Friday, December 8, 2023

Sabse khatarnak bhutiya Railway station ? | Bhutiya railway station story ? | Begunkodar bhutiya railway station

कोंन है वो लड़की जिसने पूरे 42 सालों तक इस station पर ट्रेन नहीं रुकने दि। कोलकाता और झारखंड को जोड़ने वाली main  रेलवे लाइन के बीच बने स्टेशन को क्यों सालों तक वीरान रखा गया। वैसे तो उस रेलवे स्टेशन से कई ट्रेंस गुजरती थी ।

Sabse khatarnak bhutiya Railway station ? | Bhutiya railway station story ? | Begunkodar bhutiya railway station

लेकिन जैसे ही कोई ट्रेन रेलवे स्टेशन के पास पहुंचते रुकना तो छोड़िए वह अपनी स्पीड से और ज्यादा तेज बढ़ जाती थी और रात के समय तो से स्टेशन से गुजर ना सीधा अपनी मौत को न्योता देने के बराबर था तो आखिर क्या था इस स्टेशन में और क्यों यहां 42 सालों तक सन्नाटा पसरा रहा है। 


Sabse khatarnak bhutiya Railway station ? | Bhutiya railway station story ? | Begunkodar bhutiya railway station

चलिए जानते हैं दोस्तो ये कहानी शुरू होती है। साल 1960 से जब वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता से लगभग 250 किलोमीटर दूर बेगुनकोडर नाम का एक गाँव हुआ करता था । ये गांव आज भी वहां मोहजूद है। लेकिन तब यहाँ रेलवे स्टेशन नहीं था। 


रेलवे लाइन थी लेकिन स्टेशन लगभग 25 किलोमीटर दूर था। जिस वजह से लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए काफी दूर जाना पड़ता था । जिसके बाद बेगुनकोडर और आसपास के गांव वाले मिलकर यहां पर स्टेशन बनवाने की मांग करने लगे और 1962 आते-आते यहां एक नया नवेला स्टेशन बनकर तैयार हो जाता है। 


बंगाल का भूतिया रेलवे स्टेशन । Begunkodar railway station


उसके बाद 1962 में रेलवे स्टेशन को चालू कर दिया गया ।  जिसकी वजह से बेगुनकोडर और आसपास के जो गांव वाले थे । उनकी परेशानियां खत्म हो गई। लोग आसानी से यहां वहां जा सकते थे। सब कुछ बिल्कुल सही चल रहा था। लेकिन गांव वालों की खुशियां ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई। 


साल 1967 में जब यहां मोहन नाम के स्टेशन मास्टर की पोस्टिंग होती है तो शुरुआत में सब कुछ ठीक था। लेकिन कुछ दिनों के बाद उसे रात के समय स्टेशन पर अजीब से चीजें दिखाई देने लगी ।  एक दिन अचानक उन्होंने देखा कि एक लड़की ट्रेन के साथ-साथ दौड़ रही है जिसे देख कर मोहन ने नजरअंदाज कर दिया 


उन्हें लगा सायद वो ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ रही होगी और जब अगली श्याम उन्होंने फिर से उस लड़की को ट्रेन के साथ दौड़ते हुए देखा तो उन्हें कुछ अजीब लगा । क्योंकि लड़की Train के साथ दौड़ती तो जा रही थी लेकिन उस पर चढ़ नहीं रही थी। 


फिर भी  मोहन ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। पर हद तो तब हो गई जब मोहन ने फिर से उसी लड़की को ट्रेन के साथ दौड़ते हुए देखा पर इस बार वो चोक गई क्योंकि वह लड़की इतनी तेज दौड़ रही थी कि उसने ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया। 


Bhutiya railway station in West Bengal

अगली सुबह होते ही मोहन अपने साथी कर्मचारियों से इस बात का जिक्र करते हैं । लेकिन कोई भी मोहन की बात पर यकीन नहीं करता और सब बोल रहे हैं कि ये उनका वहम है। फिर अगले दिन वो हर तरफ वह लड़की को ढूंढते हैं । पर उन्हें ऐसी कोई भी लड़की दिखाई नहीं देती। 


लेकिन जैसे ही अंधेरा हुआ और ट्रेन स्टेशन पर पहुंची । वह लड़की फिर से ट्रेन के पटरी पर दौड़ने लगी और इस बार वो ट्रेन के साथ साथ नाच भी रही थी। इस नजारे को देखकर स्टेशन मास्टर मोहन के पैरों तले जमीन खिसक गई। 


उन्होंने ये बात अब फिर से लोगों को बताई पर फिर भी कोई उनका यकीन नहीं कर रहा था । जिसके बाद वो स्टेशन मास्टर बीमार पड़ गया और कुछ ही दिनों के बाद उसकी मौत हो गई। 


उसके बाद दूसरा स्टेशन मास्टर बेगुनकोडर में आता है। वह भी ठीक वही बातें लोगों को बताता है जिसका कहना था कि जब कोई ट्रेन नहीं आती तो लड़की दिखाई नहीं देती ।  लेकिन जैसे ही ट्रेन आती है । वह अचानक से उसके साथ दौड़ने लगती है। कभी ट्रेन से आगे निकल जाती है तो कभी पटरी पर दौड़ती है। 


मानो जैसे ट्रेन के साथ पकड़म पकड़ाई खेल रही हो क्योंकि स्टेशन मास्टर ने अपने से पहले वाले स्टेशन मोहन की भी कहानी सुनी थी। तो वो ज्यादा दिनों तक इंतजार नहीं करता और वापस अपने घर लौट जाता है। 


दो स्टेशन मास्टर के साथ इस तरह की चीजें होने के बाद जब तीसरे station master  को रखा जाता है तो थोड़े समय बाद वह भी से स्टेशन से तौबा कर के भाग निकलता है। जिसके बाद वह कहता है कि उसकी पोस्टिंग पूरे भारत में कहीं भी कर दी जाए। बंसल से बंसल इलाके में उसे भेज दिया जाए । वो चला जाएगा  । लेकिन  बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन में काम नहीं करेगा।


इस घटना के बाद यह बात बहुत ही तेजी से फैलने के बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन में किसी लड़की का भूत है। इसलिए लोगों ने तो उस स्टेशन पर आना ही छोड़ दिया और एक-एक करके स्टेशन में काम करने वाले बाकी कर्मचारी भी चले गए। दिन के उजाले में फिर भी एकाध इंसान वहां पहुंच जाता था। 


लेकिन अंधेरा होते ही पूरी तरह से बेगुनकोडर में सन्नाटा पसर जाता था। Station के पास मौजूद गांव में रहने वाले कई चश्मदीद लोगों का कहना है कि उन्होंने बहुत बार स्टेशन तो उस लड़की को ट्रेन के साथ देखा है। जहां वह कभी ट्रेन की पटरी पर भाग कर आगे आती थी ।


तो कभी वह पटरी पर नाचने लगती कुछ तो ऐसे भी लोग हैं जिनका कहना था कि बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन पर एक पेड़ है जिस पर वह लड़की रहती है और वह भी बहुत से लोगों ने उस रात के समय में उसको देखा है। 


जब ये बात रेलवे कुछ अधिकारियों को पहुंची तो उन्होंने भी कोशिश की कि कैसे भी करती है। स्टेशन वापस से शुरू किया जाए । लेकिन कोई भी स्टेशन पर जाने के लिए तैयार नही था ।  सभी का कहना था कि भले ही हम नौकरी छोड़ देंगे ।  लेकिन बेगुनकोडर स्टेशन पर काम करने नहीं जाएंगे।


और फिर भी उसे स्टेशन पर ट्रेन आती रही ओर रुकती थी। लेकिन ना ही कोई वहा उतरता  और ना ही कोई  उस station से चढ़ता था । बल्कि गांव वाले तो सब स्टेशन से दूर जाने तक को तैयार थे । लेकिन वह स्टेशन के आसपास फटकने नहीं चाहते थे।


अब आप सोचिए जिन लोगो के मान पर ये स्टेशन बनाया गया था ताकि उन्हें सुविधा हो । अब उन्ही लोगों ने उस स्टेशन पर आना बंद कर दिया। ओर आते भी क्यो । जब स्टेशन में स्टेशन मास्टर से लेकर सिग्नल मैन तक हर कोई गायब था । तो वैसे भी स्टेशन पर आकर कोई फायदा नहीं था। 


ओर लास्ट में मजबूर होकर रेलवे ने फैसला किया कि स्टेशन को बंद कर दिया जाए पर अब वहां कोई ट्रेन नहीं रुकेगी क्योंकि ट्रेन को रोकने के लिए या फिर सिग्नल देने के लिए वहां एक इंसान की जरूरत होती है और कोई इंसान नहीं बनना चाहता था।


बेगुनकोडर भूतिया रेलवे station को कब बंद किया गया था ? 

इसलिए 1967 में स्टेशन खोलने के 5 साल के बाद ही उसे स्टेशन को बंद कर दिया गया और फिर ये स्टेशन बिल्कुल किसी भूतिया महल की तरह वीरान हो गया। 


यहां तक कि रेलवे ने बाकायदा अपने रिकॉर्ड बुक में बेकुनकोदार को भूतिया रेलवे स्टेशन तक घोषित कर दिया क्योंकि यहां पर कारण लिखना था कि आखिर क्यों नए रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया। ओर इसी कारण में एक लड़की का ट्रेन के साथ नाचते ओर दौड़ने की बात लिखी गई। 


अब जाहिर सी बात है जो भारतीय रेलवे ऑफिशल रिकॉर्ड्स इस घटना का जिक्र है तो कोई हवा हवाई वाली होगी । तभी तो सालों बीतते गए लेकिन यह स्टेशन चालू नहीं हुआ। इस दौरान कई सरकारी मंत्रियों ने स्टेशन को लेकर बयान दी है।


वहीं के एक लोकल एमएलए जिनके विधानसभा क्षेत्र स्टेशन और बेगुनकोडर गांव आता था। उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया। की इस रेलवे स्टेशन में भूत का साया है और उसे बंद ही रखना चाहिए। उस लड़की को देखने के बाद ना सिर्फ लोग बीमार हुए बल्कि उनके मौत तक  गई । 


और कुछ को तो अभी तक दिमागी रूप से पागल है तो जब सरकार और सरकार के मुलाजिम इस बात को स्वीकार कर चुके हैं तो फिर आम जनता कैसे इस बात को झुठला सकती थी वक्त के साथ ही इस स्टेशन का खौफ इतना बढ़ गया कि जैसे ही ट्रेन स्टेशन से चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर पहुंचती तो अपनी स्पीड तेज कर लेती ताकि जल्दी से जल्दी ट्रेन उस स्टेशन से निकल जाए। 


Station आने से पहले जितनी भी passanger होते है । वे सभी अपने खिड़की वेगेरा बंद कर लेते और इस बात का ख्याल रखते की भूल कर भी कोई उसे स्टेशन की तरफ ना देखो क्योंकि अगर किसी ने उस लड़की को देख लिया तो समझ लीजिए कि उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है।


तो दोस्तों चलिए मान लेते हैं कि बेगुनकोडर नाम का एक भूतिया स्टेशन है और उसे स्टेशन पर एक लड़की का साया है जो ट्रेन के साथ भागती है। नाचती है लेकिन सवाल यही आता है। क्या आखिर वो लड़की है कौन तो सवाल को लेकर आप बेगुनकोडर के किसी भी व्यक्ति से पूछ लीजिए। 


बेगुनकोडर भूतिया station क्यो बना ? 

हर एक इंसान आप को यही जवाब देगा कि एक लड़की को ट्रेन के नीचे आने से मौत हो गई थी और उसी लड़की की आत्मा तब से वहां भटक रही है। सायद उसे कहीं जाना था और ट्रेन पकड़नी थी। इसलिए जब ट्रेन आती है तो वो ट्रेन के साथ भागना शुरू कर देती है। 


एक तरफ तो उस स्टेशन का खोफ बढ़ता जा रहा था लेकिन जैसे ही बात कोलकाता की ट्रैवल एजेंसीज को पता चली। उन्होंने इस बात का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करना शुरू कर दिया और अपने ट्रैवल बैंक में लोगो को लुभाने के लिए इस भूतिया स्टेशन पर घुमाने का भी पैक जोड़ दिया । 


जिसके बाद दिन के उजाले में लोगों को इस स्टेशन में घुमाने के लिए ले जाया जाता तो बाकायदा गाइड इस station की कहानी सुनाता धीरे-धीरे वक्त बीतता गया। करीब 40 साल बीत गए पर अब बात मीडिया तक पहुंच गई कि किस तरह एक रेलवे स्टेशन है ।


जहां एक लड़की का भूत है और स्टेशन को देखने के लिए लोग दूर-दूर से वहाँ पहुच रहे है। फिर ये बात मीडिया के जरिए पूरे देश में पहुंचती है। आप कोलकाता से टीम पैरानॉर्मल चीजों की जांच करने वाले लोगों के साथ वाह पहुंचती है ताकि यहां होने वाली भूतिया एक्टिविटीज का पता लगाया जा स्सकें 


जिसके  बाद कोलकाता से 11 लोगों की टीम कैमरा और नेगेटिव एनर्जी की पहचान करने वाले की 2 मीटर के साथ वहां पहुंचती है। सबसे पहले तो यह लोग गांव के लोगों से बात करते हैं और हर कोई इन्हें यही चेतावनी देता था कि रात होने से पहले वापस लौट जाओ और अंधेरे में तो भूलकर भी इस स्टेशन के पास मत भटकना वरना मारे जाओगे ।


लेकिन यह टीम तो आई ही थी। इसीलिए भूत को देख सकें। पूरी रात टिम स्टेशन के प्लेटफार्म पर उसके आउटर पर और पेड़ों पर चेक करती रही कोई तो उन्हें दिखाई दे

 लेकिन रात से सुबह हो जाती है। पर कैमेरा में तक ऐसा कुछ रिकॉर्ड हुआ ओर ना ही उनके केतु मीटर पर कोई भी ना नेगेटिव एनर्जी मिली ।


42 साल बाद कब बेगुनकोडर का रेलवे स्टेशन चालू किया था ? 

और साल 1968 के बाद पहली बार कोई इंसान है। इस स्टेशन पर अपनी रात को गुजारता है। फिर यह बात मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची हो। धीरे-धीरे लोगों का नजरिया भी बदल ने लगा जिसके बाद स्टेशन को दोबारा से खोलने का फैसला किया गया और पूरे 42 सालों के बाद सितंबर 2009 में स्टेशन को दोबारा से शुरू किया जाता है। 


वैसे तो अब ये स्टेशन चल रहा है लेकिन आज भी सिर्फ दिन के उजाले में यहां ट्रेन रुकती है। शाम 5:00 बजे के बाद वहां कोई ट्रेन नहीं रुकती और पूरे बेगुनकोडर के लोग शाम 5:00 बजे के बाद उस स्टेशन  के आसपास नजर नहीं आते। यहां तक कि रेलवे का पूरा स्टाफ भी स्टेशन से निकल जाता था।


यानी कि सिर्फ एक लड़की के कारण बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन 42 सालों तक वीरान रहा और आज भी रात के समय यहां परिंदा भी पर नहीं मारता और घटना सच्ची तो है । लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है और कितना झूठ यह बता पाना मुश्किल है। 


बाकी आपके ऊपर क्या कहना है। कमेंट में आकर जरूर बताएं और इसी तरह की पोस्ट को पढ़ते रहने के लिए blogg को सब्सक्राइब करें। तो हमारे दोस्तो हमारे blogg के साथ बने रहने के लिए आप शभी लोगो का दिल से धन्यवाद ,,,,,


भारत में भूतिया रेलवे स्टेशन कौन सा है? । भूतिया स्टेशन कौन कौन से हैं? । भारत मे कितने रेल्वे स्टेशन है? । 10 भूतिया रेलवे स्टेशन । बंगाल का भूतिया रेलवे स्टेशन । सबसे खतरनाक भूतिया रेलवे स्टेशन 

 Bhutiya railway station in West Bengal । Bhutiya railway station story । Begunkodar bhutiya railway station । Bhutiya railway station name । Bhutiya railway station Hindi । Sabse khatarnak bhutiya Railway station । Bhutiya railway station video । Bhutiya railway station kolkata । Bhutiya railway station cartoon । Begunkodar railway station । Haunted railway station

No comments:
Write comment