबसे पहले आता है जहां प्रति लाख आबादी पर महज 11 युवा ही विदेश गए हैं। इसके बाद बिहार का नंबर है जहां यह आंकड़ा खत्म हो जाता है । 


आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,



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